ETV Bharat / city

'स्थानीय निकायों में मनोनीत पार्षदों की संख्या बढ़ाकर सरकार करना चाह रही दखलअंदाजी'

स्थानीय निकायों में मनोनीत पार्षदों की संख्या दोगुनी करने को ग्रेटर नगर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावत ने गलत बताया है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस सरकार जिस मनमाने ढंग से मनोनीत सदस्यों की संख्या स्थानीय निकायों में दोगुनी कर रही है, वो लोकतंत्र की मूल भावना के विपरीत है.

jaipur news, councilors nominated in local bodies
स्थानीय निकायों में मनोनीत पार्षदों की संख्या बढ़ाकर सरकार करना चाह रही दखलअंदाजी
author img

By

Published : Mar 20, 2021, 8:27 PM IST

Updated : Mar 21, 2021, 12:59 AM IST

जयपुर. स्थानीय निकायों में मनोनीत पार्षदों की संख्या दोगुनी करने को ग्रेटर नगर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावत ने गलत बताया है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस सरकार जिस मनमाने ढंग से मनोनीत सदस्यों की संख्या स्थानीय निकायों में दोगुनी कर रही है, वो लोकतंत्र की मूल भावना के विपरीत है. इस कदम से स्थानीय सरकारों में सरकार का हस्तक्षेप सीधे तौर पर बढ़ेगा और स्थानीय सरकार के कार्यों पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा.

स्थानीय निकायों में मनोनीत पार्षदों की संख्या बढ़ाकर सरकार करना चाह रही दखलअंदाजी

यह भी पढ़ें- मैं भी सुरक्षित नहीं, तीन बॉडीगार्ड के साथ निकलती हूं बाहरः सांसद दीया

राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को राजस्थान नगरपालिका (संशोधन) विधेयक 2021 और राजस्थान विधियां संशोधन विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. इसके तहत नगर पालिका में मनोनीत पार्षदों की संख्या बढ़ाई गई. मनोनीत पार्षदों की संख्या निगम में 6 से बढ़ाकर 12, नगर परिषद में 6 से बढ़ाकर 8 नगरपालिका में 4 से बढ़ाकर 6 कर दी गई. मनोनीत पार्षदों में एक विशेष योग्यजन को भी शामिल किए जाने के लिए विधेयक में संशोधन किया गया. इसके अलावा विशेष योग्यजन को दो संतानों के राइडर में शामिल नहीं होने के लिए भी प्रावधान किए गए.

हालांकि राज्य सरकार का ये फैसला ग्रेटर नगर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट को रास नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं का तुष्टीकरण और भाजपा शासित स्थानीय निकायों में इसका दुरुपयोग करेगी, जिसकी पूरी संभावना है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार यदि स्थानीय निकायों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कदम उठाती है, तो वो स्थानीय सरकारों के लिए हितकारी होता है, लेकिन मनोनीत सदस्यों की संख्या को दोगुना कर उन पर वित्तीय भार भी बढ़ा रहे हैं और उसे अनावश्यक राजनीतिक हस्तक्षेप का केंद्र भी बना रही है. कर्णावट ने कहा कि कांग्रेस सरकार बैक डोर से अपने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को स्थानीय निकायों में पार्षद मनोनीत कर गैर कांग्रेस के बहुमत वाले स्थानीय निकायों को अस्थिर करने का कुचक्र रचने जा रही है और संख्या बढ़ाने से गैर जरूरी खर्चो में भी बढ़ोतरी होगी.

यह भी पढ़ें- लोकसभा में गूंजा रितिका पहलवान की आत्महत्या का मामला, सांसद बेनीवाल ने की CBI और न्यायिक जांच की मांग

पुनीत कर्णावट ने कहा कि आवश्यकता तो इस बात की है कि सरकार स्थानीय निकायों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए छठे वित्त आयोग की घोषणा करती है. स्थानीय निकायों को आर्थिक मदद और संसाधन उपलब्ध करवाती है, लेकिन सरकार सिर्फ स्थानीय निकायों में दखलअंदाजी करना चाहती है.

जयपुर. स्थानीय निकायों में मनोनीत पार्षदों की संख्या दोगुनी करने को ग्रेटर नगर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावत ने गलत बताया है. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस सरकार जिस मनमाने ढंग से मनोनीत सदस्यों की संख्या स्थानीय निकायों में दोगुनी कर रही है, वो लोकतंत्र की मूल भावना के विपरीत है. इस कदम से स्थानीय सरकारों में सरकार का हस्तक्षेप सीधे तौर पर बढ़ेगा और स्थानीय सरकार के कार्यों पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा.

स्थानीय निकायों में मनोनीत पार्षदों की संख्या बढ़ाकर सरकार करना चाह रही दखलअंदाजी

यह भी पढ़ें- मैं भी सुरक्षित नहीं, तीन बॉडीगार्ड के साथ निकलती हूं बाहरः सांसद दीया

राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को राजस्थान नगरपालिका (संशोधन) विधेयक 2021 और राजस्थान विधियां संशोधन विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया गया. इसके तहत नगर पालिका में मनोनीत पार्षदों की संख्या बढ़ाई गई. मनोनीत पार्षदों की संख्या निगम में 6 से बढ़ाकर 12, नगर परिषद में 6 से बढ़ाकर 8 नगरपालिका में 4 से बढ़ाकर 6 कर दी गई. मनोनीत पार्षदों में एक विशेष योग्यजन को भी शामिल किए जाने के लिए विधेयक में संशोधन किया गया. इसके अलावा विशेष योग्यजन को दो संतानों के राइडर में शामिल नहीं होने के लिए भी प्रावधान किए गए.

हालांकि राज्य सरकार का ये फैसला ग्रेटर नगर निगम के उपमहापौर पुनीत कर्णावट को रास नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने कार्यकर्ताओं का तुष्टीकरण और भाजपा शासित स्थानीय निकायों में इसका दुरुपयोग करेगी, जिसकी पूरी संभावना है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार यदि स्थानीय निकायों को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए कदम उठाती है, तो वो स्थानीय सरकारों के लिए हितकारी होता है, लेकिन मनोनीत सदस्यों की संख्या को दोगुना कर उन पर वित्तीय भार भी बढ़ा रहे हैं और उसे अनावश्यक राजनीतिक हस्तक्षेप का केंद्र भी बना रही है. कर्णावट ने कहा कि कांग्रेस सरकार बैक डोर से अपने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को स्थानीय निकायों में पार्षद मनोनीत कर गैर कांग्रेस के बहुमत वाले स्थानीय निकायों को अस्थिर करने का कुचक्र रचने जा रही है और संख्या बढ़ाने से गैर जरूरी खर्चो में भी बढ़ोतरी होगी.

यह भी पढ़ें- लोकसभा में गूंजा रितिका पहलवान की आत्महत्या का मामला, सांसद बेनीवाल ने की CBI और न्यायिक जांच की मांग

पुनीत कर्णावट ने कहा कि आवश्यकता तो इस बात की है कि सरकार स्थानीय निकायों की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए छठे वित्त आयोग की घोषणा करती है. स्थानीय निकायों को आर्थिक मदद और संसाधन उपलब्ध करवाती है, लेकिन सरकार सिर्फ स्थानीय निकायों में दखलअंदाजी करना चाहती है.

Last Updated : Mar 21, 2021, 12:59 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.