जयपुर. राजस्थान में 25 जून 2016 को जोर-शोर से स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट (Smart City Project ) लॉन्च किया गया. 5 साल के बाद स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जयपुर में सिर्फ 33 फीसदी काम हो पाए हैं.
हालांकि राजधानी में 410 करोड़ रुपए में से 309 करोड़ रुपए के काम किए जा चुके हैं और अब 2021 में जयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड (Jaipur Smart City Limited) अपने नए-पुराने प्रोजेक्ट्स को गति देने में जुट गया है.
लक्ष्मीनारायण पुरी में आयुर्वेद अस्पताल
परकोटा के लक्ष्मी नारायणपुरी में आयुर्वेद अस्पताल का टेंडर कर वर्क आर्डर दिया जा चुका है. यहां नई बिल्डिंग बनाकर अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. गणगौरी अस्पताल का डीपीआर तैयार है. हालांकि सक्षम स्तर पर स्वीकृति मिलनी बाकी है. कंवर नगर का डिग्री कॉलेज सीएम की बजट घोषणा (CM's Budget Announcement) में शामिल है. इस बारे में स्मार्ट सिटी के सीईओ अवधेश मीणा ने बताया कि जयपुर के प्रोजेक्ट्स ने बीते 1 साल में ही गति पकड़ी है. हालांकि कोविड-19 के कारण समस्या पैदा हुई, लेकिन अब 2022 अंत तक सभी प्रोजेक्ट पूरे कर लिए जाएंगे.
स्मार्ट सिटी का कुल फंड 1000 करोड़ का
जयपुर स्मार्ट सिटी का कुल फंड 1000 करोड़ का है. जिसमें से केंद्र सरकार से 250 करोड़ और राज्य सरकार ने भी लगभग इतना ही फंड उपलब्ध कराया है. केंद्र सरकार का पूरा पैसा इस्तेमाल किया जा चुका है. जबकि राज्य सरकार का करीब 70 करोड़ अभी भी पॉकेट में है. धीरे-धीरे एक्सपेंडिचर बढ़ाकर काम को तेज गति से किया जा रहा है.
इन प्रोजेक्ट्स पर चल रहा काम
स्मार्ट सिटी में फंड (smart city fund) रिलीज का एक मैकेनिज्म है. हर साल केंद्र सरकार को 100 करोड़ का फंड देना था. बीते 2 साल में 200 करोड़ दिया जा चुका है. इस साल 50 करोड़ दे दिया है. अभी सेंटर में भी फंड का इशू चल रहा है. लेकिन जून अंत तक या जुलाई में बची हुई किस्त मिल जाएगी.
परकोटा क्षेत्र में हुए अधिकतर कार्य
अवधेश मीणा ने बताया कि जयपुर का परकोटा क्षेत्र (Jaipur Parkota Area) में स्मार्ट सिटी के तहत अधिकतर कार्य हुए हैं. जिसमें हेरिटेज लुक (Jaipur Heritage Look) को बरकरार रखने के काम प्रमुख हैं. बरामदों का निर्माण, फसाड़ वर्क, लाइट्स, स्मार्ट रोड बनाने के काम प्रमुख हैं. पुराने स्कूल, हवेलियां और भवनों को भी रिनोवेट किया गया है.
हालांकि पूर्व में हेरिटेज सिटी में 9 रोड को स्मार्ट बनाया जाना था. जिनमें से महज किशनपोल और चांदपोल रोड को ही स्मार्ट बनाया गया है. लेकिन इन्हें अभी भी हाईटेक होना बाकी है. इस पर अवधेश मीणा ने कहा कि यहां सीसीटीवी कैमरा इंस्टॉल कर दिए गए हैं और कुछ जगह वाई-फाई भी शुरू कर दिए गए हैं. आगामी 1 महीने में पूरे वॉल सिटी में कैमरे और वाई-फाई मिलेगा.
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ऐतिहासिक बरामदों का जीर्णोद्धार
स्मार्ट सिटी के तहत बरामदों का जीर्णोद्धार भी किया जा रहा है. हालांकि बीते दिनों त्रिपोलिया बाजार में बरामदों की मरम्मत का काम किया गया था, लेकिन यहां चार दुकानों के बाहर बरामदा गिर गया. जिसने कई सवाल भी खड़े किए. इस पर अवधेश मीणा ने कहा कि बरामदों के पिलर पुराने थे. जिस वजह से ये हादसा हुआ. हालांकि अब इसकी स्टडी की जा रही है और इस संबंध में MNIT की भी हेल्प ली जा रही है. बरामदे पुराने हो चुके हैं और उनके फाउंडेशन नीचे से टूट चुके हैं. ऐसे में उनकी मरम्मत कर, उन्हें मजबूत बनाया जा रहा है. यहां धड़ का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है.
ये प्रोजेक्ट हैं पाइप लाइन में
एसएमएस अस्पताल, गणगौरी अस्पताल, ई लाइब्रेरी, नर्सिंग कॉलेज, स्कूल, स्मार्ट क्लास जैसे कई प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं. इनमें जो काम स्मार्ट सिटी के माध्यम से होने हैं, उनका टेंडर एक से दो महीने में कर दिया जाएगा. इसके अलावा जेडीए के साथ मिलकर जो रामनिवास पार्किंग फेस 2 जैसे प्रोजेक्ट तैयार होने हैं, उसमें समय ज्यादा लगना है. लेकिन काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा.
हालांकि स्मार्ट सिटी के कुछ प्रोजेक्ट से शहरवासी संतुष्ट नहीं हैं. फिर चाहे किशनपोल विधानसभा क्षेत्र में आने वाले दरबार स्कूल को स्मार्ट बनाने का काम हो, या पौन्ड्रिक उद्यान में कम्युनिटी हॉल और पार्किंग एरिया डवलप करने का. जो स्मार्ट सिटी लिमिटेड के लिए गले की फांस भी बना हुआ है.