जयपुर. राजधानी की जयपुर सेंट्रल जेल सहित 10 जिलों की जेलों में आज से कैदियों के लिए बंदी कैंटीन की शुरुआत (Prisoner canteens started in 10 cities of Rajasthan) की गई है. जेलों में बंदी कैंटीन का संचालन राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड की ओर से किया गया है. कैदियों के लिए शुरू की गई बंदी कैंटीन में खाद्य सामग्री, कन्फेक्शनरी, कॉस्मेटिक्स, टॉयलेट्री के अतिरिक्त नोटबुक, पेंसिल एवं दैनिक उपयोग में आने वाली लगभग 58 प्रकार की सामग्री उपलब्ध होगी.
जयपुर सेंट्रल जेल से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता और कारागार मंत्री टीकाराम जूली ने वर्चुअल तरीके से प्रदेश के 10 जिलों की जेलों में बंदी कैंटीन की शुरुआत की. प्रदेश के जयपुर, सीकर, श्रीगंगानगर, भीलवाड़ा, धौलपुर, कोटा, चित्तौड़गढ़, भरतपुर, दौसा एवं कोटपूतली जिलों की जेलों में बंदी कैन्टीन की शुरुआत की गई है.
बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद कैदी खरीद सकेंगे सामान : कैदियों के लिए शुरू की गई बंदी कैंटीन में मिलने वाले सामान को खरीदने के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन के बाद ही कैदियों को कैंटीन में प्रवेश दिया जाएगा. जेल में बने वार्ड के अनुसार कैदियों को सामान खरीदने के लिए निर्धारित दिन पर बायोमेट्रिक सत्यापन करने के बाद कैंटीन से सामान खरीदने की अनुमति दी जाएगी. बंदी कैंटीन के संचालन के 6 महीने बाद विभागीय स्तर पर इसकी समीक्षा की जाएगी और साथ ही इसे और बेहतर बनाने के सुझाव कैदियों से मांगे जाएंगे.
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अभी एक मॉडल के रूप में 10 जिलों की जेलों में बंदी कैंटीन का संचालन शुरू किया गया है. प्रयोग सफल रहने पर प्रदेश के अन्य जिलों की जेलों में भी बंदी कैंटीन का संचालन किया जाएगा. बंदी कैंटीन की शुरुआत के साथ ही मंत्री टीकाराम जूली ने बंदियों की मांग पर कैंटीन से प्रतिमाह 2500 रुपए की सीमा तक क्रय किए जाने वाली सामग्री की सीमा को बढ़ाकर 3500 रुपए करने की घोषणा भी की है.