जयपुर. राजस्थान विधानसभा के प्रश्नकाल में गुरुवार को उठे नगर पालिका जैतारण में सफाई कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितता के मामले में मंत्री का कुछ ऐसा जवाब आया, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया. सवाल था इस भर्ती अनियमितता में जांच में प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर अधिशासी अभियंता को दिए गए 17 सीसी नोटिस का, लेकिन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने 16 सीसी और 17 सीसी के नोटिस की व्याख्या के साथ यह तक कह दिया कि कार्रवाई तो इन दोनों के तहत ही होगी, फांसी नहीं दी जाएगी.
दरअसल, यह सवाल जैतारण से आने वाले भाजपा विधायक अविनाश गहलोत ने लगाया था. गहलोत का आरोप था कि साल 2018 में हुई सफाई कर्मचारी भर्ती में खुद स्थानीय निकाय निदेशक की ओर से गठित कमेटी में भी अनियमितता मिली थी. प्रथम दृष्टि दोषी पाया गया था, बावजूद इसके विभाग ने महज 17 सीसी का नोटिस देकर अपने दायित्व की इतिश्री कर ली.
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विधायक गहलोत ने आरोप लगाया कि जब अधिकारी दोषी था तो उसे निलंबित करते है और फिर जांच करवाते, ताकि जांच में हस्तक्षेप नहीं होता. ऐसे में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा, कि नियमों के तहत अनियमितता मिलने पर 17 सीसी का नोटिस दिया जाता है. जब उसका जवाब मिलता है तो उसके परीक्षण के बाद ही अगली कार्रवाई की जाती है, लेकिन अब तक 17 सीसी के दिए गए नोटिस का कोई जवाब नहीं आया.
साथ ही धारीवाल ने यह भी कहा कि कार्रवाई 16 में हो या 17 में लेकिन फांसी की सजा तो नहीं मिलेगी. ऐसे में मूल प्रश्न करता अविनाश गहलोत ने आपत्ति भी जताई, लेकिन स्पीकर ने अगला प्रश्न पुकार लिया.