जयपुर. फीस माफी मामले को लेकर अभिभावकों के बाद अब स्कूल संचालक भी सड़क पर उतर आए हैं. अभिभावक जहां फीस माफी की मांग कर रहे हैं, वहीं निजी स्कूल संचालकों की मांग है कि अभिभावकों की ओर से फीस का भुगतान किया जाए या फिर सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाए. फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान की ओर से मंगलवार से आमरण अनशन शुरू किया गया. फोरम की ओर से हेमलता शर्मा और सीमा शर्मा आमरण अनशन पर बैठी हुई हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती, तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा.
फोरम ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ राजस्थान की प्रवक्ता हेमलता शर्मा ने बताया कि बुधवार दोपहर को राज्यपाल से भी इस मुद्दे को लेकर मुलाकात हुई है. उन्होंने कहा कि हर देश में शिक्षकों का सम्मान होना चाहिए, जो अपने आप को बड़ा समझ कर शिक्षकों का अपमान करता है, वह घोर निंदनीय है. हेमलता शर्मा के अनुसार राज्यपाल ने कहा कि सरकार को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए. अपनी मांगों को लेकर शिक्षक सड़क पर उतर चुका है, उसके भूखे मरने की नौबत आ गई है. इसलिए सरकार को इस संबंध में गंभीरता से सोचना चाहिए.
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राज्यपाल ने दिया आश्वासन...
हेमलता शर्मा ने कहा कि एक ओर सरकारी कर्मचारियों को बोनस और पूरी तनख्वाह दी जा रही है. वहीं दूसरी तरफ हमारे साथ भेदभाव किया जा रहा है. हम करीब आठ महीने से ऑनलाइन क्लासेज पढ़ा रहे हैं और हमारे लिए अपशब्दों का प्रयोग किया जाता है. शर्मा ने मांग की है कि मुख्यमंत्री को इस मामले में संज्ञान लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि दिल्ली की एक्शन कमेटी ने तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी को इस संबंध में पत्र भी लिखा है.
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इस मामले में हरियाणा और पंजाब ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी पत्र लिखा है. अन्य राज्य भी राजस्थान के निजी स्कूल संचालकों के बंद के समर्थन में आ गए हैं और जल्द अन्य राज्य भी आएंगे और अपना पक्ष रखेंगे. फोरम ने कहा कि जब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं होती है, तब तक न तो धरना उठेगा और न ही आमरण अनशन खत्म होगा चाहे दिवाली हमें सड़क पर ही मनानी पड़े.