जयपुर. अजमेर में स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत स्वीकृत प्रोजेक्ट को लेकर बीजेपी विधायक वासुदेव देवनानी ने विधानसभा में सवाल उठाया. विधायक देवनानी के सवाल का जवाब देते हुए स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने विधानसभा में कहा कि अजमेर स्मार्ट सिटी के तहत स्वीकृत 80 प्रोजेक्ट में से 70 प्रोजेक्ट वर्तमान सरकार की ओर से वर्ष 2019 में शुरू किए गए हैं.
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यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब दे देते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी के लिए स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक होती है और राज्य के चार स्मार्ट सिटी के लिए चार स्मार्ट सिटी बोर्ड बने हुए हैं. उन्होंने कहा कि अजमेर की स्मार्ट सिटी बोर्ड की बैठक में 80 प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई और बोर्ड की बैठक में कार्यों की स्वीकृति ली गई.
उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी बोर्ड की प्रकिया के तहत बोर्ड की बैठक के बाद निविदा का प्रपत्र जारी होता है, उसके बाद मुख्य कार्यकारी अधिकारी की स्वीकृति होती है. स्वीकृति के बाद निविदाएं निकलती है, उसके बाद कंसल्टेंट फर्म से टेंडर का कार्य करवाया जाता है. धारीवाल ने बताया कि सितंबर 2016 में केन्द्र सरकार की तरफ से स्मार्ट सिटी योजना शुरू हुई थी और 16 जनवरी 2017 से इसका कार्य प्रारंभ हुआ था. गत सरकार द्वारा स्वीकृत 80 प्रोजेक्ट में से दिसंबर 2018 तक केवल 10 प्रोजेक्ट पर कार्य किया गया, जबकि वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2019 में शेष 70 प्रोजेक्ट की मंजूरी होकर टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है.
शांति धारीवाल ने बताया कहा कि यह सही बात है कि इस कार्य के लिए 924 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे, जिसमें से 330 करोड़ रुपये प्राप्त हो चुके हैं. उन्होंने बताया कि इन 330 करोड़ रुपये में से 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार, नगर निगम, अजमेर विकास प्राधिकरण की और 50 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार की हैं. उन्होंने बताया कि अब तक इस योजना में 120 करोड़ रुपये व्यय किए जा चुके हैं.
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दरअसल, विधायक वासुदेव देवनानी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में शांति धारीवाल ने केन्द्र सरकार द्वारा अजमेर के लिए स्मार्ट सिटी योजनान्तर्गत स्वीकृत प्रोजेक्ट एवं उनकी प्रस्तावित राशि का विवरण सदन के पटल पर रखा. उन्होंने उक्त योजनान्तर्गत आवंटित राशि एवं केन्द्र तथा राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी राशि का विवरण तथा राशि का कार्यवार विवरण सदन के पटल पर रखा.