ETV Bharat / city

Special: फीका हुआ त्योहार, दिवाली पर पटाखों पर बैन से युवा और बच्चे मायूस - विशेष ख़बर

राजस्थान में इस साल दिवाली पर राज्य सरकार ने पटाखों पर बैन लगा दिया है. इसके बाद प्रदेश के युवा वर्ग और बच्चों में थोड़ी मायूसी देखने को मिल रही है. वहीं कई लोगों इसे सरकार की सराहनीय कदम बताया है.

Jaipur News, firecrackers ban, कोरोना काल में दिवाली,  लोगों की प्रतिक्रिया
दिवाली पर पटाखों पर बैन पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया
author img

By

Published : Nov 14, 2020, 3:47 PM IST

Updated : Nov 24, 2020, 2:38 PM IST

जयपुर. दिवाली का त्योहार पूरे देश और दुनिया में धूमधाम से मनाया जाता है. दिवाली के त्योहार पर पटाखों को लेकर भी युवाओं और बच्चों में काफी क्रेज देखने को मिलता है. लेकिन, इस बार कोरोना काल में मनाई जा रही दिवाली में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पटाखों पर बैन लगा दिया है. इसके बाद कई लोगों में मायूसी भी देखने को मिल रही है. कई युवा और बुजुर्ग इसे एक सराहनीय कदम बता रहे हैं, तो वहीं बच्चे पटाखे न बजा पाने से निराश हैं.

दिवाली पर पटाखों पर बैन पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया

पढ़ें: Special: इको फ्रेंडली दिवाली का ये अनूठा तरीका पर्यावरण व मानव जीवन के लिए साबित होगा वरदान

कोरोना महामारी के बीच प्रदूषण से होने वाले नुकसान के मद्देनजर राजस्थान हाईकोर्ट ने दिवाली पर पटाखों की बिक्री को लेकर सरकार से जवाब मांगा था. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कई बार सोशल मीडिया के जरिए आतिशबाजी से होने वाले नुकसान का हवाला देते हुए इनका उपयोग नहीं करने की अपील कर चुके हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर आम जनता से अपील करते हुए कहा है कि पटाखे खतरनाक हैं. सीएम ने कहा कि त्योहार में इसके उपयोग से बचना चाहिए, क्योंकि मेडिकल विशेषज्ञों की राय और अनुभव के मुताबिक प्रदूषण के कारण कोविड-19 के मरीजों को सांस लेने में समस्या हो सकती है. इसकी वजह से मृत्यु दर में भी इजाफा होने की आशंका है. इसी परिस्थितियों में दिवाली के त्योहार पर पटाखे और आतिशबाजी का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए.

युवाओं ने बताया सराहनीय कदम

जब ईटीवी भारत ने कुछ युवाओं से पटाखे को लेकर बातचीत की तो युवाओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस कदम को सराहनीय कदम बताया. युवाओं का कहना है कि इस समय कोविड-19 की वजह से खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में पटाखे फोड़ने की वजह से आमजन को सांस लेने में भी दिक्कत आती है और प्रदेश में प्रदूषण भी बढ़ने लगता है. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस कदम के बाद प्रदेश में दिवाली के बाद प्रदूषण में भी कमी आएगी. वहीं, पटाखे नहीं फोड़ने की वजह से कोविड-19 मरीज भी नहीं बढ़ेंगे.

पढ़ें: Diwali Special: ETV भारत के साथ शुभ मुहूर्त में करें महालक्ष्मी का पूजन...मिलेगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

पटाखा कारोबारियों पर संकट के बादल

राज्य सरकार की ओर से पटाखों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद अब प्रदेश में करीब 600 करोड़ रुपये के पटाखों के स्टॉक के निस्तारण की एक बड़ी समस्या सामने आ गई है. प्रदेश में आतिशबाजी का सालाना 500 करोड़ का कारोबार होता है, जिसमें जयपुर का हिस्सा करीब 60 करोड़ का है. दिवाली से पहले अतिरिक्त स्टॉक मंगाया भी जाता है. इस बार व्यापारियों ने एक माह पहले ही स्टॉक कर लिया था. लेकिन अब स्टॉक किसी भी काम का नहीं है, क्योंकि सरकार के द्वारा उस पर रोक लगा दी गई और अब पटाखा कारोबारियों के ऊपर संकट के बादल भी मंडरा रहे हैं.

जयपुर. दिवाली का त्योहार पूरे देश और दुनिया में धूमधाम से मनाया जाता है. दिवाली के त्योहार पर पटाखों को लेकर भी युवाओं और बच्चों में काफी क्रेज देखने को मिलता है. लेकिन, इस बार कोरोना काल में मनाई जा रही दिवाली में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पटाखों पर बैन लगा दिया है. इसके बाद कई लोगों में मायूसी भी देखने को मिल रही है. कई युवा और बुजुर्ग इसे एक सराहनीय कदम बता रहे हैं, तो वहीं बच्चे पटाखे न बजा पाने से निराश हैं.

दिवाली पर पटाखों पर बैन पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया

पढ़ें: Special: इको फ्रेंडली दिवाली का ये अनूठा तरीका पर्यावरण व मानव जीवन के लिए साबित होगा वरदान

कोरोना महामारी के बीच प्रदूषण से होने वाले नुकसान के मद्देनजर राजस्थान हाईकोर्ट ने दिवाली पर पटाखों की बिक्री को लेकर सरकार से जवाब मांगा था. वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कई बार सोशल मीडिया के जरिए आतिशबाजी से होने वाले नुकसान का हवाला देते हुए इनका उपयोग नहीं करने की अपील कर चुके हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर आम जनता से अपील करते हुए कहा है कि पटाखे खतरनाक हैं. सीएम ने कहा कि त्योहार में इसके उपयोग से बचना चाहिए, क्योंकि मेडिकल विशेषज्ञों की राय और अनुभव के मुताबिक प्रदूषण के कारण कोविड-19 के मरीजों को सांस लेने में समस्या हो सकती है. इसकी वजह से मृत्यु दर में भी इजाफा होने की आशंका है. इसी परिस्थितियों में दिवाली के त्योहार पर पटाखे और आतिशबाजी का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए.

युवाओं ने बताया सराहनीय कदम

जब ईटीवी भारत ने कुछ युवाओं से पटाखे को लेकर बातचीत की तो युवाओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस कदम को सराहनीय कदम बताया. युवाओं का कहना है कि इस समय कोविड-19 की वजह से खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. ऐसे में पटाखे फोड़ने की वजह से आमजन को सांस लेने में भी दिक्कत आती है और प्रदेश में प्रदूषण भी बढ़ने लगता है. ऐसे में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस कदम के बाद प्रदेश में दिवाली के बाद प्रदूषण में भी कमी आएगी. वहीं, पटाखे नहीं फोड़ने की वजह से कोविड-19 मरीज भी नहीं बढ़ेंगे.

पढ़ें: Diwali Special: ETV भारत के साथ शुभ मुहूर्त में करें महालक्ष्मी का पूजन...मिलेगा सुख-समृद्धि का आशीर्वाद

पटाखा कारोबारियों पर संकट के बादल

राज्य सरकार की ओर से पटाखों पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद अब प्रदेश में करीब 600 करोड़ रुपये के पटाखों के स्टॉक के निस्तारण की एक बड़ी समस्या सामने आ गई है. प्रदेश में आतिशबाजी का सालाना 500 करोड़ का कारोबार होता है, जिसमें जयपुर का हिस्सा करीब 60 करोड़ का है. दिवाली से पहले अतिरिक्त स्टॉक मंगाया भी जाता है. इस बार व्यापारियों ने एक माह पहले ही स्टॉक कर लिया था. लेकिन अब स्टॉक किसी भी काम का नहीं है, क्योंकि सरकार के द्वारा उस पर रोक लगा दी गई और अब पटाखा कारोबारियों के ऊपर संकट के बादल भी मंडरा रहे हैं.

Last Updated : Nov 24, 2020, 2:38 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.