जयपुर. वेयर हाउस कॉरपोरेशन के अध्यक्ष पी.के. गोयल ने कहा कि समर्थन मूल्य पर मूंग, उड़द, सोयाबीन और मूंगफली की होने वाली खरीद के लिए भंडारण की पूरी व्यवस्था की जाएगी. वर्तमान में वेयर हाउस कॉरपोरेशन के पास 1 लाख 50 हजार मीट्रिक टन और सीडब्लयूसी के पास 95 हजार मीट्रिक टन भंडारण क्षमता उपलब्ध है.
खरीफ 2020 में दलहन और तिलहन की खरीद व्यवस्था के संबंध में मंगलवार को वर्चुअल तरीके से आयोजित राज्य स्तरीय स्टैरिंग कमेटी के समक्ष गोयल ने विचार व्यक्त किए. उन्होंने नैफेड गोदामों में रखी उपज को शीघ्र स्थानांतरित करें ताकि 12 लाख मीट्रिक टन की भंडारण क्षमता का उपयोग हो सके.
भारत सरकार को प्रस्ताव भेजे जा रहे
प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता और कृषि कुंजीलाल मीणा ने कहा कि राज्य में नवम्बर माह में मूंग, उड़द सोयाबीन और मूंगफली की खरीद के लिए भारत सरकार को प्रस्ताव भेजे जा रहे है. भारत सरकार से अनुमति मिलने पर खरीद प्रारंभ की जाएगी.
मीणा ने कहा कि पीएसएस गाइडलाइन के अनुसार मूंग, उड़द सोयाबीन और मूंगफली की उत्पादन की अधिकतम 25 प्रतिशत मात्रा खरीदी जाती है. इस हिसाब से भारत सरकार को 12.22 लाख मीट्रिक टन उपज खरीद के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा. उन्होंने कहा कि खरीद के लिए 1935 करोड़ रुपए की कार्यशील पूंजी और रिवाल्विंग फंड की आवश्यकता होगी.
इस पर वित्त विभाग के सचिव सुधीर शर्मा ने भी पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है. प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि एफएक्यू मानक के अनुसार ही जिंसों की खरीद की जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि एफएक्यू मानक के अनुसार खरीद नहीं करने पर संबंधित समितियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और खरीद से भी बाहर किया जाएगा.
रजिस्ट्रार मुक्तानन्द अग्रवाल ने कहा कि खरीद के दौरान विभाग द्वारा संगठित प्रयासों से सर्तकता रखी जाएगी. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और राजफैड़ का भी सहयोग लिया जाएगा. राजफैड की प्रबंध निदेश सुषमा अरोड़ा ने प्रजेंटेशन के माध्यम से होने वाली खरीद की प्रक्रिया को प्रस्तुत किया.
खरीद के दौरान बारदाने की पर्याप्त व्यवस्था
उन्होंने कहा कि 2 दिन के भीतर सभी खरीद केन्द्र स्थापित कर लिए जाएंगे. जिला कलेक्टर समय पर गिरदावरी जारी करने के निर्देश पटवारियों को दें, ताकि पंजीयन के समय किसानों को परेशानी नहीं हो. उन्होंने कहा कि खरीद के दौरान बारदाने की पर्याप्त व्यवस्था के लिए नैफेड के अधिकारियों को निर्देश दिए.