जयपुर. सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान के नाम एक और कीर्तिमान बन गया है. मार्च माह में 1877 मेगावाट अतिरिक्त सोलर ऊर्जा क्षमता विकसित कर राजस्थान अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में समूचे देश में पहले पायदान पर आ गया (Rajasthan ranked number one in renewable energy) है. केन्द्र सरकार के नवीकरणीय मंत्रालय के जारी मार्च, 2022 तक के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार 17040.62 मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता विकसित कर राजस्थान अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में पहले नंबर पर आ गया है. एक माह में ही लंबी छलांग लगाते हुए राजस्थान चौथे नंबर से पहले नंबर पर आया है.
अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. अग्रवाल अग्रवाल ने बताया कि 16587.90 मेगावाट क्षमता के साथ गुजरात दूसरे, 16099 मेगावाट क्षमता के साथ तमिलनाडु तीसरे, 15904.59 मेगावाट के क्षमता के साथ कर्नाटक चौथे और 10657.08 मेगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता के साथ महाराष्ट्र पांचवें पायदान पर पहुंच गया है. उन्होंने बताया कि इससे एक माह पहले फरवरी 2022 में जारी रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान चौथे स्थान पर था, तो तमिलनाडु पहले पायदान पर था. अब तमिलनाडु दूसरे स्थान से एक पायदान पिछड़कर तीसरे स्थान पर आ गया है. वहीं गुजरात तीसरे से दूसरे स्थान पर काबिज हो गया है.
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि मार्च, 2022 तक प्रदेश में 11493.75 मेगावाट क्षमता ग्राउण्ड माउण्टेड सोलर, 748.44 मेगावाट क्षमता रुफटॉप सोलर और 322.68 मेगावाट क्षमता आफग्रिड सोलर इस तरह कुल 12564.87 मेगावाट सोलर ऊर्जा क्षमता विकसित की जा चुकी है. इसके साथ ही विंड पॉवर क्षेत्र में 4326.82 मेगावाट, बायो पॉवर सेक्टर में 125.08 मेगावाट और स्माल हाइड्रो पॉवर सेक्टर में 23.85 मेगावाट क्षमता विकसित की जा चुकी है. डॉ. अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश को सोलर हब के रुप में विकसित करने के लिए योजनावद्ध प्रयास किए गए जिसका परिणाम है कि राजस्थान सोलर ही नहीं बल्कि समग्र रुप से अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में देश का अग्रणी प्रदेश बन गया है.
उन्होंने बताया कि उत्पादकता और लाभदायकता सभी क्षेत्रों में नए आयाम स्थापित किए गए हैं. राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम और इसकी सहयोगी कंपनी ने 31 मार्च, 2022 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में कर पूर्व 65 करोड़ रुपए का लाभ अर्जित कर लाभदायकता का नया इतिहास रचा है. यह वर्ष 2019-20 की तुलना में दो गुणा से भी अधिक है. वहीं वर्ष 2020-21 की तुलना में 20 करोड़ रुपए से भी अधिक है. गौरतलब है कि सोलर ऊर्जा के क्षेत्र में पहले से ही राजस्थान पहले स्थान पर काबिज है. अब नवीकरणीय ऊर्जा में समग्र रुप से विंड पावर, बायोपावर और सोलर पावर में मिलाकर राजस्थान ने पहला स्थान प्राप्त किया है. गौरतलब है कि मार्च, 2022 तक देश में 109885.39 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विकसित हो गई है.