जयपुर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान सहित 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना प्रबंधन को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए चर्चा की. इस वीडियो कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री ने कोरोना प्रबंधन के जिन महत्वपूर्ण पैरामीटर्स पर चर्चा की, उसमें राजस्थान का प्रदर्शन सभी मापदंडों पर उत्कृष्ट रहा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना से मृत्यु दर एक फीसदी से नीचे लाना सभी राज्यों का प्रमुख लक्ष्य होना चाहिए. उन्होंने कहा कि रोगियों की मृत्यु के कारणों का विश्लेषण हो. राज्यों का यह प्रयास होना चाहिए कि पाॅजिटिविटी रेट 5 फीसदी से नीचे रहे. जांचों की संख्या को बढ़ाया जाना चाहिए. रोगियों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई रहे. प्रधानमंत्री ने कोविड से बचाव के लिए समाज को और जागरूक करने पर बल दिया.
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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे बेहतर कोरोना प्रबंधन की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से कोरोना से जंग जीतने के मामले में बताए गए सभी मापदंडों पर राजस्थान अग्रणी रहा है और अन्य राज्यों से बेहतर स्थिति में है. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश में मृत्यु दर लगातार एक फीसदी से नीचे बनी हुई है. राज्य में वर्तमान में मृत्यु दर 0.89 फीसदी ही है. राजस्थान में मृत्यु के कारणों के विस्तृत विश्लेषण की व्यवस्था कोरोना के शुरुआती दौर से ही की हुई है.
राजस्थान में RTPCR से हो रही है शत-प्रतिशत जांचें...
सीएम गहलोत ने प्रधानमंत्री को सुझाव दिया कि पूरे विश्व में आरटीपीसीआर टेस्ट सबसे विश्वसनीय है. देश के सभी राज्यों में राजस्थान की तरह शत-प्रतिशत टेस्ट रैपिड एंटीजन टेस्ट की बजाय आरटीपीसीआर पद्धति से होनी चाहिए. देश में राजस्थान और तमिलनाडु दो ही राज्य है, जहां शत-प्रतिशत जांचें आरटीपीसीआर पद्धति से ही की जा रही है.
गहलोत ने बताया कि राजस्थान में आरटीपीसीआर से लगभग 42 लाख जांचें की जा चुकी हैं. केस पाॅजिटिविटी रेट राज्य में 5.8 फीसदी है, जो कि राष्ट्रीय औसत 6.89 फीसदी से काफी बेहतर स्थिति में है. राज्य सरकार शीघ्र ही इसे 5 फीसदी से नीचे लाने के लिए पूरी गंभीरता से कार्य कर रही है. साथ ही प्रतिदिन जांच क्षमता भी 60 हजार तक पहुंचाई जा चुकी है.
ऑक्सीजन की उपलब्धता को पुख्ता किया...
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था को मेडिकल काॅलेज, जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी लेवल तक भी सुदृढ़ किया गया है. अस्पतालों में बड़े ऑक्सीजन प्लांट, पाइपलाइंस, ऑक्सीजन कन्सन्ट्रेटेड, स्टोरेज आदि क्षमताओं को व्यापक रूप से बढ़ाया गया है. इसका परिणाम है कि राज्य में आवश्यकता से कहीं अधिक ऑक्सीजन की उपलब्धता है.
आईसीयू, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर्स व्यवस्था को बढ़ाया...
सीएम गहलोत ने वीसी में कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना की पहली पीक में ही आईसीयू बैड, ऑक्सीजन बैड और वेंटिलेटर्स की क्षमताओं को काफी बढ़ा दिया था. इसी का परिणाम है कि हम दूसरी लहर में भी कोरोना से प्रभावी रूप से लड़ पा रहे हैं. राज्य में उपलब्ध ऑक्सीजन बैड में से 26 फीसदी, आईसीयू बैड में से 44 फीसदी और वेंटिलेटर्स में से 18 फीसदी पर ही वर्तमान में रोगी हैं. इससे जाहिर है कि जरूरत से कहीं ज्यादा स्पेयर क्षमता भी मौजूद है.
दृढ़ इच्छाशक्ति से उठाए कदमों की देशभर में सराहना...
गहलोत ने वीसी में अवगत कराया कि राजस्थान ने सामाजिक जागरूकता लाने के लिए कई चरणों में जागरूकता अभियान चलाए हैं. वर्तमान में 2 अक्टूबर से बड़े स्तर पर प्रभावी जन आंदोलन निरंतर चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अन्य प्रभावी कदमों के रूप में पटाखों पर प्रतिबंध लगाया और देश का पहला राज्य जिसने मास्क को अनिवार्य करने के लिए कानून बनाया.
इसके अलावा शादी, सामाजिक, धार्मिक एवं राजनीतिक आयोजनों में एकत्रित होने वाले लोगों की संख्या को 100 तक सीमित रखने के लिए जुर्माना बढ़ाने, 8 जिला मुख्यालयों पर रात्रिकालीन कर्फ्यू आदि ऐसे महत्वपूर्ण कदम थे, जिनमें राजस्थान देश के अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय उदाहरण बना. दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ लिए गए राज्य सरकार के इन कदमों की देशभर में सराहना हुई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कोविड-19 महामारी से जीतने के लिए जो गाइडलाइन बताई है, राजस्थान उन पर पहले से ही बेहतर स्थिति में है. राज्य सरकार लगातार प्रदेश के मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत कर रही है. उन्होंने कहा कि आगे भी हम कोई कमी नहीं रखेंगे.