जयपुर. राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की सरकार बने साढ़े तीन साल से ज्यादा का समय गुजर चुका है. भले ही राजस्थान की सत्ता पर कांग्रेस काबिज हो, लेकिन राजस्थान कांग्रेस के नेता पैदल मार्च, प्रदर्शन करते दिखाई देते हैं. कांग्रेस नेताओं के बार-बार सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना सत्ता में होते हुए भी विपक्ष का एहसास दिलाता है. खास बात यह है कि इन प्रदर्शनों में कांग्रेस संगठन (Protest of congress in gehlot government) के नेता ही नहीं, बल्कि प्रदेश के मुख्यमंत्री और मंत्री भी विरोध करते हुए दिखाई देते हैं.
सत्तारूढ़ दल के बाद सड़क पर विरोध कर रहे लोगों के सुनवाई की जिम्मेदारी होती है, लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस के नेताओं ,मंत्रियों, विधायकों के सड़क पर उतरने का सिलसिला सरकार बनने के साथ ही चलता आ रहा है.
8 महीने में डेढ़ दर्जन से ज्यादा बार कांग्रेस का प्रदर्शनः पिछले 8 महीनों की बात करें तो कांग्रेस पार्टी डेढ़ दर्जन से ज्यादा बार विरोध प्रदर्शन के लिए सड़क पर उतर चुकी है. इनमें प्रदेश कांग्रेस के स्तर पर 11 विरोध प्रदर्शन या पैदल मार्च ऐसे हुए हैं, जिनमें प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के साथ ही मंत्री और विधायक भी शामिल हुए हैं.
चाहे मामला किसानों से जुड़ा हो या फिर बढ़ती महंगाई हो या फिर वर्तमान ईडी विवाद ,कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक और नेता किसी ना किसी वजह से सड़कों पर उतरते रहे हैं. हालात यह है कि जिस कांग्रेस के पास सत्ताधारी दल होने के नाते पुलिस और प्रशासनिक व्यवस्था के निर्णय लेने का अधिकार है. जब कांग्रेस के ही मंत्री विधायक और नेता धरने प्रदर्शन करते हैं तो वही पुलिस इन नेताओं रोकने का काम करती है. भले ही राजस्थान में पुलिस से टकराव की स्थिति सत्ताधारी दल होने के चलते कांग्रेस की नहीं होती है, लेकिन फिर भी सरकार में बैठे नेताओं और प्रशासनिक अमले की भी हालात इन धरने प्रदर्शनों में देखने लायक होती है.
बीते 8 महीने में प्रमुख रूप से हुए ये धरने-प्रदर्शन
अक्टूबर 2021
लखीमपुर हिंसा मामले में जब उत्तर प्रदेश में मृतक परिवार से मिलने जा रही प्रियंका गांधी को पुलिस ने हिरासत में लिया, तो कांग्रेस पार्टी की ओर से राजस्थान में कलेक्ट्रेट सर्किल से लेकर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय तक मार्च निकाला गया. जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा के साथ ही मंत्री विधायक मौजूद रहे पीसीसी पर हुई सभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पहुंचे.
7 अक्टूबर को लखीमपुर मामले में ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने भरतपुर में पैदल मार्च किया. इस दौरान उनके साथ मंत्री और विधायक भी मौजूद रहे.
नवंबर 2021
14 नवंबर को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की अगुवाई में स्टेचू सर्किल से प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय तक पैदल मार्च निकाला गया. इसमें बड़ी संख्या में मंत्री और विधायक भी मौजूद रहे.
20 नवंबर को किसानों के काले कानून वापस लेने और किसानों को श्रद्धांजलि देने के लिए कांग्रेस पार्टी की ओर से जयपुर के सिविल लाइंस फाटक पर सभा की गई. जिसमें मुख्यमंत्री समेत सरकार के कई मंत्री मौजूद रहे.
दिसंबर 2021
12 दिसंबर को बढ़ती महंगाई के खिलाफ कांग्रेस की राष्ट्रव्यापी रैली जयपुर में हुई. जिसमें राहुल गांधी, सोनिया गांधी, और प्रियंका गांधी भी मौजूद रहे. इस रैली में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कांग्रेस के सभी मंत्री और विधायक भी मौजूद रहे.
अप्रैल 2022
7 अप्रैल को जयपुर के स्टेच्यू सर्किल पर कांग्रेस ने महंगाई के खिलाफ रैली की. जिसमें मुख्यमंत्री समेत प्रदेश के मंत्री विधायक मौजूद रहे.
15 अप्रैल को कांग्रेस पार्टी सेवा दल की ओर से आजादी की गौरव यात्रा ने राजस्थान में प्रवेश किया. जिसने 15 अप्रैल से 21 मई तक राजस्थान में केंद्र की मोदी सरकार की गलत नीतियों को लेकर पैदल मार्च किया. इसमें 15 मार्च को डूंगरपुर के रतनपुर बॉर्डर पर सभा की. इसमें मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष समेत प्रदेश के मंत्री और विधायक मौजूद रहे.
21 अप्रैल को केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में आजादी की गौरव यात्रा जब कोटपूतली पहुंची तो वहां भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद डोटासरा समय मंत्री और विधायक मौजूद रहे.
जून 2022
13 जून को कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को ईडी की ओर से बुलाए जाने के चलते राजस्थान में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष समेत सभी मंत्रियों ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से लेकर जयपुर के ईडी मुख्यालय तक पैदल मार्च किया. वहीं इसी मामले में दिल्ली में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तो गिरफ्तारी तक दी.
16 जून को कांग्रेस पार्टी की ओर से राजभवन का घेराव किया गया. जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष समेत मंत्री ,विधायक और कांग्रेस के नेता मौजूद रहे. इस दौरान मंत्री राजभवन का घेराव करने पहुंचे तो पुलिस को बैरिकेडिंग कर उन्हें रोकना भी पड़ा.
आगे और तैयारी कांग्रेस के विरोध प्रदर्शनों कीः 17 जून को कांग्रेस पार्टी फिर प्रदेश में सड़कों पर उतरेगी. प्रदेश के सभी जिलों में केंद्रीय कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन करेगी. इस प्रदर्शन में भी कांग्रेस पार्टी के मंत्री और विधायक मौजूद रहेंगे. मतलब साफ है कि मंत्रियों को पुलिस रोकती हुई दिखाई देगी. सेना में अग्नीपथ योजना के विरोध में भी जल्द ही कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी. जल्द ही इसे लेकर भी रूपरेखा तैयार होगी.