जयपुर. हिन्दू परंपराओं और मान्यताओं के अनुसार श्रावण का महीना भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है. मान्यता है कि सावन के महीने में शिवलिंग की विशेष पूजा-अर्चना के साथ अभिषेक करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है. ऐसे में सावन के पहले ही सोमवार को जयपुर में बारिश हुई, जिससे के बाद भोलेनाथ के भक्तों के चहेरे खिल उठे. साथ ही छोटे शिवालय हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठे.
कोरोना महामारी के चलते कई शिवालय और मंदिरों के पट बंद हैं, लेकिन छोटे मंदिरों में भोलेनाथ का अभिषेक हो रहा है. ऐसे में भगवान भोलेनाथ की आराधना के पवित्र महीने सावन महीने की शुरुआत सोमवार को रिमझिम बारिश के साथ हुई जो कि अच्छा संकेत हैं. वैसे भी सावन माह प्राकृतिक सौंदर्य और भक्ति के लिए विख्यात है. सोमवार को शिवजी का खास दिन होने से भक्तों ने भोलेनाथ का जाप किया. यही वजह है कि खुद इंद्रदेव ने भी बारिश से शिवजी का अभिषेक किया. ऐसे में छोटे मंदिर भोलेनाथ के जयकारों से गूंज उठे
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बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब सावन की शुरुआत बारिश के साथ हुई हो, इससे पहले भी मानसून का इंतजार करने वालों को सावन माह में राहत मिलती थी. ऐसे में खासकर किसान भी सावन में बरसात का इंतजार करते हैं. इस बार सावन के पहला दिन बादलों की गर्जना के साथ किसानों के चेहरों पर भी मुस्कान लेकर आया है.