जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने युवक को हनी ट्रैप में फंसाकर अपहरण करने के बाद उसकी हत्या के मामले में प्रिया सेठ की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. न्यायाधीश पंकज भंडारी की एकलपीठ ने यह आदेश आरोपी युवती प्रिया सेठ की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिए.
जमानत अर्जी में कहा गया कि प्रकरण में उस पर सीधे तौर पर हत्या का आरोप नहीं है. इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे में भी उसकी कोई रिकॉर्डिंग नहीं आई है. अपार्टमेंट के चौकीदार ने उसके खिलाफ कोई बयान भी नहीं दिया है. वहीं, पुलिस ने घटना को लेकर शिनाख्त परेड नहीं कराई है. इसके अलावा वह लंबे समय से जेल में बंद है. ऐसे में उसे जमानत पर रिहा किया जाए.
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जमानत अर्जी का विरोध करते हुए सरकारी वकील शेर सिंह महला ने कहा कि प्रिया सेठ के फ्लैट में ही युवक दुष्यंत की हत्या हुई है. याचिकाकर्ता ने पहले उससे दोस्ती की और बाद में उसे घर बुलाकर अपहरण कर लिया. वहीं, याचिकाकर्ता ने मृतक के पिता को फोन कर 10 लाख रुपये की फिरौती मांगी. इसके अलावा याचिकाकर्ता युवती ने ही मई 2018 में अपने साथियों दीक्षांत कामरा और लक्ष्य वालिया से मिलकर घटना को अंजाम दिया और लाश को सूटकेस में डालकर आमिर की पहाड़ियों में फेंक दिया.
सरकार की ओर से कहा गया कि मामले में 41 में से 29 गवाहों के बयान हो चुके हैं. ऐसे में प्रकरण का जल्द ही ट्रायल पूरा होने वाला है. इसलिए आरोपी को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता. जिस पर सुनवाई करते हुए जमानत अर्जी को खारिज कर दिया गया.