जयपुर. कोरोना की लड़ाई में राजस्थान सरकार का सबसे अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड रहा है. भीलवाड़ा और रामगंज मॉडल की दुनिया भर में तारीफ हुई है. कोरोना वायरस को लेकर कहीं भी भयभीत होने की जरूरत नहीं है. प्लाज्मा थेरेपी से गंभीर मरीजों को बचाया जा रहा है. पॉजिटिव से नेगेटिव होने वाले लोगों का डेटा बैंक तैयार किया जा रहा है. ऐसे लोगों का प्लाज्मा लेकर गंभीर मरीजों का इलाज किया जा रहा है.
मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के केस लगातार बढ़ रहे हैं. पहले हम 15 हजार टेस्ट प्रतिदिन कर रहे थे. जबकि कैपेसिटी 42 हजार टेस्ट प्रतिदिन करने की है. अब स्थिति यह बन गई है कि जो लक्षणों वाले मरीज हैं, वे तो केवल 10 प्रतिशत ही हैं और बिना लक्षण के पॉजिटिव केस 90 प्रतिशत हैं. ऐसी स्थिति में टेस्ट और ज्यादा बढ़ाएं हैं. इसलिए पॉजिटिव केस का आंकड़ा बढ़ रहा है.
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मंत्री ने कहा कि अगर राष्ट्रीय स्तर पर देखा जाए तो राजस्थान में पॉजिटिव केसों का स्तर बहुत कम है. लेकिन फिर भी राजस्थान में पॉजिटिव केस बढ़े हैं. रिकवरी रेट भी नेशनल लेवल से बहुत ज्यादा है. सर्वाधिक रिकवरी राजस्थान में हुई है. मुख्यमंत्री का डायरेक्शन है कि हम जितने टेस्ट करेंगे, उतने ज्यादा पॉजिटिव के सामने आएंगे. लेकिन रिकवरी की रेट भी उतनी ही अच्छी रहेगी और मृत्यु दर कम होनी चाहिए. राजस्थान की मृत्यु दर सबसे कम है.
उन्होंने कहा कि ऐसा न समझे कि चिकित्सा विभाग नहीं चल रहा और कांग्रेस फेयरमाउंट होटल में बैठी है. हम लगातार फीडबैक ले रहे हैं और अपना काम कर रहे हैं. नियमित रूप से अधिकारियों की मीटिंग भी ली जा रही है. राजस्थान में 15 जिले ऐसे हैं, जहां पर 100 से भी ज्यादा एक्टिव केस हैं. वहां पर भी हमने चिकित्सा विभाग की टीमें भेजी है. प्रवासी राजस्थानियों की वजह से भी पॉजिटिव केसों में वृद्धि हुई है. पूरा राजस्थान हमारी नजर में है और प्रयास किया जा रहा है कि रिकवरी की रेट को और अच्छा कैसे करें.
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रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए जन जागरण अभियान भी चलाया जा रहा है. लोगों को बताया जा रहा है कि चेहरे पर मास्क लगाकर रखें और सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करें. सार्वजनिक जगहों पर थूके नहीं और बार-बार साबुन से हाथ धोएं. कोरोना की अभी कोई दवाई नहीं बनी है, सावधानी ही इसका इलाज है. प्लाज्मा थेरेपी से मरीजों को गंभीर बीमारी से बचाया जा रहा है.