जयपुर. वैश्विक महामारी कोरोना के चलते प्रदेश की विभिन्न जेलों में बंद कैदी अपने परिजनों से काफी लंबे समय से आमने-सामने रूबरू नहीं हो पाए हैं. ऐसे में कैदियों में अवसाद की भावना बढ़ने पर जेल प्रशासन द्वारा कैदियों की उनके परिजनों से बात कराने के लिए 2 नवीन योजनाएं शुरू की गई हैं.
जिसमें पहली योजना है पिक्स और वहीं दूसरी योजना है ई-मुलाकात. इन दो योजनाओं के तहत जेल में बंद कैदियों की उनके परिजनों से बात करवाई जाती है. इन योजनाओं के चलते कैदी भी अवसाद में नहीं आते हैं और उनका व्यवहार भी जेल में अच्छा रहता है.
डीजी जेल राजीव दासोत ने बताया कि कैदियों की उनके परिजनों से बात कराने के लिए जिन दो योजनाओं की शुरुआत की गई है. उसमें पहली योजना पिक्स है. इस योजना के तहत प्रत्येक कैदी से उनके परिवार के चार सदस्यों या दोस्तों के नंबर लिए जाते हैं और फिर फोन के माध्यम से कैदी की उन लोगों से बात करवाई जाती है.
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इसके लिए कैदी को 5 मिनट का समय दिया जाता है और उससे 5 रुपए का शुल्क वसूला जाता है. वहीं दूसरी योजना के तहत ई-मुलाकात के जरिए कैदियों की उनके परिजनों या मित्रों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात करवाई जाती है. ई-प्रिजनर्स के तहत प्रदेश की सभी जेलों में इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध है. जिसके चलते प्रदेश की सभी जेलों में बंद कैदी ई-मुलाकात के जरिए अपने परिजनों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए रूबरू हो सकते हैं.