जयपुर. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और उप नेता राजेंद्र राठौड़ गुरुवार रात दिल्ली पहुंच चुके हैं. जबकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया शुक्रवार अलसुबह दिल्ली के लिए रवाना होंगे. ये नेता शुक्रवार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष सहित प्रमुख नेताओं से भी चर्चा करेंगे.
बताया जा रहा है कि पिछले दिनों सतीश पूनिया ने इस मुलाकात के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से समय भी लिया था. प्रदेश में मार्च-अप्रैल तक सहाड़ा सुजानगढ़ और राजसमंद सीट पर उपचुनाव होने की संभावना है. ऐसे में इन तीनो ही नेताओं के दिल्ली दौरे का एक प्रमुख कारण इन उप चुनाव की तैयारियों से जुड़ी मंत्रणा है जो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ की जाना है. वहीं, पिछले दिनों प्रदेश में हुए पंचायती राज चुनाव निकाय चुनाव के नतीजे और किसान आंदोलन को लेकर प्रदेश में चल रही सियासत के बीच भाजपा द्वारा इसे थामने के किए जा रहे प्रयासों की जानकारी भी है.
ये बात भी सामने आ रही है कि प्रदेश से जुड़े सियासी मुद्दों पर इस दौरान चर्चा भी होगी और संगठनात्मक रूप से भी कुछ रिपोर्ट पार्टी आलाकमान तक पहुंचाई जाएगी. नड्डा से होने वाली इस मुलाकात के दौरान मोर्चा की प्रदेश टीम और राजस्थान से भाजपा मोर्चा के राष्ट्रीय टीम में दिए जाने वाले प्रतिनिधित्व को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है. वहीं राजस्थान भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति भी बनाई जानी है. संभवतया इसको लेकर भी पूनिया जेपी नड्डा से चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश लेंगे.
केंद्रीय नेता जयपुर में और प्रदेश नेता दिल्ली में...
राजस्थान से इन तीनों नेताओं के ही दिल्ली में शुक्रवार को पहुंच कर प्रमुख नेताओं से चर्चा की सूचना है. जबकि पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे राष्ट्रीय प्रवक्ता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुर्जर राजस्थान में ही हैं. ऐसे में जो भी चर्चा प्रमुख नेताओं से होगी वह इन राष्ट्रीय पदाधिकारियों से अलग होगी. मतलब इनकी मौजूदगी में नहीं होगी.
बताया यह भी जा रहा है कि पिछले दिनों राजस्थान में जिस प्रकार सियासी संकट आया था उस दौरान प्रमुख बीजेपी नेताओं की जो भूमिका रही थी. उसको लेकर भी चर्चा होगी. क्योंकि उस दौरान कांग्रेस की ओर से लगातार भाजपा नेताओं को निशाने पर लिया जा रहा था और कई प्रकार के आरोप भी लग रहे थे. वहीं, आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा गठबंधन तोड़ने के बाद मौजूदा परिस्थितियों में अब किस प्रकार प्रदेश की राजनीति में आगे काम करना है. इसको लेकर भी पार्टी आलाकमान से निर्देश लिए जाएगा.