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कोरोना से अनाथ हुए बच्चों और बेसहारा बुजुर्गों के लिए राहत पैकेज जारी करे राज्य सरकारः भाजपा

प्रदेश भाजपा ने राज्य सरकार से कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों और बेसहारा बुजुर्गों की मदद के लिए राहत पैकेज जारी करने की मांग की है.

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Published : Jun 2, 2021, 10:57 PM IST

बीजेपी ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना, Rajasthan Politics
बीजेपी ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना

जयपुर. प्रदेश भाजपा ने राज्य सरकार से कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों और बेसहारा बुजुर्गों की मदद के लिए राहत पैकेज जारी करने की मांग की है. डॉ. सतीश पूनिया ने वक्तव्य जारी कर कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार कोरोनाकाल में अनाथ हुये बच्चों की मदद को लेकर संवेदनशीलता के साथ ऐतिहासिक फैसला लेते हुए निशुल्क शिक्षा, स्वास्थ्य और 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता सुनिश्चित कर चुकी है, ऐसे में राजस्थान सरकार को भी कोविडकाल में राज्य में अनाथ हुये बच्चों के संबल के लिये राहत पैकेज जारी करना चाहिये.

पूनिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, असम, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश जैसी राज्य सरकारें भी अनाथ बच्चों के लिये सहायता का ऐलान कर चुकी हैं. इसमें प्रदेश सरकार भी इस प्रकार की मदद के लिए पैकेज की घोषणा करे ताकि ऐसे बच्चों और बुजुर्गों को संबल मिल सके. इससे पहले पूनिया ने 20 मई, 2021 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कोरोना की प्रथम और द्वितीय लहर में अपने माता-पिता को खो चुके बालक, बालिकाओं, बेसहारा हुए बुजुर्गों को और उनके परिवारों को मुफ्त राशन, शिक्षा, चिकित्सा सुविधा और आर्थिक संबल उपलब्ध कराने के संबंध में आग्रह किया था.

कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी ले प्रदेश सरकारः कालीचरण सराफ

पूर्व चिकित्सा मंत्री और मौजूदा भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने कोरोना महामारी के दौरान माता-पिता को खो चुके बच्चों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से प्रदेश में पिता की मृत्यु और अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी लेने और आर्थिक पैकेज का एलान करने की मांग की है.

यह भी पढ़ेंः सोशल मीडिया पर AICC का 'Free Vaccination' कैंपेन, डोटासरा ने कहा- जिम्मेदारी से भाग रही मोदी सरकार

सराफ ने कहा कि यूपी ने बाल सेवा योजना का एलान किया है, जिसमें वयस्क होने तक बच्चे की देखभाल करने वाले को 4000 रुपए प्रतिमाह की वित्तीय सहायता दी जाएगी. इसी प्रकार एमपी सरकार ने कोविड बाल कल्याण योजना की घोषणा की है जिसमें बच्चों को 5000 प्रतिमाह तक की पेंशन और फ्री राशन दिया जाएगा. 12वीं तक सरकारी स्कूल में निशुल्क पढ़ाई और निजी स्कूल में पढ़ने के लिए 10 हजार सालाना की सहायता राशि दी जाएगी. उनके कॉलेज शिक्षा का खर्च भी सरकार उठाएगी. इसी तरह त्रिपुरा, असम और हरियाणा सरकारों ने भी अनाथ हुए बच्चों के जीवनयापन, पढ़ाई, रोजगार और शादी तक के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा कर दी है.

सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि राजस्थान सरकार आखिर किस बात का इंतजार कर रही है. सराफ ने इन मासूम बच्चों के प्रति अपने दायित्वों को निभाने के लिए राज्य सरकार अविलम्ब वित्तीय मदद की घोषणा करे, ताकि कोरोनाकाल में अनाथ हो चुके बच्चों को संबल मिले.

जयपुर. प्रदेश भाजपा ने राज्य सरकार से कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों और बेसहारा बुजुर्गों की मदद के लिए राहत पैकेज जारी करने की मांग की है. डॉ. सतीश पूनिया ने वक्तव्य जारी कर कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार कोरोनाकाल में अनाथ हुये बच्चों की मदद को लेकर संवेदनशीलता के साथ ऐतिहासिक फैसला लेते हुए निशुल्क शिक्षा, स्वास्थ्य और 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता सुनिश्चित कर चुकी है, ऐसे में राजस्थान सरकार को भी कोविडकाल में राज्य में अनाथ हुये बच्चों के संबल के लिये राहत पैकेज जारी करना चाहिये.

पूनिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश, त्रिपुरा, असम, मध्यप्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, अरुणाचल प्रदेश जैसी राज्य सरकारें भी अनाथ बच्चों के लिये सहायता का ऐलान कर चुकी हैं. इसमें प्रदेश सरकार भी इस प्रकार की मदद के लिए पैकेज की घोषणा करे ताकि ऐसे बच्चों और बुजुर्गों को संबल मिल सके. इससे पहले पूनिया ने 20 मई, 2021 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कोरोना की प्रथम और द्वितीय लहर में अपने माता-पिता को खो चुके बालक, बालिकाओं, बेसहारा हुए बुजुर्गों को और उनके परिवारों को मुफ्त राशन, शिक्षा, चिकित्सा सुविधा और आर्थिक संबल उपलब्ध कराने के संबंध में आग्रह किया था.

कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी ले प्रदेश सरकारः कालीचरण सराफ

पूर्व चिकित्सा मंत्री और मौजूदा भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने कोरोना महामारी के दौरान माता-पिता को खो चुके बच्चों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से प्रदेश में पिता की मृत्यु और अनाथ हुए बच्चों की जिम्मेदारी लेने और आर्थिक पैकेज का एलान करने की मांग की है.

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सराफ ने कहा कि यूपी ने बाल सेवा योजना का एलान किया है, जिसमें वयस्क होने तक बच्चे की देखभाल करने वाले को 4000 रुपए प्रतिमाह की वित्तीय सहायता दी जाएगी. इसी प्रकार एमपी सरकार ने कोविड बाल कल्याण योजना की घोषणा की है जिसमें बच्चों को 5000 प्रतिमाह तक की पेंशन और फ्री राशन दिया जाएगा. 12वीं तक सरकारी स्कूल में निशुल्क पढ़ाई और निजी स्कूल में पढ़ने के लिए 10 हजार सालाना की सहायता राशि दी जाएगी. उनके कॉलेज शिक्षा का खर्च भी सरकार उठाएगी. इसी तरह त्रिपुरा, असम और हरियाणा सरकारों ने भी अनाथ हुए बच्चों के जीवनयापन, पढ़ाई, रोजगार और शादी तक के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा कर दी है.

सराफ ने एक बयान जारी कर कहा कि राजस्थान सरकार आखिर किस बात का इंतजार कर रही है. सराफ ने इन मासूम बच्चों के प्रति अपने दायित्वों को निभाने के लिए राज्य सरकार अविलम्ब वित्तीय मदद की घोषणा करे, ताकि कोरोनाकाल में अनाथ हो चुके बच्चों को संबल मिले.

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