जयपुर. वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों के बलिदान को सम्मान देने के लिए 11 सितंबर को वन शहीद दिवस मनाया जाता है. वन शहीद दिवस के अवसर पर राजधानी जयपुर में जल महल के सामने स्थित शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. वन विभाग के मुखिया प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) डीएन पांडे, चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन अरिंदम तोमर समेत वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने शहीद वन कर्मियों को श्रद्धा सुमन अर्पित की.
वन और वन्यजीवों की सुरक्षा करते हुए वन विभाग के कई कर्मचारी और अधिकारी शहीद हो गए. शहीद स्मारक (Forest Martyrs Day in Jaipur) पर पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों की शहादत को याद किया गया. इस दौरान शहीदों के लिए 2 मिनट का मौन रखा गया.
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प्रधान मुख्य वन संरक्षक (हॉफ) डीएन पांडे ने बताया कि आज के दिन प्राण न्योछावर करने वाले वन विभाग (Tribute program on Forest Martyrs Day) के जवानों को नमन किया है. जवानों के बलिदान से हमें पूरी निष्ठा से काम करने की शिक्षा मिलती है. उन्होंने कहा कि 92 से 93 प्रतिशत ऑक्सीजन जंगलों से मिलती है. पानी की एक-एक बूंद जब वनों में गिरती है, उसके बाद ग्राउंडवाटर रिचार्ज होता है. उस पानी से हमारी प्यास बुझती है. इसलिए सभी को वनों की रक्षा करनी चाहिए.
वनों को पुनर्स्थापित करने के बारे में पुस्तक : वन विभाग के मुखिया डीएन पांडे ने "घर से वन तक" पुस्तक लिखी है. जिसके बारे में उन्होंने बताया कि पुस्तक से रॉयल्टी स्वीकार नहीं की है ताकि उसकी कीमत कम हो सके और सभी साथियों तक पहुंच सके. उन्होंने बताया कि पुस्तक की पीडीएफ फाइल सभी कर्मचारियों को उपलब्ध करवाई गई है. वनों को पुनर्स्थापित करने के बारे में पुस्तक में बताया गया है. डीएन पांडे ने कहा कि मानव प्रजाति का अस्तित्व वन पर निर्भर करता है. इसीलिए जरूरत है कि ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं.