ETV Bharat / city

अस्पतालों के गलत प्रबंधन के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर जबाव-तलब - Hospital mismanagement

राजस्थान में कोरोना की दूसरी लहर ने महामारी का रूप धारण कर लिया है. दवाओं की उपलब्धता और ऑक्सीजन की कमी सहित अन्य को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई थी. कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

राजस्थान हाईकोर्ट  अस्पताल का गलत प्रबंधन  जनहित याचिका  राजस्थान में कोरोना  जोधपुर की ताजा खबर  Latest news of jodhpur  Corona in Rajasthan  public interest litigation  Hospital mismanagement  Rajasthan High Court
जनहित याचिका पर जबाव-तलब
author img

By

Published : May 7, 2021, 11:56 PM IST

जोधपुर. प्रदेश के सभी जिलों में कोविड- 19 की दूसरी लहर ने महामारी का रूप ले लिया है. ऐसे में प्रदेश में दवाओं की उपलब्धता, ऑक्सीजन की कमी और वैक्सीन के मूल्य में अंतर को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय ने दायर जनहित याचिका के तहत नोटिस जारी करते हुए जवाब-तलब किया है.

मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत मोहंती और न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ के समक्ष नागौर के मनीष भुवाल ने अधिवक्ता नीतीश कुमार के जरिए एक जनहित याचिका पेश की. याचिका में बताया गया, जनहित याचिका गलत प्रबंधन के खिलाफ दायर की गई है. राज्य में चिकित्सा और बुनियादी सुविधाओं की सुविधा, ऑक्सीजन बेड की अनुपलब्धता सहित आईसीयू सुसज्जित ऑक्सीजन बेड और ऑक्सीजन व चिकित्सा आपूर्ति की कमी, जिसमें दवाएं और इंजेक्शन शामिल हैं. वर्तमान समय में अनिवार्य रूप से जीवन रक्षक दवा सहित जनहित याचिका में वैक्सीन की मूल्य भिन्नता का मुद्दा भी उठाया गया है.

यह भी पढ़ें: जनता के पैसों की बर्बादी ना करें, बंद पड़े वेंटिलेटर्स को उपयोग में लाया जाए: राजस्थान हाईकोर्ट

केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और निजी द्वारा खरीदी गई, जिसमें भिन्नता है. जो अस्पताल उल्लंघन करते हैं, वे न केवल उल्लंघन करते हैं. बल्कि भारत के संविधान के तहत मूलभूत अधिकार और ड्रग प्रावधानों का भी उल्लंघन करता है. कॉस्मेटिक अधिनियम- 1940, आवश्यक वस्तु अधिनियम- 1955, राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल्स मूल्य निर्धारण नीति- 2012 और ड्रग्स (मूल्य नियंत्रण) आदेश- 2013 के तहत उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार की ओर से एएसजी मुकेश राजपुरोहित और अतिरिक्त महाधिवक्ता करण सिंह राजपुरोहित को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

जोधपुर. प्रदेश के सभी जिलों में कोविड- 19 की दूसरी लहर ने महामारी का रूप ले लिया है. ऐसे में प्रदेश में दवाओं की उपलब्धता, ऑक्सीजन की कमी और वैक्सीन के मूल्य में अंतर को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय ने दायर जनहित याचिका के तहत नोटिस जारी करते हुए जवाब-तलब किया है.

मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत मोहंती और न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ के समक्ष नागौर के मनीष भुवाल ने अधिवक्ता नीतीश कुमार के जरिए एक जनहित याचिका पेश की. याचिका में बताया गया, जनहित याचिका गलत प्रबंधन के खिलाफ दायर की गई है. राज्य में चिकित्सा और बुनियादी सुविधाओं की सुविधा, ऑक्सीजन बेड की अनुपलब्धता सहित आईसीयू सुसज्जित ऑक्सीजन बेड और ऑक्सीजन व चिकित्सा आपूर्ति की कमी, जिसमें दवाएं और इंजेक्शन शामिल हैं. वर्तमान समय में अनिवार्य रूप से जीवन रक्षक दवा सहित जनहित याचिका में वैक्सीन की मूल्य भिन्नता का मुद्दा भी उठाया गया है.

यह भी पढ़ें: जनता के पैसों की बर्बादी ना करें, बंद पड़े वेंटिलेटर्स को उपयोग में लाया जाए: राजस्थान हाईकोर्ट

केन्द्र सरकार, राज्य सरकार और निजी द्वारा खरीदी गई, जिसमें भिन्नता है. जो अस्पताल उल्लंघन करते हैं, वे न केवल उल्लंघन करते हैं. बल्कि भारत के संविधान के तहत मूलभूत अधिकार और ड्रग प्रावधानों का भी उल्लंघन करता है. कॉस्मेटिक अधिनियम- 1940, आवश्यक वस्तु अधिनियम- 1955, राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल्स मूल्य निर्धारण नीति- 2012 और ड्रग्स (मूल्य नियंत्रण) आदेश- 2013 के तहत उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार की ओर से एएसजी मुकेश राजपुरोहित और अतिरिक्त महाधिवक्ता करण सिंह राजपुरोहित को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.