जयपुर : रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कैलाश चौधरी पत्रकारों से रूबरू हुए. इस दौरान चौधरी ने कोरोना काल में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी. वहीं प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि साल 2018 के बाद में फसल बीमा की किश्त जमा नहीं कराई गई, जिसके कारण किसानों को अब तक मुआवजा नहीं मिल पाया. चौधरी ने किसानों से जुड़े विभिन्न मुद्दे पर प्रदेश की गहलोत सरकार को भी घेरा.
चौधरी ने कहा कि देशभर के कई राज्यों में सरकारी समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू हो चुकी है. लेकिन राजस्थान में कोटा को छोड़कर किसी भी संभाग में समर्थन मूल्य पर खरीद प्रक्रिया शुरू नहीं हुई, जिससे किसान काफी आहत हैं. चौधरी ने कहा कि गहलोत सरकार ने प्रदेश में जो खरीद केंद्र बनाए हैं, वह भी कम है.
उनके अनुसार राजस्थान में केवल 719 केंद्र ही बनाए गए हैं. मतलब 16 ग्राम पंचायतों पर एक ही खरीद केंद्र है, जो कि हर दृष्टि से अपर्याप्त है.
रथ एप सहित कृषि राज्य मंत्री ने गिनाईं यह उपलब्धियां...
पत्रकार वार्ता के दौरान केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने मोदी सरकार की उपलब्धियों की जानकारी भी दी. चौधरी ने कहा कि किसानों की मदद के लिए केंद्र सरकार ने हेल्पलाइन भी शुरू की है.
वहीं रथ एप लॉन्चिंग के बारे में भी चौधरी ने जानकारी दी. चौधरी के अनुसार रथ एप ओला और उबर की तरह ही काम करता है, जिसमें किसानों को अपने आसपास अच्छी रेट में ट्रक या ट्रैक्टर की सुविधा मिल जाती है.
चौधरी ने बताया कि इस एप पर अब तक 7 लाख ट्रक और 2 लाख ट्रैक्टर मालिकों ने अपने वाहन की जानकारी इस सेवा के लिए अपलोड कराई है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई प्रेस वार्ता के दौरान कैलाश चौधरी ने इस बात को स्वीकार किया कि पिछले दिनों प्रदेश के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने फोन पर उनसे बात की थी.
चौधरी ने कहा कि इस दौरान मक्के की खरीद को लेकर भी प्रस्ताव रखा गया. हालांकि चौधरी ने कहा कि समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए पहले से तय हैं और उसी के अनुसार ही खरीद हो सकती है.
वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा केंद्र से भुगतान कर गेहूं की खरीद होने के बाद से जुड़े सवाल पर चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार के पास खाद्यान्न की न तो कोई कमी है और न भविष्य में होगी. हालांकि, जब उनसे कहा गया कि संकट किस काल में भी आप की सरकार भुगतान लेकर ही राज्यों को गेहूं दे रही है तो उन्होंने कहा जो नियम है उसके अनुसार ही मिलेगा.
इस दौरान जब उनसे राहुल गांधी द्वारा केंद्रीय कर्मियों के भत्ते को स्थगित करने से जुड़े आए बयान को लेकर सवाल पूछा गया तो चौधरी ने कहा कि राहुल गांधी पहले राजस्थान सरकार के फैसलों की तरफ भी देख लें.
चौधरी के अनुसार राहुल गांधी को पहले राजस्थान में कर्मचारियों के वेतन भत्तों में हुई कटौती को लेकर बोलना चाहिए था. उनके अनुसार जब देश कोरोना वायरस से मजबूती से लड़ रहा है. उस समय से बयान बाजी ठीक नहीं.
इस दौरान चौधरी ने व्यंग्यात्मक लहजे में यह तक कह दिया कि राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री होते तो हम में से कई लोगों के फोटो दीवार पर टंगे दिखते.