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जयपुर: निजी स्कूल फीस के लिए बना रहे दबाव, अभिभावकों ने किया प्रदर्शन - फीस जमा करवाने को लेकर दबाव

राजधानी के सेंट्रल पार्क में रविवार को एक निजी स्कूल के अभिभावकों की ओर से 'नो स्कूल नो फीस' के नारों के साथ प्रदर्शन किया गया. इस दौरान कई अभिभावकों ने आरोप लगाया कि स्कूल संचालक उन पर फीस जमा करवाने को लेकर दबाव बना रहे हैं.

जयपुर समाचार, jaipur news
निजी स्कूल की फीस को लेकर अभिभावकों का प्रदर्शन
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Published : Aug 9, 2020, 5:27 PM IST

जयपुर. लॉकडाउन में स्कूलों की ओर से ली जाने वाली फीस का मुद्दा लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. प्राइवेट स्कूल संचालक अभिभावकों से लगातार फीस की मांग कर रहे हैं. वहीं, अभिभावक भी फीस नहीं देने पर अड़े हुए हैं. कई अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल संचालक फीस देने का दबाव बना रहे हैं.

इसी क्रम में रविवार को एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने 'नो स्कूल नो फीस' के नारों के साथ सेंट्रल पार्क में प्रद्शन किया. उनका कहना था कि स्कूल संचालक 12वीं में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों से सीबीएसई में रजिस्ट्रेशन के लिए लगातार फीस की मांग कर रहे हैं.

निजी स्कूल की फीस को लेकर अभिभावकों का प्रदर्शन

अभिभावकों ने कहा कि लॉकडाउन में अभिभावकों के काम-धंधे ठप रहे. इसके साथ ही वे नौकरियों पर भी नहीं जा पा रहे है. इसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है, जिसके चलते वह फीस देने में समर्थ नहीं है. अभिभावकों ने कहा कि स्कूल प्रबंधन की ओर से उनके पास लगातार फोन कर रहे हैं. स्कूल प्रबंधन कह रहा है कि 12वीं में पढ़ने वाले बच्चों का सीबीएसई में रजिस्ट्रेशन के लिए फीस जमा कराना अनिवार्य है. फीस जमा कराने के लिए 10 अगस्त की तारीख अंतिम तारीख तय की गई है. अभिभावकों ने कहा कि मीटिंग में निर्णय किया गया है कि जब तक स्कूल बंद रहेंगे, तब तक वह स्कूल में फीस जमा नहीं कराएंगे.

पढ़ें- झालावाड़: अभिभावकों ने निजी विद्यालय पर धमकी देने का लगाया आरोप, प्रदर्शन

अभिभावकों का कहना है कि केंद्र एवं राज्य सरकार ने कहा है कि जब तक स्कूल नहीं खुलेगा, तब तक फीस जमा नहीं कराई जाए. उसी के अनुरूप जब तक स्कूल नहीं खुलेगा, तब तक हम फीस जमा नहीं कराएंगे. वहीं, सीबीएसई में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लगातार स्कूल की ओर से मैसेज किए जा रहे हैं.

अभिभावकों ने कहा कि मंत्री ने भी नो स्कूल और नो फीस लेकर बयान दिया है कि जब तक स्कूल नहीं खुलेगा, तब तक फीस नहीं दी जाएगी. लेकिन कुछ स्कूल संचालक इस बात को मानने से इंकार कर रहे हैं. अभिभावकों का कहना है कि इस मामले को मंत्री और मुख्यमंत्री के संज्ञान में भी लाया जाएगा. उन्होंने यहां तक कहा कि यदि स्कूलों का यही रवैया रहा तो कुछ अभिभावक आत्महत्या भी कर सकते हैं.

जयपुर. लॉकडाउन में स्कूलों की ओर से ली जाने वाली फीस का मुद्दा लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. प्राइवेट स्कूल संचालक अभिभावकों से लगातार फीस की मांग कर रहे हैं. वहीं, अभिभावक भी फीस नहीं देने पर अड़े हुए हैं. कई अभिभावकों का आरोप है कि स्कूल संचालक फीस देने का दबाव बना रहे हैं.

इसी क्रम में रविवार को एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने 'नो स्कूल नो फीस' के नारों के साथ सेंट्रल पार्क में प्रद्शन किया. उनका कहना था कि स्कूल संचालक 12वीं में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों से सीबीएसई में रजिस्ट्रेशन के लिए लगातार फीस की मांग कर रहे हैं.

निजी स्कूल की फीस को लेकर अभिभावकों का प्रदर्शन

अभिभावकों ने कहा कि लॉकडाउन में अभिभावकों के काम-धंधे ठप रहे. इसके साथ ही वे नौकरियों पर भी नहीं जा पा रहे है. इसके कारण उनकी आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो चुकी है, जिसके चलते वह फीस देने में समर्थ नहीं है. अभिभावकों ने कहा कि स्कूल प्रबंधन की ओर से उनके पास लगातार फोन कर रहे हैं. स्कूल प्रबंधन कह रहा है कि 12वीं में पढ़ने वाले बच्चों का सीबीएसई में रजिस्ट्रेशन के लिए फीस जमा कराना अनिवार्य है. फीस जमा कराने के लिए 10 अगस्त की तारीख अंतिम तारीख तय की गई है. अभिभावकों ने कहा कि मीटिंग में निर्णय किया गया है कि जब तक स्कूल बंद रहेंगे, तब तक वह स्कूल में फीस जमा नहीं कराएंगे.

पढ़ें- झालावाड़: अभिभावकों ने निजी विद्यालय पर धमकी देने का लगाया आरोप, प्रदर्शन

अभिभावकों का कहना है कि केंद्र एवं राज्य सरकार ने कहा है कि जब तक स्कूल नहीं खुलेगा, तब तक फीस जमा नहीं कराई जाए. उसी के अनुरूप जब तक स्कूल नहीं खुलेगा, तब तक हम फीस जमा नहीं कराएंगे. वहीं, सीबीएसई में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लगातार स्कूल की ओर से मैसेज किए जा रहे हैं.

अभिभावकों ने कहा कि मंत्री ने भी नो स्कूल और नो फीस लेकर बयान दिया है कि जब तक स्कूल नहीं खुलेगा, तब तक फीस नहीं दी जाएगी. लेकिन कुछ स्कूल संचालक इस बात को मानने से इंकार कर रहे हैं. अभिभावकों का कहना है कि इस मामले को मंत्री और मुख्यमंत्री के संज्ञान में भी लाया जाएगा. उन्होंने यहां तक कहा कि यदि स्कूलों का यही रवैया रहा तो कुछ अभिभावक आत्महत्या भी कर सकते हैं.

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