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अचल संपत्ति की जानकारी : प्रमोटी RAS ने नहीं दिया अचल संपत्ति का ब्यौरा, रोक दी पदोन्नति... - immovable property

कर्मचारियों और अधिकारियों की अचल संपत्ति की जानकारी देनी होगी. वरना गहलोत सरकार सख्त कदम उठाएगी. राजस्थान प्रशासनिक सेवा नियमों के तहत गठित विभागीय पदोन्नति की अभिशंषा पर तहसीलदार सेवा के 63 अधिकारियों को राजस्थान प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत किया है. लेकिन एक प्रमोटी आरएएस की पदोन्नति इसलिए रोक दी गई क्योंकि उसने अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया.

अचल संपत्ति की जानकारी
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Published : Sep 13, 2021, 8:40 PM IST

जयपुर. अचल संपत्ति के विवरण को लेकर सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं. निर्देशानुसार कर्मचारियों/अधिकारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा ऑनलाइन देना होगा. ऐसा नहीं किया गया तो सरकार सख्ती करेगी.

ऐसे में वेतन श्रंखला पर इसका असर पड़ सकता है. अभी भी कई कर्मचारी/अधिकारी ऐसे हैं जो अपनी जानकारी अपडेट नहीं कर रहे हैं. ऐसे लापरवाह और गैर जिम्मेदार कर्मचारियों और अफसरों के खिलाफ अब सरकार ने सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि आज कार्मिक विभाग की ओर से राजस्थान प्रशासनिक सेवा नियमों के तहत गठित विभागीय पदोन्नति की अभिशंषा पर पदोन्नत किये गये तहसीलदार सेवा के 63 अधिकारियों में से एक की पदोन्नति रोक दी गई.

राजस्थान प्रशासनिक सेवा में 2020-22 में वरिष्ठता सह योग्यता के आधार अधिकारियों को पदोन्नत किया गया है. लेकिन एक प्रमोटी आरएएस सुशीला मीणा की पदोन्नति रोक दी गई, क्योंकि उन्होंने अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया. वहीं मनीष कुमार को आरएएस की कनिष्ठ वेतन श्रंखला में 2018-19 की रिक्तियों में पदोन्नत किया गया है. इनका नाम बाबूलाल जाट के नीचे जोड़ा गया है. वहीं बद्रीलाल ने अभी भी एसीआर नहीं भरी है. जिसके चलते इनका प्रकरण डेफर रखा गया है.

पढ़ें- NEET Exam 2021: पेपर लीक मामले में पुलिस का बड़ा खुलासा...8 आरोपी गिरफ्तार...नकल कराने के लिए 35 लाख रुपए में हुआ था सौदा

इन्हें किया पदोन्नत

ललित कुमार, बद्रीलाल सुथार, प्रदीप कुमार चौमाल, सुभाष चंद गोयल, प्रभात त्रिपाठी, हनुमान राम चौधरी, सुभाष चंद हेमानी, अरुण कुमार शर्मा, कपिल शर्मा, हरिसिंह शेखावत, सोहन सिंह नरूका, जवाहरराम चौधरी, विरेंद्र सिंह, अनिल कुमार चौधरी, मनोज सोलंकी, अनुराग हरित, नरेश सेानी, दमयंती कंवर, राकेश कुमार, भागीरथ राम, योगेश सिंह देवल, ब्रजेश कुमार, सत्यनारायण, अरूण कुमार जैन, सुनिता यादव, जगदीश सिंह आसिया, दिनेश शर्मा, भारती भारद्वाज, ब्रजेश गुप्ता, श्रवण सिंह राठौड़, अर्पणा शर्मा, रोहित चौहान, गजेंद्र सिंह, राजकुमार टाडा, संदीप चौधरी, दयानंद रूयल, रमेश चंद्र बहड़िया, सुरेंद्र बी पाटीदार, सुभाष चंद्र, बलवीर सिंह, सीप्रा जैन, मुनेश कुमारी, कनक जैन, भावना सिंह, स्वाती गुप्ता, सीमा खेतान, सुमन शर्मा, विनिता स्वामी, मनसुखराम डामोर, देवी सिंह, सुरेश कुमार हरसोलिया, पंकज बड़गुजर, बद्रीनारायण मीणा, राधेश्याम मीणा, राजेश मीणा, बिजेंद्र सिंह, बंशीधर योगी, नीलम मीणा, सुशीला मीणा, श्रीकांत व्यास, रामकिशोर मीणा, मिथिलेश मीणा.

इसके अलावा 3 अधिकारियों की अभिशंषा सीलबंद लिफाफे में रखी गई है, इनमें सुबोध सिंह चारण, मुकेश चंद्र मीणा और अमीलाल यादव शामिल हैं.

जयपुर. अचल संपत्ति के विवरण को लेकर सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों को लगातार निर्देश दिए जा रहे हैं. निर्देशानुसार कर्मचारियों/अधिकारियों को अपनी संपत्ति का ब्यौरा ऑनलाइन देना होगा. ऐसा नहीं किया गया तो सरकार सख्ती करेगी.

ऐसे में वेतन श्रंखला पर इसका असर पड़ सकता है. अभी भी कई कर्मचारी/अधिकारी ऐसे हैं जो अपनी जानकारी अपडेट नहीं कर रहे हैं. ऐसे लापरवाह और गैर जिम्मेदार कर्मचारियों और अफसरों के खिलाफ अब सरकार ने सख्त कदम उठाना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि आज कार्मिक विभाग की ओर से राजस्थान प्रशासनिक सेवा नियमों के तहत गठित विभागीय पदोन्नति की अभिशंषा पर पदोन्नत किये गये तहसीलदार सेवा के 63 अधिकारियों में से एक की पदोन्नति रोक दी गई.

राजस्थान प्रशासनिक सेवा में 2020-22 में वरिष्ठता सह योग्यता के आधार अधिकारियों को पदोन्नत किया गया है. लेकिन एक प्रमोटी आरएएस सुशीला मीणा की पदोन्नति रोक दी गई, क्योंकि उन्होंने अचल संपत्ति का ब्यौरा नहीं दिया. वहीं मनीष कुमार को आरएएस की कनिष्ठ वेतन श्रंखला में 2018-19 की रिक्तियों में पदोन्नत किया गया है. इनका नाम बाबूलाल जाट के नीचे जोड़ा गया है. वहीं बद्रीलाल ने अभी भी एसीआर नहीं भरी है. जिसके चलते इनका प्रकरण डेफर रखा गया है.

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इन्हें किया पदोन्नत

ललित कुमार, बद्रीलाल सुथार, प्रदीप कुमार चौमाल, सुभाष चंद गोयल, प्रभात त्रिपाठी, हनुमान राम चौधरी, सुभाष चंद हेमानी, अरुण कुमार शर्मा, कपिल शर्मा, हरिसिंह शेखावत, सोहन सिंह नरूका, जवाहरराम चौधरी, विरेंद्र सिंह, अनिल कुमार चौधरी, मनोज सोलंकी, अनुराग हरित, नरेश सेानी, दमयंती कंवर, राकेश कुमार, भागीरथ राम, योगेश सिंह देवल, ब्रजेश कुमार, सत्यनारायण, अरूण कुमार जैन, सुनिता यादव, जगदीश सिंह आसिया, दिनेश शर्मा, भारती भारद्वाज, ब्रजेश गुप्ता, श्रवण सिंह राठौड़, अर्पणा शर्मा, रोहित चौहान, गजेंद्र सिंह, राजकुमार टाडा, संदीप चौधरी, दयानंद रूयल, रमेश चंद्र बहड़िया, सुरेंद्र बी पाटीदार, सुभाष चंद्र, बलवीर सिंह, सीप्रा जैन, मुनेश कुमारी, कनक जैन, भावना सिंह, स्वाती गुप्ता, सीमा खेतान, सुमन शर्मा, विनिता स्वामी, मनसुखराम डामोर, देवी सिंह, सुरेश कुमार हरसोलिया, पंकज बड़गुजर, बद्रीनारायण मीणा, राधेश्याम मीणा, राजेश मीणा, बिजेंद्र सिंह, बंशीधर योगी, नीलम मीणा, सुशीला मीणा, श्रीकांत व्यास, रामकिशोर मीणा, मिथिलेश मीणा.

इसके अलावा 3 अधिकारियों की अभिशंषा सीलबंद लिफाफे में रखी गई है, इनमें सुबोध सिंह चारण, मुकेश चंद्र मीणा और अमीलाल यादव शामिल हैं.

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