जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दुष्कर्म से जुड़े मामले में निचली अदालत के आदेश पर सवाई माधोपुर ग्रामीण के तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक संपत सिंह, खंडार थानाधिकारी रोहित चावला सहित एक अन्य पुलिसकर्मी वासुदेव सिंह के खिलाफ गृह विभाग की ओर से की जा रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है. यह आदेश न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की एकलपीठ ने संपत सिंह और अन्य की ओर से दायर आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता मनीष कुमार शर्मा ने बताया कि सवाई माधोपुर की पॉक्सो कोर्ट ने गत 24 सितंबर को अपने आदेश में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी की थी. इस पर पॉक्सो कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में किए गए अनुसंधान में गंभीर लापरवाही बरतने, जांच में कमियां छोड़ने और पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर जांच करने का आरोप लगाया था.
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इसके साथ ही अदालत ने आदेश की कॉपी अतिरिक्त मुख्य गृह सचिव को भेजते हुए याचिकाकर्ताओं के खिलाफ 3 माह में कानूनी या अनुशासनात्मक कार्रवाई कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे, जिसे चुनौती देते हुए कहा गया कि मामले में पूरी ईमानदारी से जांच करने के बाद आरोप पत्र पेश किया गया था, जिसके आधार पर कोर्ट ने एक अभियुक्त को सजा सुनाई थी और एक अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे.
इसके अलावा निचली अदालत ने आदेश जारी करने से पहले याचिकाकर्ताओं का पक्ष भी नहीं सुना. ऐसे में निचली अदालत के आदेश को रद्द किया जाए, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर रोक लगा दी है.