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सोशल मीडिया पर राजस्थान बंद, जयपुर में खुले बाजार तो प्रतापगढ़, बीकानेर में कुछ बाजार रहे बंद

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Published : Sep 15, 2022, 4:38 PM IST

Updated : Sep 15, 2022, 9:09 PM IST

राजस्थान में गोवंश में फैले लंपी संक्रमण को लेकर सोशल मीडिया पर राजस्थान बंद के (Rajasthan bandh 15 september) आह्वान से जुड़ा मैसेज वायरल होने के बाद गुरुवार को मिला जुला असर दिखाई दिया है. जयपुर में जहां इस वायरल मैसेज का जमीनी असर नजर नहीं आया. वहीं, प्रतापगढ़, बीकानेर में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. हालांकि कई जगह व्यापारियों ने बंद में कोई रूचि नहीं दिखाई.

15 september Rajasthan band
सोशल मीडिया पर राजस्थान बंद

जयपुर. लंपी वायरस को लेकर राजस्थान बंद के आह्वान का राजस्थान में मिला जुला असर नजर आया. जयपुर में जहां बंद का आह्वान सोशल मीडिया तक सीमित रहा. वहीं बीकानेर, प्रतापगढ़ के कछ जगह दुकानें बंद नजर आई. 2 दिन से सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा 15 सितंबर को राजस्थान बंद का आह्वान गुरुवार को पूरी तरीके से फेल नजर आया. सामान्य दिनों की तरह ही बाजार निर्धारित समय पर खुले. व्यापारियों का कहना था कि इस तरह का मैसेज सिर्फ सोशल मीडिया पर था, इसको लेकर न कोई संगठन, न कोई राजनीतिक दल खुले रूप से सामने आया. इसलिए इस बंद को व्यापारियों का समर्थन नहीं मिला है.

दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे राजस्थान बंद के मैसेज के बाद भी राजधानी जयपुर में इसका कोई असर नहीं (Rajasthan bandh 15 september) दिखा. एमआई रोड व्यापार मंडल के महामंत्री सुरेश सैनी ने बताया कि यह सही है कि पिछले 2 दिन से सोशल मीडिया के जरिए राजस्थान में गोवंश में फैली लंपी बीमारी से बचाने के लिए और उसके समर्थन में राजस्थान बंद करने का संदेश वायरल हो रहा है. हमारे पास भी यह संदेश आया. हमारे व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने उस पर चर्चा की, उसमें यह निकला कि इस बंद को लेकर किसी भी सामाजिक संगठन या राजनीतिक दल का समर्थन नहीं है. साथ ही न ही कोई व्यापारी वर्ग से जुड़े हुए किसी संगठन ने इसका समर्थन किया है. ऐसे में हमने सामान्य दिनों की तरह ही अपने प्रतिष्ठान नियमित समय पर खोले हैं.

सोशल मीडिया पर राजस्थान बंद का असर

उन्होंने कहा कि राजस्थान में जिस तरह से लंपी विकराल रूप ले चुकी है, हम भी चाहते है गोवंश को बचाया जाए. इसको लेकर (Rajasthan Bandh against lumpy Disease) व्यापार मंडल भी समर्थन करता है. लेकिन बंद का नहीं, गाय हमारी पूजनीय है , एक भी गाय की मौत नहीं हो इसके लेकर हमारी तरफ से जो भी मदद हो सकती है हम कर रहे हैं. एमआई रोड व्यापारी माधवदास और अशोक लालवानी ने कहा कि आज कोई व्यापारियों ने बंद का समर्थन नहीं किया है. किसी भी संगठन ने इसका आह्वान नहीं किया.

पढ़ें. सोशल मीडिया पर जोर पकड़ रहा राजस्थान बंद का आह्वान, जानें क्या है पूरा मामला

ये मैसेज हुआ था वायरलः सोशल मीडिया पर वायरल हुए मैसेज में लिखा था कि 15 सितंबर 2022 को राजस्थान बंद किया जाए. गौ माता के लिए लंपी रोग का इलाज नहीं होने के कारण सभी भाइयों से विनती है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में यह स्टेटस लगाएं, जिससे गौ माता के इलाज के लिए सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम बढ़ाया जाए. एक स्टेटस गौ माता के नाम अति आवश्यक है.

सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस मैसेज ने शासन और प्रशासन की भी नींद उड़ा दी थी. एक और सरकार पहले से ही लंपी बीमारी (Viral message of Rajasthan Bandh) को रोकथाम को लेकर लगातार मैराथन बैठकें कर रही है. वहीं पिछले 2 दिन में सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे 15 सितंबर को राजस्थान बंद के मैसेज ने सरकार की चिंता बढ़ा दी. हालांकि प्रशासन भी लगातार व्यापार मंडलों और ऐसे संगठन जो गौवंश को लेकर काम करते हैं, उनसे संपर्क बनाए हुए था.

इससे पहले भी एट्रोसिटी एक्ट को लेकर हुआ था बंदः ऐसा नहीं है कि यह पहली बार है जब किसी सामाजिक संगठन या राजनीतिक दल के बगैर बंद का आह्वान हुआ हो. इससे पहले भी एट्रोसिटी एक्ट में हुए बदलाव के विरोध में सामान्य वर्ग की ओर से भारत बंद का आह्वान किया गया था. उस वक्त भी किसी भी सामाजिक संगठन ने भारत बंद के आह्वान की जिम्मेदारी नहीं ली थी. सिर्फ और सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए भारत बंद हुआ था. इसी तरह से एक बार फिर सोशल मीडिया के जरिए ही राजस्थान बंद का आह्वान किया गया.

पढ़ें. ना कोई सामाजिक संगठन, ना कोई राजनीतिक दल...फिर चल पड़ा सोशल मीडिया पर राजस्थान बंद का संदेश

54 हजार से अधिक गायों की मौतः बता दें कि प्रदेश में लंपी वायरस का कहर लगातार जारी है. प्रदेश में लंपी बीमारी से 12 लाख से अधिक गोवंश संक्रमित हो चुके हैं. वहीं अब तक 54 हजार से अधिक गोवंश की मौत हो चुकी है. लंपी के रोकथाम के लिए गायों को गोट पॉक्स वैक्सीन लगाई जा रही है. साथ ही अन्य गाइडलाइन भी जारी किए गए हैं.

प्रतापगढ़ में प्रतिष्ठान रहे बंदः गुरुवार को गो भक्तों की ओर से प्रतापगढ़ बंद का एलान किया गया है. स्वैच्छिक बंद के इस आह्वान पर शहर के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं. आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है. गौ भक्त शहर में घूम घूम कर बंद की अपील कर रहे हैं. गौ रक्षा हिंदू दल के प्रदेश सचिव गोपाल मोदी ने बताया कि पूरे प्रदेश में लंपी स्किन संक्रमण का कहर जारी है. प्रतापगढ़ जिला भी अब इससे अछूता नहीं है. रोजाना सैकड़ों गोवंश लंपी के कारण दम तोड़ रहे हैं. सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास नाकाफी सिद्ध हो रहे हैं. प्रतापगढ़ में बंद का असर देखा जा रहा है. शहर के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं. बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है.

पढ़ें : प्रदेश में लंपी से 50 हजार गायों की मौत, रोजाना 1200 से 1400 गाएं तोड़ रही दम

बीकानेर में कुछ जगह बंद का पूरा असरः गायों में फैली लंपी बीमारी को लेकर राजस्थान बंद (Effects of Rajasthan Bandh in Bikaner) के आह्वान के बीच गुरुवार को बीकानेर में भी कुछ जगह बंद का असर दिखाई दिया. वहीं, कुछ जगह सामान्य दिनों की तरह दुकानें खुली नजर आई. खास बात यह रही कि बिना किसी के आह्वान के केवल सोशल मीडिया पर ही बंद की अपील का असर बीकानेर के लंबी से प्रभावित वाले क्षेत्रों खाजूवाला, दंतोर, पूगल, श्रीडूंगरगढ़ मोमासर कस्बों में दिखाई दिया और दुकानें बंद रहीं.

वहीं बीकानेर शहर के मुख्य बाजार कोटगेट चुनिंदा दुकानें ही बंद नजर आईं. इसके अलावा पूरा मार्केट आम दिनों की तरह खुला नजर आया. वहीं शहर के दूसरे हिस्सों में दुकाने बंद नजर आई. इस दौरान कुछ दुकानदारों ने बंद का समर्थन करते हुए प्रदेश व्यापी आह्वान पर अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर गायों में फैल रही लंपी बीमारी को लेकर राज्य सरकार के प्रति आक्रोश जताया. लंपी के रोकथाम की प्रभावी व्यवस्था नहीं होने से लोगों में नाराजगी दिखाई दी.

पढ़ें. शहर में घूमकर लंपी के प्रति ऊंट के जरिए कर रहे जागरूक , देखें VIDEO

झुंझुनू में गौ माता बचाओ रैली : सिंघाना कस्बे में गुरुवार को गौरक्षा दल के युवाओं ने गायों में फैली लंपी वायरस की बीमारी को लेकर सरकार के विरोध में रैली निकाली. रैली के दौरान युवाओं ने बीमारी से बचाने के लिए आमजन से गौ माता को बचाने के लिए आगे आकर सहयोग करने की अपील की.

नागौर में नहीं दिखा बंद का असर: गो संगठनों की ओर से प्रदेशव्यापी स्वेच्छिक बंद का व्यापक असर नागौर शहर में दिखाई नहीं दिया है. यहां कुछ दुकानों को छोड़कर रोजाना की तरह दुकाने खुली. वहीं दूसरी ओर डीडवाना शहर के संपूर्ण बाजार पूरी तरह से बंद रहे. स्वेच्छिक बंद में कई गो संगठनों और सामाजिक संगठनों के साथ सभी व्यापार मंडलों ने भी समर्थन दिया.

जयपुर. लंपी वायरस को लेकर राजस्थान बंद के आह्वान का राजस्थान में मिला जुला असर नजर आया. जयपुर में जहां बंद का आह्वान सोशल मीडिया तक सीमित रहा. वहीं बीकानेर, प्रतापगढ़ के कछ जगह दुकानें बंद नजर आई. 2 दिन से सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा 15 सितंबर को राजस्थान बंद का आह्वान गुरुवार को पूरी तरीके से फेल नजर आया. सामान्य दिनों की तरह ही बाजार निर्धारित समय पर खुले. व्यापारियों का कहना था कि इस तरह का मैसेज सिर्फ सोशल मीडिया पर था, इसको लेकर न कोई संगठन, न कोई राजनीतिक दल खुले रूप से सामने आया. इसलिए इस बंद को व्यापारियों का समर्थन नहीं मिला है.

दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे राजस्थान बंद के मैसेज के बाद भी राजधानी जयपुर में इसका कोई असर नहीं (Rajasthan bandh 15 september) दिखा. एमआई रोड व्यापार मंडल के महामंत्री सुरेश सैनी ने बताया कि यह सही है कि पिछले 2 दिन से सोशल मीडिया के जरिए राजस्थान में गोवंश में फैली लंपी बीमारी से बचाने के लिए और उसके समर्थन में राजस्थान बंद करने का संदेश वायरल हो रहा है. हमारे पास भी यह संदेश आया. हमारे व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने उस पर चर्चा की, उसमें यह निकला कि इस बंद को लेकर किसी भी सामाजिक संगठन या राजनीतिक दल का समर्थन नहीं है. साथ ही न ही कोई व्यापारी वर्ग से जुड़े हुए किसी संगठन ने इसका समर्थन किया है. ऐसे में हमने सामान्य दिनों की तरह ही अपने प्रतिष्ठान नियमित समय पर खोले हैं.

सोशल मीडिया पर राजस्थान बंद का असर

उन्होंने कहा कि राजस्थान में जिस तरह से लंपी विकराल रूप ले चुकी है, हम भी चाहते है गोवंश को बचाया जाए. इसको लेकर (Rajasthan Bandh against lumpy Disease) व्यापार मंडल भी समर्थन करता है. लेकिन बंद का नहीं, गाय हमारी पूजनीय है , एक भी गाय की मौत नहीं हो इसके लेकर हमारी तरफ से जो भी मदद हो सकती है हम कर रहे हैं. एमआई रोड व्यापारी माधवदास और अशोक लालवानी ने कहा कि आज कोई व्यापारियों ने बंद का समर्थन नहीं किया है. किसी भी संगठन ने इसका आह्वान नहीं किया.

पढ़ें. सोशल मीडिया पर जोर पकड़ रहा राजस्थान बंद का आह्वान, जानें क्या है पूरा मामला

ये मैसेज हुआ था वायरलः सोशल मीडिया पर वायरल हुए मैसेज में लिखा था कि 15 सितंबर 2022 को राजस्थान बंद किया जाए. गौ माता के लिए लंपी रोग का इलाज नहीं होने के कारण सभी भाइयों से विनती है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में यह स्टेटस लगाएं, जिससे गौ माता के इलाज के लिए सरकार की तरफ से कोई ठोस कदम बढ़ाया जाए. एक स्टेटस गौ माता के नाम अति आवश्यक है.

सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस मैसेज ने शासन और प्रशासन की भी नींद उड़ा दी थी. एक और सरकार पहले से ही लंपी बीमारी (Viral message of Rajasthan Bandh) को रोकथाम को लेकर लगातार मैराथन बैठकें कर रही है. वहीं पिछले 2 दिन में सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे 15 सितंबर को राजस्थान बंद के मैसेज ने सरकार की चिंता बढ़ा दी. हालांकि प्रशासन भी लगातार व्यापार मंडलों और ऐसे संगठन जो गौवंश को लेकर काम करते हैं, उनसे संपर्क बनाए हुए था.

इससे पहले भी एट्रोसिटी एक्ट को लेकर हुआ था बंदः ऐसा नहीं है कि यह पहली बार है जब किसी सामाजिक संगठन या राजनीतिक दल के बगैर बंद का आह्वान हुआ हो. इससे पहले भी एट्रोसिटी एक्ट में हुए बदलाव के विरोध में सामान्य वर्ग की ओर से भारत बंद का आह्वान किया गया था. उस वक्त भी किसी भी सामाजिक संगठन ने भारत बंद के आह्वान की जिम्मेदारी नहीं ली थी. सिर्फ और सिर्फ सोशल मीडिया के जरिए भारत बंद हुआ था. इसी तरह से एक बार फिर सोशल मीडिया के जरिए ही राजस्थान बंद का आह्वान किया गया.

पढ़ें. ना कोई सामाजिक संगठन, ना कोई राजनीतिक दल...फिर चल पड़ा सोशल मीडिया पर राजस्थान बंद का संदेश

54 हजार से अधिक गायों की मौतः बता दें कि प्रदेश में लंपी वायरस का कहर लगातार जारी है. प्रदेश में लंपी बीमारी से 12 लाख से अधिक गोवंश संक्रमित हो चुके हैं. वहीं अब तक 54 हजार से अधिक गोवंश की मौत हो चुकी है. लंपी के रोकथाम के लिए गायों को गोट पॉक्स वैक्सीन लगाई जा रही है. साथ ही अन्य गाइडलाइन भी जारी किए गए हैं.

प्रतापगढ़ में प्रतिष्ठान रहे बंदः गुरुवार को गो भक्तों की ओर से प्रतापगढ़ बंद का एलान किया गया है. स्वैच्छिक बंद के इस आह्वान पर शहर के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं. आवश्यक सेवाओं को बंद से मुक्त रखा गया है. गौ भक्त शहर में घूम घूम कर बंद की अपील कर रहे हैं. गौ रक्षा हिंदू दल के प्रदेश सचिव गोपाल मोदी ने बताया कि पूरे प्रदेश में लंपी स्किन संक्रमण का कहर जारी है. प्रतापगढ़ जिला भी अब इससे अछूता नहीं है. रोजाना सैकड़ों गोवंश लंपी के कारण दम तोड़ रहे हैं. सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयास नाकाफी सिद्ध हो रहे हैं. प्रतापगढ़ में बंद का असर देखा जा रहा है. शहर के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं. बाजारों में सन्नाटा पसरा हुआ है.

पढ़ें : प्रदेश में लंपी से 50 हजार गायों की मौत, रोजाना 1200 से 1400 गाएं तोड़ रही दम

बीकानेर में कुछ जगह बंद का पूरा असरः गायों में फैली लंपी बीमारी को लेकर राजस्थान बंद (Effects of Rajasthan Bandh in Bikaner) के आह्वान के बीच गुरुवार को बीकानेर में भी कुछ जगह बंद का असर दिखाई दिया. वहीं, कुछ जगह सामान्य दिनों की तरह दुकानें खुली नजर आई. खास बात यह रही कि बिना किसी के आह्वान के केवल सोशल मीडिया पर ही बंद की अपील का असर बीकानेर के लंबी से प्रभावित वाले क्षेत्रों खाजूवाला, दंतोर, पूगल, श्रीडूंगरगढ़ मोमासर कस्बों में दिखाई दिया और दुकानें बंद रहीं.

वहीं बीकानेर शहर के मुख्य बाजार कोटगेट चुनिंदा दुकानें ही बंद नजर आईं. इसके अलावा पूरा मार्केट आम दिनों की तरह खुला नजर आया. वहीं शहर के दूसरे हिस्सों में दुकाने बंद नजर आई. इस दौरान कुछ दुकानदारों ने बंद का समर्थन करते हुए प्रदेश व्यापी आह्वान पर अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर गायों में फैल रही लंपी बीमारी को लेकर राज्य सरकार के प्रति आक्रोश जताया. लंपी के रोकथाम की प्रभावी व्यवस्था नहीं होने से लोगों में नाराजगी दिखाई दी.

पढ़ें. शहर में घूमकर लंपी के प्रति ऊंट के जरिए कर रहे जागरूक , देखें VIDEO

झुंझुनू में गौ माता बचाओ रैली : सिंघाना कस्बे में गुरुवार को गौरक्षा दल के युवाओं ने गायों में फैली लंपी वायरस की बीमारी को लेकर सरकार के विरोध में रैली निकाली. रैली के दौरान युवाओं ने बीमारी से बचाने के लिए आमजन से गौ माता को बचाने के लिए आगे आकर सहयोग करने की अपील की.

नागौर में नहीं दिखा बंद का असर: गो संगठनों की ओर से प्रदेशव्यापी स्वेच्छिक बंद का व्यापक असर नागौर शहर में दिखाई नहीं दिया है. यहां कुछ दुकानों को छोड़कर रोजाना की तरह दुकाने खुली. वहीं दूसरी ओर डीडवाना शहर के संपूर्ण बाजार पूरी तरह से बंद रहे. स्वेच्छिक बंद में कई गो संगठनों और सामाजिक संगठनों के साथ सभी व्यापार मंडलों ने भी समर्थन दिया.

Last Updated : Sep 15, 2022, 9:09 PM IST
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