जयपुर. कोटा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े पदाधिकारी पर हुए जानलेवा हमला के मामले में राजस्थान विधानसभा में भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया और वेल में धरने तक पर बैठ गए. आलम यह रहा कि हंगामे के चलते शून्यकाल में स्पीकर को सदन की कार्यवाही 2 बार स्थगित करनी पड़ी.
कोटा के रामगंजमंडी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला संघचालक दीपक शाह पर जानलेवा हमला हुआ था. भाजपा ने स्थगन प्रस्ताव के जरिए इस मसले को उठाकर चर्चा करने की मांग भी की लेकिन विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी ने प्रस्ताव स्वीकार नहीं करके केवल नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को मामले में 2 मिनट बोलने का समय दिया. इस पर भाजपा के विधायकों ने नाराज होकर वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी और कुछ ही देर में वे धरने पर भी बैठ गए. इस दौरान भाजपा विधायकों और स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई.
आप मुझे डिक्टेट नहीं कर सकते: सीपी जोशी
हंगामे के दौरान ही कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों ने इस जगह से जुड़े अपने मामले उठाए तो वही मंत्री शांति धारीवाल ने सदन की मेज पर वित्त विभाग की अधिसूचना अभी रखी. स्पीकर सीपी जोशी ने कई बार शक्ति से प्रदर्शन कर रहे भाजपा विधायकों को अपनी सीटों पर बैठने के निर्देश भी दिए लेकिन नहीं माने तो खुद जोशी को कहना पड़ा कि आप मुझे डिक्टेट नहीं कर सकते. जोशी ने यह भी कहा कि मुझे क्या करना है. यह मैं स्वयं तय करूंगा. आप मुझे इम्पोज ना करें.
भाजपा विधायकों में बोलने का कंपटीशन है
शून्य काल में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया को 2 मिनट बोलने का अवसर दिया गया लेकिन इसके बीच भी हंगामा जारी रहा. ऐसे में स्पीकर डॉक्टर सीपी जोशी ने नाराजगी जताते हुए यह भी कहा कि मैंने नेता प्रतिपक्ष को बोलने के लिए कहा लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि आप लोगों में बोलने का कंपटीशन है. सीपी जोशी ने कहा कि आप यह बताना चाहते हैं कि कौन ज्यादा लॉयल है. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ के लिए जोशी ने कहा कि आप इतने सीनियर लीडर भी ऐसा कर रहे हैं, जो ठीक नहीं है.
यह भी पढ़ें. विधानसभा बजट सत्र: राज्यपाल के अभिभाषण पर सदन में होगी कुल 16 घंटे बहस, इस तरह बांटा राजनीतिक दलों को समय
जोशी ने कहा कि यदि आपको कुछ कहना है तो चैंबर में आकर कहिए. इसके बाद भी जब शोरगुल नहीं था तो जोशी ने आधे घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी. इसके बाद जब दोबारा सदन की कार्रवाई शुरू हुई तो वेल में धरने पर बैठे भाजपा विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया जिस पर स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 1:30 बजे तक स्थगित कर दी.
हंगामे के बीच ही रखा प्रतिवेदन
सदन में हंगामे के बीच ही मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने कार्य सलाहकार समिति का प्रतिवेदन रखा. जिस पर सदन ने अपनी मंजूरी दी. प्रतिवेदन में 11, 12 और 13 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद-विवाद और 15 फरवरी को सरकार की ओर से सदन में जवाब पेश किए जाने का उल्लेख किया गया है. वहीं इसी हंगामे के दौरान मंत्री शांति धारीवाल प्रसादी लाल मीणा और प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी विभागों के वार्षिक प्रतिवेदन रखें.