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जानें कब-कब बंद हुआ जयपुर में रेल संचालन, देखें REPORT - covid 19

कोरोना वायरस की महामारी के चलते 23 मार्च से 14 अप्रैल तक देशभर में लॉकडाउन के चलते 20000 यात्री ट्रेनों का संचालन पूरी तरह बंद है. यानी देश भर में 21 दिन तक ट्रेनों के चक्के जहां के तहां खड़े रहेंगे. इससे पहले भी तीन बार रेलवे प्रशासन के चक्के जाम हो चुके हैं.

जयपुर न्यूज, jaipur news, rajasthan news
जाने कब-कब बंद हुआ जयपुर में रेल संचालन
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Published : Mar 31, 2020, 7:51 AM IST

जयपुर. कोरोना वायरस की महामारी के चलते 23 मार्च से 14 अप्रैल तक देशभर में लॉकडाउन के चलते 20000 यात्री ट्रेनों का संचालन पूरी तरह बंद है. यानी देश भर में 21 दिन तक ट्रेनों के चक्के जहां के तहां खड़े रहेंगे.

जाने कब-कब बंद हुआ जयपुर में रेल संचालन

बता दें, कि इससे पहले भी तीन बार ट्रेनों का संचालन रोका गया है, लेकिन किसी महामारी के चलते सरकार द्वारा संचालन रोकने का यह पहला मामला है. देश में एक बार राजस्थान में दो बार कर्मचारियों की विभिन्न मांगों के चलते रेल संचालन रोका गया है. लेकिन ऐसी स्थिति कभी नहीं हुई कि स्टेशन पर यात्री के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया हो. रेल मामलों के जानकार और सेवानिवृत्त मंडल यातायात निरीक्षक डीपी मिश्रा ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया, कि वह 1971 में रेलवे में आए थे. इस दौरान उन्होंने रेलवे में तीन बड़ी हड़ताल देखी, लेकिन एक साथ देशभर में ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से बंद होना कभी नहीं देखा.

यह 3 बड़ी हड़ताल जिनमें ट्रेनों का संचालन हुआ था ठप...

1. मिश्रा ने बताया, कि मार्च 1973 में जयपुर पश्चिम रेलवे के अधीन आता था, जिसका मुख्यालय मुंबई में था. अजमेर मंडल में कार्यरत स्टेशन मास्टर एसके पांडे का रेल प्रशासन के द्वारा नियम विरुद्ध ट्रांसफर कर दिया. ऐसे में उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर उनका ट्रांसफर आदेश निरस्त नहीं किया गया, तो इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे. लेकिन जब रेलवे ने उन्हें नजरअंदाज किया तो, उन्होंने उसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. जिस पर ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ने जयपुर, अजमेर, रतलाम और नॉर्दन रेलवे के जोधपुर मंडल में आने वाली स्टेशनों को बंद कर दिया था.

पढ़ेंः कोरोना से बचाव का अनूठा तरीका, हाथ धोने के लिए बनाया फुट ऑपरेटेड वाश बेसिन


2. दूसरी हड़ताल हुई थी 1974 में...

बता दें, कि 8 मई 1974 को नेशनल कोर्डिनेशन कमेटी ऑफ रेलवे मेंस स्ट्रगल के कन्वीनर जॉर्ज फर्नांडिस ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा की थी. हड़ताल करने की प्रमुख वजह कर्मचारियों को मुनाफे में बोनस दिए जाने वाली थी. इस हड़ताल को एसोसिएशन के 1600000 में से 1200000 कर्मचारियों ने समर्थन दिया था और कई क्षेत्रीय संगठनों ने भी हड़ताल का समर्थन किया था. जिससे रेलवे का कामकाज पूरी तरह से ठप भी हो गया था.

पढ़ेंः Corona Virus Effect: रेलवे ने शुरू की स्पेशल पार्सल सेवा, जरूरी सामान की करेगी आपूर्ति


3. तीसरी और आखिरी हड़ताल हुई थी 1980 में...

जयपुर रेल मंडल की अलग-अलग कर्मचारी एसोसिएशन ने मंडल के पहले डीआरएम ईश्वर भाई से सभी कर्मचारियों को अतिरिक्त महंगाई भत्ता दिए जाने की मांग की थी. लेकिन जब डीआरएम ने इस और ध्यान नहीं दिया, तो कर्मचारी संगठनों ने योजना बनाकर हड़ताल की. जिसके तहत तत्कालीन स्टेशन मास्टर आरएन शर्मा और उनके सहयोगी कर्मचारियों ने जयपुर से दिल्ली जा रही पिंक सिटी एक्सप्रेस को बांदीकुई के पास रोक दिया और दिल्ली सरायरोला से उदयपुर जयपुर जा रही चेतक एक्सप्रेस को बसवा लाइन पर रोक दिया. जिससे 24 घंटे तक बड़े स्तर पर उत्तर पश्चिम रेलवे में हड़ताल हुई थी.

जयपुर. कोरोना वायरस की महामारी के चलते 23 मार्च से 14 अप्रैल तक देशभर में लॉकडाउन के चलते 20000 यात्री ट्रेनों का संचालन पूरी तरह बंद है. यानी देश भर में 21 दिन तक ट्रेनों के चक्के जहां के तहां खड़े रहेंगे.

जाने कब-कब बंद हुआ जयपुर में रेल संचालन

बता दें, कि इससे पहले भी तीन बार ट्रेनों का संचालन रोका गया है, लेकिन किसी महामारी के चलते सरकार द्वारा संचालन रोकने का यह पहला मामला है. देश में एक बार राजस्थान में दो बार कर्मचारियों की विभिन्न मांगों के चलते रेल संचालन रोका गया है. लेकिन ऐसी स्थिति कभी नहीं हुई कि स्टेशन पर यात्री के आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया हो. रेल मामलों के जानकार और सेवानिवृत्त मंडल यातायात निरीक्षक डीपी मिश्रा ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया, कि वह 1971 में रेलवे में आए थे. इस दौरान उन्होंने रेलवे में तीन बड़ी हड़ताल देखी, लेकिन एक साथ देशभर में ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से बंद होना कभी नहीं देखा.

यह 3 बड़ी हड़ताल जिनमें ट्रेनों का संचालन हुआ था ठप...

1. मिश्रा ने बताया, कि मार्च 1973 में जयपुर पश्चिम रेलवे के अधीन आता था, जिसका मुख्यालय मुंबई में था. अजमेर मंडल में कार्यरत स्टेशन मास्टर एसके पांडे का रेल प्रशासन के द्वारा नियम विरुद्ध ट्रांसफर कर दिया. ऐसे में उन्होंने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर उनका ट्रांसफर आदेश निरस्त नहीं किया गया, तो इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे. लेकिन जब रेलवे ने उन्हें नजरअंदाज किया तो, उन्होंने उसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. जिस पर ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ने जयपुर, अजमेर, रतलाम और नॉर्दन रेलवे के जोधपुर मंडल में आने वाली स्टेशनों को बंद कर दिया था.

पढ़ेंः कोरोना से बचाव का अनूठा तरीका, हाथ धोने के लिए बनाया फुट ऑपरेटेड वाश बेसिन


2. दूसरी हड़ताल हुई थी 1974 में...

बता दें, कि 8 मई 1974 को नेशनल कोर्डिनेशन कमेटी ऑफ रेलवे मेंस स्ट्रगल के कन्वीनर जॉर्ज फर्नांडिस ने राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा की थी. हड़ताल करने की प्रमुख वजह कर्मचारियों को मुनाफे में बोनस दिए जाने वाली थी. इस हड़ताल को एसोसिएशन के 1600000 में से 1200000 कर्मचारियों ने समर्थन दिया था और कई क्षेत्रीय संगठनों ने भी हड़ताल का समर्थन किया था. जिससे रेलवे का कामकाज पूरी तरह से ठप भी हो गया था.

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3. तीसरी और आखिरी हड़ताल हुई थी 1980 में...

जयपुर रेल मंडल की अलग-अलग कर्मचारी एसोसिएशन ने मंडल के पहले डीआरएम ईश्वर भाई से सभी कर्मचारियों को अतिरिक्त महंगाई भत्ता दिए जाने की मांग की थी. लेकिन जब डीआरएम ने इस और ध्यान नहीं दिया, तो कर्मचारी संगठनों ने योजना बनाकर हड़ताल की. जिसके तहत तत्कालीन स्टेशन मास्टर आरएन शर्मा और उनके सहयोगी कर्मचारियों ने जयपुर से दिल्ली जा रही पिंक सिटी एक्सप्रेस को बांदीकुई के पास रोक दिया और दिल्ली सरायरोला से उदयपुर जयपुर जा रही चेतक एक्सप्रेस को बसवा लाइन पर रोक दिया. जिससे 24 घंटे तक बड़े स्तर पर उत्तर पश्चिम रेलवे में हड़ताल हुई थी.

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