जयपुर. कोरोना वायरस से देश की लड़ाई में हर कोई अपना योगदान दे रहा है. भारतीय रेलवे भी इसमें पीछे नहीं है. कोविड-19 के कारण हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान भारतीय रेलवे की ओर से प्राथमिकता के आधार पर चिकित्सा वस्तुओं का निर्बाध परिवहन सुनिश्चित किया जा रहा है.
बता दें, कि देश में कोरोना वायरस की चुनौतियों का सामना करने और प्रतिकूल प्रभावों का प्रबंधन करने में सरकार के प्रयासों को मजबूती देने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा समय-सारणी वाली अपनी पार्सल सेवाओं के माध्यम से दवाओं, मास्क, अस्पताल की वस्तुओं और चिकित्सा के अन्य उपयोगी वस्तुओं का लगातार परिवहन किया जा रहा है.
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अभय शर्मा ने बताया कि 18 अप्रैल तक भारतीय रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों में 1,150 टन चिकित्सा वस्तुओं का परिवहन किया है.
दक्षिण रेलवे ने 83.13, दक्षिणपूर्व मध्य रेलवे ने 15.10, पूर्वमध्य रेलवे ने 1.28 टन, पूर्वोत्तर रेलवे 2.88 टन, पूर्व तटीय रेलवे ने 1.06 टन, दक्षिण मध्य रेलवेने 47.22 टन, मध्य रेलवे ने 135.64 टन, उत्तर मध्य रेलवे ने 74.32 टन, पश्चिम मध्य रेलवे ने 27.17 टन, दक्षिण पूर्व रेलवे ने 2.82 टन, दक्षिण पश्चिम रेलवे ने 12.10 टन, पूर्व रेलवे ने 8.52 टन, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने 2.16 टन, उत्तर पश्चिम रेलवे ने 8.22 टन, पश्चिम रेलवे ने 328.84 टन, उत्तर रेलवे ने 399.71 टन चिकित्सा वस्तुओं का परिवहन किया। इस तरह भारतीय रेलवे ने 1150.17 टन चिकित्सा वस्तुओं का परिवहन किया.
अभय शर्मा ने बताया, कि हाल ही में एक ऑटिस्टिक बच्चे के माता-पिता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मदद के लिए आग्रह किया तो उस बच्चे के लिए ऊंटनी के मलाईरहित दूध को अजमेर से मुंबई पार्सल ट्रेन के जरिए पहुंचाया गया. इसी प्रकार अजमेर में एक अन्य ऑटिस्टिक बच्चा, जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहा था. उसके दवाइयों का स्टॉक खत्म हो गया तो उसके रिश्तेदारों ने रेलवे अधिकारियों से संपर्क किया और अहमदाबाद से अजमेर के लिए पार्सल ट्रेन के माध्यम से दवाइयां पहुंचायी गईं.