जयपुर. शर्मा ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा कि कई विधायक और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता इस उम्मीद के साथ बैठे हैं कि राजस्थान के अंदर मंत्रिमंडल का पुनर्गठन होगा और निगम वार्ड अध्यक्षों की नियुक्ति भी होगी. जिससे उन्हें जल्दी मौका मिल सके, लेकिन मुख्यमंत्री की जो कार्यशैली है वो इससे अलग है.
शर्मा ने कहा कि अब सिर्फ 12 में से 6 जिलों में ही चुनाव की घोषणा करना और उसके बाद विधानसभा सत्र आ जाएगा और फिर बचे हुए 6 जिलों के चुनाव और करवाए जाएंगे. मतलब साफ है कि मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल को पूरा करना चाहते हैं और उनकी यही प्राथमिकता है, फिर चाहे कांग्रेस पार्टी के भीतर चल रही अंतर्कलह समाप्त हो या न हो. इस अंतर्कलह का खामियाजा जनता को ही भुगतना क्यों ना पड़े.
गौरतलब है कि हाल ही में गहलोत मंत्रिमंडल पुनर्गठन और विस्तार की कवायद तेजी से चल रही थी, लेकिन फिलहाल उस पर अब तक कोई निर्णय नहीं हुआ. वहीं, भाजपा के नेता इसी मामले को सियासी मुद्दा बनाकर लगातार बयान जारी करते हैं, ताकि कांग्रेस के भीतर इस मामले को भड़काकर राजनीतिक फायदा लिया जा सके.