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लॉकडाउन 4.0 को लेकर जनता के सुझाव...पान-गुटखा की दुकानें रहें बंद, सुरक्षा के साथ खोले जाएं पब्लिक ट्रांसपोर्ट

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Published : May 18, 2020, 7:06 PM IST

लॉकडाउन-4 शुरू होने के साथ ही केंद्र सरकार की ओर इसके लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है. इसके लिए जयपुर की जनता मौजूदा स्थितियों को देखते हुए ईटीवी भारत से अपने सुझाव साझा किए. आइए जानते उन्होंने क्या कहा...

जयपुर की खबर, jaipur news
LOCK DOWN-4 के लिए जनता का सुझाव

जयपुर. कोरोना संकट के बीच सोमवार से लॉकडाउन-4 शुरू हो गया है. इसके लिए 31 मई तक केंद्र सरकार ने तो गाइडलाइन तो जारी कर दी है, लेकिन राज्यों को भी अपनी मौजूदा स्थितियों को देखते हुए निर्णय लेने की छूट दी है. अब प्रदेश सरकार को इसके लिए दिशा-निर्देश जारी करना है. इसके बाद सबकी निगाहें मुख्यमंत्री गहलोत पर ही टिकी हुई है. हालांकि, जयपुर की जनता मौजूदा स्थितियों को देखते हुए प्रदेश सरकार से सुरक्षा के साथ कुछ राहत भी चाहती है. इसके लिए ईटीवी भारत ने इनके सुझाव जानने के लिए इनसे बात की.

लॉकडाउन 4.0 के लिए जनता का सुझाव

नहीं खोले पान-गुटखे की दुकान

इसके लिए सभी ईटीवी भारत ने हाई कोर्ट के एडवोकेट, बुजुर्ग पेंशनर्स, ग्रहणी और एक स्कूली छात्र से भी बात की. इन सब में एक बात कॉमन निकली कि वे इसमें पान-गुटके की दुकानों को नहीं चाहते हैं. इसके पीछे उनका तर्क भी है कि यदि ऐसी दुकानें खुली तो फिर लोग खाएंगे और सार्वजनिक स्थानों पर भी थूकेंगे, जिससे संक्रमण फैलने की आशंका रहेगी.

पढ़ें- Exclusive: मोदी सरकार अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रही, 500 बसें राजस्थान और यूपी बॉर्डर पर खड़ी हैं: खाचरियावास

जनता का यह भी कहना था कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर जुर्माना जरूर सरकार ने लगा दिया है, लेकिन दोषियों पर कार्रवाई के लिए सरकार के पास संसाधन ही नहीं है. लोगों के अनुसार गुटखा खाकर थूकने वालों पर सरकार कब तक किस तरह निगाहे रखेगी. क्योंकि, यह संभव भी नहीं है, ऐसे में ये दुकानें ना खुले, यही जरूरी है.

लॉकडाउन 4.0 के लिए जनता का सुझाव

पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू करने से पहले सुरक्षा का रखें ध्यान

पब्लिक से बातचीत के दौरान यह भी सामने आया कि लॉकडाउन 4 में यदि प्रदेश सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट खोलती है तो फिर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ ही इसकी मंजूरी देना चाहिए. खासतौर पर लो-फ्लोर बस चालू होती है तो सोशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षा के साथ उसकी क्षमता से आधे ही लोग उसमें बैठाया जाए. वहीं, मेट्रो या अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भी यही व्यवस्था की जाए. ताकि संक्रमण फैलने की संभावना ज्यादा ना रहे.

पेंशनर्स की दवाइयों के लिए हो यथोचित सुविधा

लॉकडाउन-3 तक बुजुर्गों और पेंशनधारियों को काफी समस्याएं आई. खासतौर पर सरकारी स्तर पर पेंशनर्स को मिलने वाली दवाइयों की दुकान फिक्स होने के कारण कई बुजुर्गों और पेंशनधारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ा. ऐसे में अब बुजुर्ग पेंशनधारी चाहते हैं कि इसमें सरकार की ओर से कुछ ऐसी व्यवस्था की जाए. ताकि दवाइयां आसानी से उपलब्ध हो या फिर पेंशनधारियों को घर तक दवाइयां पहुंचाने की व्यवस्था की जाए.

पढ़ें- होटल और बार एसोसिएशन की सरकार से मांग, शुरू करवाएं शराब की होम डिलीवरी

सुरक्षा के लिए जारी नियमों की हो सख्ती से पालना

इसके साथ ही गृहणियां चाहती है आम जरूरतों के सामानों की सभी दुकानें सुरक्षा के व्यापक इंतजाम के साथ खोले जाए. इनका कहना है अब तक दुकानें तो खुली, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य नियमों की लगातार अवहेलना होती रही है. ऐसे में जरूरी है कि आप खुद तो अपनी सुरक्षा का ध्यान रखे. साथ ही दुकानदार और विक्रेताओं को भी पाबंद किया जाए कि वह भी सुरक्षा इंतजाम रखकर ही अपने सामानों को बेचे और ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी हो. वहीं, गृहणियों का कहना है कि पान गुटके की दुकानें नहीं खुलना चाहिए.

बिना एग्जाम के हुए पास अब स्कूल की आती है याद

वहीं, स्कूली बच्चों को भी प्रदेश सरकार से काफी उम्मीद है. करीब दो माह से शैक्षणिक संस्थान पूरी तरह से बंद है. कई जगह तो बिना एग्जाम के ही बच्चों को पास करके अगली कक्षा में भेज दिया गया है. अब घरों में पढ़ाई तो चल रही है, लेकिन स्कूल की तरह यह काम घर में हो पाना मुश्किल है. लिहाजा ग्रीन जोन में विशेष इंतजाम के साथ स्कूल खुले या कुछ ऐसी व्यवस्था हो, जिससे पढ़ाई का नुकसान भी ना हो.

जयपुर. कोरोना संकट के बीच सोमवार से लॉकडाउन-4 शुरू हो गया है. इसके लिए 31 मई तक केंद्र सरकार ने तो गाइडलाइन तो जारी कर दी है, लेकिन राज्यों को भी अपनी मौजूदा स्थितियों को देखते हुए निर्णय लेने की छूट दी है. अब प्रदेश सरकार को इसके लिए दिशा-निर्देश जारी करना है. इसके बाद सबकी निगाहें मुख्यमंत्री गहलोत पर ही टिकी हुई है. हालांकि, जयपुर की जनता मौजूदा स्थितियों को देखते हुए प्रदेश सरकार से सुरक्षा के साथ कुछ राहत भी चाहती है. इसके लिए ईटीवी भारत ने इनके सुझाव जानने के लिए इनसे बात की.

लॉकडाउन 4.0 के लिए जनता का सुझाव

नहीं खोले पान-गुटखे की दुकान

इसके लिए सभी ईटीवी भारत ने हाई कोर्ट के एडवोकेट, बुजुर्ग पेंशनर्स, ग्रहणी और एक स्कूली छात्र से भी बात की. इन सब में एक बात कॉमन निकली कि वे इसमें पान-गुटके की दुकानों को नहीं चाहते हैं. इसके पीछे उनका तर्क भी है कि यदि ऐसी दुकानें खुली तो फिर लोग खाएंगे और सार्वजनिक स्थानों पर भी थूकेंगे, जिससे संक्रमण फैलने की आशंका रहेगी.

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जनता का यह भी कहना था कि सार्वजनिक स्थानों पर थूकने पर जुर्माना जरूर सरकार ने लगा दिया है, लेकिन दोषियों पर कार्रवाई के लिए सरकार के पास संसाधन ही नहीं है. लोगों के अनुसार गुटखा खाकर थूकने वालों पर सरकार कब तक किस तरह निगाहे रखेगी. क्योंकि, यह संभव भी नहीं है, ऐसे में ये दुकानें ना खुले, यही जरूरी है.

लॉकडाउन 4.0 के लिए जनता का सुझाव

पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू करने से पहले सुरक्षा का रखें ध्यान

पब्लिक से बातचीत के दौरान यह भी सामने आया कि लॉकडाउन 4 में यदि प्रदेश सरकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट खोलती है तो फिर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ ही इसकी मंजूरी देना चाहिए. खासतौर पर लो-फ्लोर बस चालू होती है तो सोशल डिस्टेंसिंग और सुरक्षा के साथ उसकी क्षमता से आधे ही लोग उसमें बैठाया जाए. वहीं, मेट्रो या अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट में भी यही व्यवस्था की जाए. ताकि संक्रमण फैलने की संभावना ज्यादा ना रहे.

पेंशनर्स की दवाइयों के लिए हो यथोचित सुविधा

लॉकडाउन-3 तक बुजुर्गों और पेंशनधारियों को काफी समस्याएं आई. खासतौर पर सरकारी स्तर पर पेंशनर्स को मिलने वाली दवाइयों की दुकान फिक्स होने के कारण कई बुजुर्गों और पेंशनधारियों को समस्याओं का सामना करना पड़ा. ऐसे में अब बुजुर्ग पेंशनधारी चाहते हैं कि इसमें सरकार की ओर से कुछ ऐसी व्यवस्था की जाए. ताकि दवाइयां आसानी से उपलब्ध हो या फिर पेंशनधारियों को घर तक दवाइयां पहुंचाने की व्यवस्था की जाए.

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सुरक्षा के लिए जारी नियमों की हो सख्ती से पालना

इसके साथ ही गृहणियां चाहती है आम जरूरतों के सामानों की सभी दुकानें सुरक्षा के व्यापक इंतजाम के साथ खोले जाए. इनका कहना है अब तक दुकानें तो खुली, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग सहित अन्य नियमों की लगातार अवहेलना होती रही है. ऐसे में जरूरी है कि आप खुद तो अपनी सुरक्षा का ध्यान रखे. साथ ही दुकानदार और विक्रेताओं को भी पाबंद किया जाए कि वह भी सुरक्षा इंतजाम रखकर ही अपने सामानों को बेचे और ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी हो. वहीं, गृहणियों का कहना है कि पान गुटके की दुकानें नहीं खुलना चाहिए.

बिना एग्जाम के हुए पास अब स्कूल की आती है याद

वहीं, स्कूली बच्चों को भी प्रदेश सरकार से काफी उम्मीद है. करीब दो माह से शैक्षणिक संस्थान पूरी तरह से बंद है. कई जगह तो बिना एग्जाम के ही बच्चों को पास करके अगली कक्षा में भेज दिया गया है. अब घरों में पढ़ाई तो चल रही है, लेकिन स्कूल की तरह यह काम घर में हो पाना मुश्किल है. लिहाजा ग्रीन जोन में विशेष इंतजाम के साथ स्कूल खुले या कुछ ऐसी व्यवस्था हो, जिससे पढ़ाई का नुकसान भी ना हो.

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