जयपुर. पूरे देश में इस वक्त कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन पार्ट 2 जारी है. जिस वजह से कंपनी, कारखाना, फैक्ट्री समेत रोजगार के सारे साधन बंद पड़े हैं. जिस वजह से गरीब वर्ग के लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. गरीब और कमठाना मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
वहीं कुछ भामाशाह और सामाजिक संस्था इन लोगों के लिए खाने-पीने का इंतजाम कर रही है. लेकिन कुछ नेता जरुरतमंदों को राहत सामग्री देने के नाम पर प्रचार की राजनिति का खेल भी खेल रहे हैं. ऐसा लग रहा है कि जैसे नेताओं ने राहत सामग्री को ही प्रचार सामग्री समझ लिया हो. यही कारण था कि खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को यह ट्वीट करना पड़ा कि इस मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए.
पढ़ेंः केंद्रीय मंत्री बोले, इस समय राहुल पीएम होते तो सबकी तस्वीर दीवार पर टंगी होती
भोजन के पैकेट और राहत सामग्री पर किसी भी तरीके का प्रचार नहीं हो. लेकिन इसके बावजूद आश्चर्य की बात यह है कि कांग्रेस के नेता ही प्रचार करने से बाज नहीं आ रहें हैं. यह नेता राहत सामग्री पर अपने नाम के स्टीकर लगाकर लोगों को दे रहे हैं. नेताओं ने कद्दू जैसी सब्जी पर स्टिकर लगाकर उसे भी प्रचार का साधन बना दिया है. हालांकि अब बड़े नेताओं ने तो प्रचार सामग्री पर अपना नाम लिखना बंद कर दिया है लेकिन ताजा मामला सामने आया है जब जिला कांग्रेस सचिव रामचंद्र देवेंदा ने मानसरोवर इलाके में बांटी गई राहत सामग्री पर अपने स्टीकर चिपकाएं. ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है की कोरोना संक्रमण काल में भी नेता अपने आला नेताओं की बात क्यों नहीं मानते.