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भूमि संरक्षण के लिए प्रो. श्यामसुंदर ज्याणी हुए संयुक्त राष्ट्र के पुरस्कार से सम्मानित, वन मंत्री सुखराम बिश्नोई ने दी बधाई

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Published : Sep 29, 2021, 3:26 PM IST

Updated : Sep 29, 2021, 4:32 PM IST

राजस्थान के प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी (Professor Shyam sunder Jyani) को भूमि संरक्षण (land conservation) के लिए दुनिया का सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया है. मंत्री सुखराम बिश्नोई ने उनकी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है.

Professor Shyam sunder Jyani, Jaipur news
प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी को लैंड फॉर लाइफ अवॉर्ड सम्मानित

जयपुर. राजस्थान के प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी को भूमि संरक्षण के लिए दुनिया का सर्वाेच्च पुरस्कार लैंड फॉर लाइफ अवॉर्ड (Land for Life Award) से नवाजा गया है. 28 सितंबर को चीन के बून में आयोजित ऑनलाइन वैश्विक समारोह में अंतर्राष्ट्रीय श्रेणी के तहत पारिवारिक वानिकी के लिए उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया. प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी की उपलब्धि पर वन व पर्यावरण राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई (Minister Sukhram Bishnoi) ने उन्हें बधाई दी है.

श्रीगंगानगर जिले की रायसिंहनगर तहसील के गांव 12 टीके निवासी और वर्तमान में बीकानेर के राजकीय डूंगर कॉलेज में समाजशास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी के मुताबिक 17 जून 2021 को अमेरिकी देश कोस्टारिका में विश्व मरुस्थलीकरण दिवस के वैश्विक आयोजन में भूमि संरक्षण में अति विशिष्ट योगदान के लिए उन्हें विजेता घोषित किया गया था. संयुक्त राष्ट्र संघ के भूमि संरक्षण सम्बंधी इकाई यूएनसीसीडी की ओर से हर साल के अंतराल पर भूमि संरक्षण में अति विशिष्ट योगदान के लिए दुनियाभर से किसी एक व्यक्ति या संगठन को यह पुरस्कार दिया जाता है.

यह भी पढ़ें. Jodhpur में B'day मना मुम्बई लौटे रणबीर-आलिया, मीडिया के सवालों से किया किनारा... कहा- Thank You

मई 2022 में जब अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट में आयोजित सदस्य देशों के वैश्विक सम्मेलन में प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी को विशेष उद्बोधन के लिए आमंत्रित किया जाएगा, तब उन्हें यह ट्रॉफी प्रदान की जाएगी.

संयुक्त राष्ट्र की ओर से भूमि बहाली और संरक्षण विधियों में नवाचार के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर उन संस्थाओं, व्यक्तियों को पुरस्कृत किया जाता है, जो पर्यावरण और समुदायों की भलाई को बढ़ावा देते हुए उनके साथ संबंधों को बेहतर बनाते हैं. इसके तहत चीन के सैहानबा फ़ॉरेस्ट ने को राष्ट्रीय श्रेणी के तहत पुरस्कार दिया गया. अंतर्राष्ट्रीय श्रेणी के तहत पारिवारिक वानिकी में राजस्थान के प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी को पुरस्कार मिला.

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इसलिए मिला प्रोफेसर ज्याणी को पुरस्कार

21वीं सदी की सबसे गंभीर चुनौती जलवायु परिवर्तन (Climate change) है, जिसे लेकर स्थानीय स्तर से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक सरकारें और संगठन चिंतित हैं. इस सदी की शुरुआत में जहां दुनिया ने जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणामों के बारे में चर्चा शुरू की. वहीं समाजशास्त्र के प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी ने अपने समय और संसाधनों के बलबूते इस चुनौती से निपटने के लिए पेड़ पनपाने और लोगों को जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूक करना शुरू कर दिया.

पिछले 20 साल से गांव दर गांव लोगों, स्कूली विद्यार्थियों, शिक्षकों के बीच जाकर उन्हें पेड़ और पर्यावरण के बारीक पहलुओं के बारे में समझाने और अपनी सरकारी तनख्वाह से पश्चिमी राजस्थान की रेगिस्तानी भूमि में लाखों पेड़ पनपाने वाले ज्याणी के इन धरातलीय प्रयासों को आखिरकार दुनिया ने पहचाना और संयुक्त राष्ट्र संघ ने उन्हें बेहद प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय सम्मान के लिए चुना.

जयपुर. राजस्थान के प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी को भूमि संरक्षण के लिए दुनिया का सर्वाेच्च पुरस्कार लैंड फॉर लाइफ अवॉर्ड (Land for Life Award) से नवाजा गया है. 28 सितंबर को चीन के बून में आयोजित ऑनलाइन वैश्विक समारोह में अंतर्राष्ट्रीय श्रेणी के तहत पारिवारिक वानिकी के लिए उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया. प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी की उपलब्धि पर वन व पर्यावरण राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई (Minister Sukhram Bishnoi) ने उन्हें बधाई दी है.

श्रीगंगानगर जिले की रायसिंहनगर तहसील के गांव 12 टीके निवासी और वर्तमान में बीकानेर के राजकीय डूंगर कॉलेज में समाजशास्त्र के एसोसिएट प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी के मुताबिक 17 जून 2021 को अमेरिकी देश कोस्टारिका में विश्व मरुस्थलीकरण दिवस के वैश्विक आयोजन में भूमि संरक्षण में अति विशिष्ट योगदान के लिए उन्हें विजेता घोषित किया गया था. संयुक्त राष्ट्र संघ के भूमि संरक्षण सम्बंधी इकाई यूएनसीसीडी की ओर से हर साल के अंतराल पर भूमि संरक्षण में अति विशिष्ट योगदान के लिए दुनियाभर से किसी एक व्यक्ति या संगठन को यह पुरस्कार दिया जाता है.

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मई 2022 में जब अफ्रीकी देश आइवरी कोस्ट में आयोजित सदस्य देशों के वैश्विक सम्मेलन में प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी को विशेष उद्बोधन के लिए आमंत्रित किया जाएगा, तब उन्हें यह ट्रॉफी प्रदान की जाएगी.

संयुक्त राष्ट्र की ओर से भूमि बहाली और संरक्षण विधियों में नवाचार के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच पर उन संस्थाओं, व्यक्तियों को पुरस्कृत किया जाता है, जो पर्यावरण और समुदायों की भलाई को बढ़ावा देते हुए उनके साथ संबंधों को बेहतर बनाते हैं. इसके तहत चीन के सैहानबा फ़ॉरेस्ट ने को राष्ट्रीय श्रेणी के तहत पुरस्कार दिया गया. अंतर्राष्ट्रीय श्रेणी के तहत पारिवारिक वानिकी में राजस्थान के प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी को पुरस्कार मिला.

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इसलिए मिला प्रोफेसर ज्याणी को पुरस्कार

21वीं सदी की सबसे गंभीर चुनौती जलवायु परिवर्तन (Climate change) है, जिसे लेकर स्थानीय स्तर से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक सरकारें और संगठन चिंतित हैं. इस सदी की शुरुआत में जहां दुनिया ने जलवायु परिवर्तन के गंभीर परिणामों के बारे में चर्चा शुरू की. वहीं समाजशास्त्र के प्रोफेसर श्यामसुंदर ज्याणी ने अपने समय और संसाधनों के बलबूते इस चुनौती से निपटने के लिए पेड़ पनपाने और लोगों को जलवायु परिवर्तन के बारे में जागरूक करना शुरू कर दिया.

पिछले 20 साल से गांव दर गांव लोगों, स्कूली विद्यार्थियों, शिक्षकों के बीच जाकर उन्हें पेड़ और पर्यावरण के बारीक पहलुओं के बारे में समझाने और अपनी सरकारी तनख्वाह से पश्चिमी राजस्थान की रेगिस्तानी भूमि में लाखों पेड़ पनपाने वाले ज्याणी के इन धरातलीय प्रयासों को आखिरकार दुनिया ने पहचाना और संयुक्त राष्ट्र संघ ने उन्हें बेहद प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय सम्मान के लिए चुना.

Last Updated : Sep 29, 2021, 4:32 PM IST
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