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आशा सहयोगिनियों ने गहलोत सरकार से लगाई गुहार, कहा-बहुत हो चुकी लड़ाई, अब तो करे नियमित - आशा सहयोगिनियों की गहलोत से मांग

राजस्थान की हजारों आशा सहियोगिनियों (Asha Sahyogini) ने सीएम गहलोत (CM Gehlot) से उन्हें नियमित करने की मांग की है. सहयोगिनियों ने कहा कि लड़ाई बहुत हो चुकी है. अब उनकी मांगें पूरी की जाए.

Rajasthan Asha Sahyogini, CM Gehlot
आशा सहयोगिनियों की गहलोत से मांग
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Published : Oct 3, 2021, 3:55 PM IST

जयपुर. प्रदेश की हजारों आशा सहयोगिनियों ने एक बार फिर मुख्यमंत्री गहलोत से उन्हें नियमित करने की गुहार लगाई है. साथ ही सहयोगिनियों ने मानदेय बढ़ाने की मांग की है.

इस सिलसिले में प्रदेश की आशा सहयोगिनियों की प्रतिनिधि सभा का रविवार को आयोजन भी किया. इसमें अलग-अलग जिलों से आयी आशा से सहयोगिनियां ने शिरकत की. आशा सहयोगिनियों का कहना है कि वह लंबे समय से खुद को नियमित करने की मांग कर रही है लेकिन किसी भी सरकार ने उनकी इस मांग को अब तक पूरा नहीं किया है. अब इन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उम्मीद जताई है कि वे अब उन्हें नियमित करेंगे या उनके मानदेय बढ़ाएंगे.

यह भी पढ़ें. CM का बयान पूनिया को रास नहीं आया, बोले- अगले चुनाव में टेंपो में सवारी जितने विधायक भी नहीं बचेंगे

आशा सहयोगिनियां पिछले कई सालों से धरना प्रदर्शन कर रही है. भाजपा कार्यकाल में भी अंतिम समय में प्रदेश भर की हजारों आशा सहयोगिनियों ने से सिविल लइन्स फाटक पर विशाल प्रदर्शन किया था. जिससे उनकी मांग पूरी हो सके.

रविवार को आशा सहयोगिनियों की नई कार्यकारिणी का भी गठन किया गया और अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि उन्हें नियमित किया जाए. श्रीगंगानगर से आई आशा सहयोगिनी सीता स्वामी ने कहा कि प्रदेश की हजारों आशा सहयोगिनियों की तीन महत्वपूर्ण मांग है. एक तो इनको नियमित किया जाए, दूसरी इनका मानदेय 10 हजार रुपए किया जाए और तीसरी केंद्र की सूची में इनका नाम शामिल किया जाए.

जयपुर. प्रदेश की हजारों आशा सहयोगिनियों ने एक बार फिर मुख्यमंत्री गहलोत से उन्हें नियमित करने की गुहार लगाई है. साथ ही सहयोगिनियों ने मानदेय बढ़ाने की मांग की है.

इस सिलसिले में प्रदेश की आशा सहयोगिनियों की प्रतिनिधि सभा का रविवार को आयोजन भी किया. इसमें अलग-अलग जिलों से आयी आशा से सहयोगिनियां ने शिरकत की. आशा सहयोगिनियों का कहना है कि वह लंबे समय से खुद को नियमित करने की मांग कर रही है लेकिन किसी भी सरकार ने उनकी इस मांग को अब तक पूरा नहीं किया है. अब इन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से उम्मीद जताई है कि वे अब उन्हें नियमित करेंगे या उनके मानदेय बढ़ाएंगे.

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आशा सहयोगिनियां पिछले कई सालों से धरना प्रदर्शन कर रही है. भाजपा कार्यकाल में भी अंतिम समय में प्रदेश भर की हजारों आशा सहयोगिनियों ने से सिविल लइन्स फाटक पर विशाल प्रदर्शन किया था. जिससे उनकी मांग पूरी हो सके.

रविवार को आशा सहयोगिनियों की नई कार्यकारिणी का भी गठन किया गया और अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि उन्हें नियमित किया जाए. श्रीगंगानगर से आई आशा सहयोगिनी सीता स्वामी ने कहा कि प्रदेश की हजारों आशा सहयोगिनियों की तीन महत्वपूर्ण मांग है. एक तो इनको नियमित किया जाए, दूसरी इनका मानदेय 10 हजार रुपए किया जाए और तीसरी केंद्र की सूची में इनका नाम शामिल किया जाए.

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