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जयपुर: सावन के आखिरी सोमवार को इंद्रदेव ने फुहारों से किया महादेव का अभिषेक - सावन के अंतिम सोमवार को जयपुर में बारिश

जयपुर में सावन के अंतिम सोमवार को बारिश हुई. जिससे भगवान शिव के भक्त इसे शुभ संकेत मानकर खुश हो गए. वहीं ये पहली बार है जब सावन की शुरुआत के बाद पहले और आखिरी सोमवार को बारिश हुई है.

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अंतिम सोमवार को जयपुर में बारिश हुई
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Published : Aug 3, 2020, 11:29 AM IST

जयपुर. सावन के पहले सोमवार के बाद आखिरी सोमवार को भी इंद्रदेव मेहरबान हुए. छोटी काशी जयपुर में खुद इंद्रदेव ने मानो भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. सुबह से ही रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा.

अंतिम सोमवार को जयपुर में बारिश हुई

राजधानी में सोमवार को बारिश के बाद भोलेनाथ के भक्तों के चहेरे खिल उठे हैं. साथ ही छोटे शिवालय हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठे. मान्यता है कि सावन के महीने में शिवलिंग की विशेष पूजा-अर्चना के साथ अभिषेक करने करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है. ऐसे में सावन के आखिरी 5वें सोमवार को जयपुर में बदरा जमकर बरसे. एक तरह कोरोना महामारी के चलते बड़े शिवालय और मंदिरों के पट बंद हैं लेकिन छोटे मंदिरों में भोलेनाथ का अभिषेक हो रहा है. ऐसे में भगवान भोलेनाथ की आराधना का पवित्र महीना सावन मास सोमवार के दिन की शुरुआत रिमझिम बारिश के साथ हुई. वैसे भी सावन माह प्राकृतिक सौंदर्य और भक्ति के लिए विख्यात है.

यह भी पढ़ें. रक्षाबंधन स्पेशल: अनोखी है यहां की परंपरा, राखी पर रहती है साली की नजर

सोमवार को शिवजी का खास दिन होने से भक्तों ने भोलेनाथ का जाप किए. यही वजह है कि खुद इंद्रदेव ने भी बारिश की फुहारों से शिवजी का अभिषेक किया. ये पहली बार है जब सावन की शुरुआत के बाद पहले और आखिरी सोमवार को बरखा बरसा हो. इससे पहले भी मानसून का इंतजार करने वालों को सावन महीने में राहत मिलती थी. ऐसे में खासकर किसान भी सावन में बरसात का इंतजार करते हैं. बादलों की गर्जना किसानों के चेहरों पर भी मुस्कान लेकर आया.

जयपुर. सावन के पहले सोमवार के बाद आखिरी सोमवार को भी इंद्रदेव मेहरबान हुए. छोटी काशी जयपुर में खुद इंद्रदेव ने मानो भोलेनाथ का जलाभिषेक किया. सुबह से ही रिमझिम बारिश का दौर जारी रहा.

अंतिम सोमवार को जयपुर में बारिश हुई

राजधानी में सोमवार को बारिश के बाद भोलेनाथ के भक्तों के चहेरे खिल उठे हैं. साथ ही छोटे शिवालय हर-हर महादेव के उद्घोष से गूंज उठे. मान्यता है कि सावन के महीने में शिवलिंग की विशेष पूजा-अर्चना के साथ अभिषेक करने करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है. ऐसे में सावन के आखिरी 5वें सोमवार को जयपुर में बदरा जमकर बरसे. एक तरह कोरोना महामारी के चलते बड़े शिवालय और मंदिरों के पट बंद हैं लेकिन छोटे मंदिरों में भोलेनाथ का अभिषेक हो रहा है. ऐसे में भगवान भोलेनाथ की आराधना का पवित्र महीना सावन मास सोमवार के दिन की शुरुआत रिमझिम बारिश के साथ हुई. वैसे भी सावन माह प्राकृतिक सौंदर्य और भक्ति के लिए विख्यात है.

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सोमवार को शिवजी का खास दिन होने से भक्तों ने भोलेनाथ का जाप किए. यही वजह है कि खुद इंद्रदेव ने भी बारिश की फुहारों से शिवजी का अभिषेक किया. ये पहली बार है जब सावन की शुरुआत के बाद पहले और आखिरी सोमवार को बरखा बरसा हो. इससे पहले भी मानसून का इंतजार करने वालों को सावन महीने में राहत मिलती थी. ऐसे में खासकर किसान भी सावन में बरसात का इंतजार करते हैं. बादलों की गर्जना किसानों के चेहरों पर भी मुस्कान लेकर आया.

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