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पृथ्वीराज नगर की नियमन दरों में वृद्धि, मैरिज गार्डन और व्यवसायिक गतिविधियों का भी हो सकेगा नियमन - जयपुर न्यूज

राजधानी के पृथ्वीराज नगर क्षेत्र में रहने वाले उन लोगों को बड़ा झटका लगा है, जो अब तक नियमन नहीं करा पाए है. नगरीय विकास विभाग में पीआरएन के नियमन दरों में वृद्धि कर दी है. पृथ्वीराज नगर के नियमन दरों में 15% से लेकर 35% तक की वृद्धि की गई है. वहीं अब मैरिज गार्डन, संस्थानिक और व्यवसायिक गतिविधियों का भी नियमन हो सकेगा.

Prithviraj Nagar regulation rates, पृथ्वीराज नगर की नियमन दर
नियमन दरों में वृद्धि
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Published : Jan 30, 2020, 3:18 AM IST

जयपुर. पृथ्वीराज नगर में अब तक जिन्होंने अपने भूखंडों का पट्टा नहीं लिया है, ऐसे भूखंड धारियों को अब नियमन और विकास शुल्क के पेटे ज्यादा राशि चुकानी पड़ेगी. राज्य सरकार ने बुधवार को बढ़ी हुई दरों के आदेश जारी किए हैं. यूडीएच विभाग के आदेश के अनुसार पीआरएन के सभी श्रेणियों के भूखंडों के नियमन दरों में बढ़ोतरी की है.

नियमन दरों में वृद्धि

वहीं अब राज्य सरकार ने जयपुर विकास प्राधिकरण को कॉलोनियों का नवंबर 2020 तक नियमन करने का लक्ष्य दिया है. जिससे साफ है कि इस समय तक सभी भूखंड धारियों को पट्टा जारी कर दिए जाएंगे. इतना ही नहीं जिन कॉलोनियों का इन आदेशों से पहले नियमन हो चुका है, उनका पट्टा लेने के लिये भूखंड धारियों को 31 जून तक का समय दिया गया है.

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बता दें कि सरकार के इस आदेश में उन लोगों को राहत मिलेगी, जिनके पास 1000 वर्ग गज से ज्यादा क्षेत्रफल का भूखंड है. ऐसे भूखंडों को अब जेडीए अवाप्त करने की बजाये नियमित कर सकेगा. इसके अलावा क्षेत्र में संचालित मैरिज गार्डन के नियमन की भी राह खुल गई है. वहीं जिन भूखंडों का वाणिज्यिक और संस्थानिक उपयोग हो रहा है, उनपर भी नियमानुसार प्रचलित दर पर नियमन करने की कार्रवाई की जाएगी.

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पूर्वर्ती सरकार ने दिसंबर 2016 में आदेश जारी करते हुए केवल उन्हीं कॉलोनियों के नियमन के आदेश दिए थे, जिनमें 5% रहवास या 10% भूखंडों पर निर्माण हो चुका हो. लेकिन अब सरकार ने आदेश जारी करते हुए ऐसी कॉलोनियों का भी नियमन करने का रास्ता खोल दिया है.

जयपुर. पृथ्वीराज नगर में अब तक जिन्होंने अपने भूखंडों का पट्टा नहीं लिया है, ऐसे भूखंड धारियों को अब नियमन और विकास शुल्क के पेटे ज्यादा राशि चुकानी पड़ेगी. राज्य सरकार ने बुधवार को बढ़ी हुई दरों के आदेश जारी किए हैं. यूडीएच विभाग के आदेश के अनुसार पीआरएन के सभी श्रेणियों के भूखंडों के नियमन दरों में बढ़ोतरी की है.

नियमन दरों में वृद्धि

वहीं अब राज्य सरकार ने जयपुर विकास प्राधिकरण को कॉलोनियों का नवंबर 2020 तक नियमन करने का लक्ष्य दिया है. जिससे साफ है कि इस समय तक सभी भूखंड धारियों को पट्टा जारी कर दिए जाएंगे. इतना ही नहीं जिन कॉलोनियों का इन आदेशों से पहले नियमन हो चुका है, उनका पट्टा लेने के लिये भूखंड धारियों को 31 जून तक का समय दिया गया है.

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बता दें कि सरकार के इस आदेश में उन लोगों को राहत मिलेगी, जिनके पास 1000 वर्ग गज से ज्यादा क्षेत्रफल का भूखंड है. ऐसे भूखंडों को अब जेडीए अवाप्त करने की बजाये नियमित कर सकेगा. इसके अलावा क्षेत्र में संचालित मैरिज गार्डन के नियमन की भी राह खुल गई है. वहीं जिन भूखंडों का वाणिज्यिक और संस्थानिक उपयोग हो रहा है, उनपर भी नियमानुसार प्रचलित दर पर नियमन करने की कार्रवाई की जाएगी.

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पूर्वर्ती सरकार ने दिसंबर 2016 में आदेश जारी करते हुए केवल उन्हीं कॉलोनियों के नियमन के आदेश दिए थे, जिनमें 5% रहवास या 10% भूखंडों पर निर्माण हो चुका हो. लेकिन अब सरकार ने आदेश जारी करते हुए ऐसी कॉलोनियों का भी नियमन करने का रास्ता खोल दिया है.

Intro:जयपुर - राजधानी के पृथ्वीराज नगर (p.r.n.) क्षेत्र में रहने वाले उन लोगों को बड़ा झटका लगा है, जो अब तक नियमन नहीं करा पाए है। नगरीय विकास विभाग में पीआरएन के नियमन दरों में वृद्धि कर दी है। पृथ्वीराज नगर के नियमन दरों में 15% से लेकर 35% तक की वृद्धि की गई है। वहीं अब मैरिज गार्डन, संस्थानिक और व्यवसायिक गतिविधियों का भी नियमन हो सकेगा।


Body:पृथ्वीराज नगर में अब तक जिन्होंने अपने भूखंडों का पट्टा नहीं लिया है, ऐसे भूखंड धारियों को अब नियमन और विकास शुल्क के पेटे ज्यादा राशि चुकानी पड़ेगी। राज्य सरकार ने बुधवार को बढ़ी हुई दरों के आदेश जारी किए हैं। यूडीएच विभाग के आदेश के अनुसार पीआरएन के सभी श्रेणियों के भूखंडों के नियमन दरों में बढ़ोतरी की है। तो वहीं अब राज्य सरकार ने जयपुर विकास प्राधिकरण को कॉलोनियों का नवंबर 2020 तक नियमन करने का लक्ष्य दिया है। जिससे साफ है कि इस समय तक सभी भूखंड धारियों को पट्टा जारी कर दिए जाएंगे। इतना ही नहीं जिन कॉलोनियों का इन आदेशों से पहले नियमन हो चुका है, उनका पट्टा लेने के लिये भूखंड धारियों को 31 जून तक का समय दिया गया है। सरकार के इस आदेश में उन लोगों को राहत मिलेगी, जिनके पास 1000 वर्ग गज से ज्यादा क्षेत्रफल का भूखंड है। ऐसे भूखंडों को अब जेडीए अवाप्त करने की बजाये नियमित कर सकेगा। इसके अलावा क्षेत्र में संचालित मैरिज गार्डन के नियमन की भी राह खुल गई है। वहीं जिन भूखंडों का वाणिज्यिक और संस्थानिक उपयोग हो रहा है, उन्हें भी नियमानुसार प्रचलित दर पर नियमन करने की कार्रवाई की जाएगी।
बाईट - शांति धारीवाल, यूडीएच मंत्री


Conclusion:पूर्वर्ती सरकार ने दिसंबर 2016 में आदेश जारी करते हुए केवल उन्हीं कॉलोनियों के नियमन के आदेश दिए थे, जिनमें 5% रहवास या 10% भूखंडों पर निर्माण हो चुका हो। लेकिन अब सरकार ने आदेश जारी करते हुए ऐसी कॉलोनियों का भी नियमन करने का रास्ता खोल दिया है।
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