जयपुर. निजीकरण और एनपीएस समेत विभिन्न मांगों को लेकर रेलवे कर्मचारियों ने गुरुवार को जयपुर रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया. उत्तर पश्चिम रेलवे मजदूर संघ के कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए मांग की है कि निजीकरण बंद करें, एनपीएस की जगह पुरानी पेंशन योजना लागू हो और एक जनवरी 2020 से बंद डीए को रिलीज किया जाए.
रेलवे कर्मचारियों के अनुसार, नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रैलवेमेंस (NFIR) के त्रिदिवसीय मांग सप्ताह के अंतगर्त आज जयपुर मंडल रेलवे स्टेशन मुख्यालय पर उत्तर पश्चिम रेलवे मजदूर संघ ने रेल प्रसाशन और भारत सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान रेल कर्मियों ने 01 जनवरी 2020 से बन्द डीए को रिलीज करने और उसके बकाया एरियर का भुगतान करने की मांग की. साथ ही रेलकर्मियों की मांग है कि भारतीय रेल को निजी हाथों में देना बंद करो, एनपीएस बन्द करके पुरानी पेंशन योजना शुरू करने, रेल कर्मचारियों के परिवारजनों को टीकाकरण में प्राथमिकता देते हुए सभी रेल कर्मचारियों को फ्रंटलाइन स्टाफ घोषित किया जाए.
जेसीएम में जिन मुद्दों पर सहमति बन चुकी है उनको तुरन्त प्रभाव से लागू करने, सातवें वेतन आयोग की वेतन विसंगतियों को दूर करने जैसी अनेक मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया. इस दौरान रेलकर्मियों ने चेतावनी दी कि अगर जल्द से जल्द हमारी मांगों को नहीं मानी गई तो आगामी दिनों में मंडलस्तर के साथ-साथ सभी जगह भारी विरोध किया जाएगा. विरोध प्रदर्शन के दौरान सभी कर्मचारियों ने कोविड गाइडलाइंस की पालना की और सोशल डिस्टेंस का पूरा ध्यान रखा.
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उत्तर पश्चिम रेलवे मजदूर संघ के मंडल अध्यक्ष सौरभ दीक्षित ने बताया कि एनएफआईआर के आह्वान पर तीन दिवसीय विरोध दिवस मनाया जा रहा है. जयपुर मंडल के सभी स्टेशनों पर विरोध दिवस मनाया जाएगा. फ्रीज चल रहे डीए को रिलीज नहीं किया जा रहा है, रेलवे कर्मचारियों को टीकाकरण नहीं लग रहा है. इसके साथ ही अन्य विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन किया जा रहा है.