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Principal secretary on corona control : कोरोना संक्रमण नियंत्रण के लिए प्रमुख शासन सचिव ने दिए ज्यादा सैंपलिंग और टेस्टिंग करने के निर्देश

प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने मंगलवार को प्रदेश की मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य, सीएमएचओ, पीएमओ, माइक्रोबायोलॉजी के नोडल ऑफिसर, ब्लॉक सीएमओ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की. इसमें उन्होंने निर्देश दिए कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग और टेस्टिंग (Corona sampling and testing) की जाए.

प्रमुख शासन सचिव की मैराथन बैठक
प्रमुख शासन सचिव की मैराथन बैठक
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Published : Jan 11, 2022, 10:46 PM IST

जयपुर. प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग और टेस्टिंग के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि जितनी ज्यादा जांचें होंगी, उतना ही जल्दी हम कोविड संक्रमण को नियंत्रित कर सकेंगे.

गालरिया मंगलवार को प्रदेश भर की मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य, सीएमएचओ, पीएमओ, माइक्रोबायोलॉजी के नोडल ऑफिसर, ब्लॉक सीएमओ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर रहे थे. उन्होंने माइक्रोबायोलॉजिस्ट से कहा कि आने वाले दिनों में टेस्टिंग और भी बढ़ सकती है. ऐसे में मैनपावर की कमी नही रहने दें.

उन्होंने अधिकारियों को दूरस्थ क्षेत्रों में निरंतर सर्विलांस करने के भी निर्देश दिए. प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि प्रदेश के 532 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट्स (Medical oxygen plants in Rajasthan) में से 473 प्रारंभ हो गए हैं और अन्य प्लांट्स भी जल्द शुरू होंगे. उन्होंने कहा कि 40 हजार ऑक्सीजन कंसनट्रेटर और अन्य उपकरणों से 1050 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की उपलब्धता होने लगेगी.

पढ़ें: Rajasthan Corona Update: 6366 केस दर्ज, 4 की मौत, राजधानी जयपुर से सबसे अधिक केस दर्ज

अगले वर्ष शुरू होंगे नए मेडिकल कॉलेज

चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने मंगलवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली. इसमें प्रदेश में बन रहे 16 नए मेडिकल कॉलेज (New medical colleges in Rajasthan) के निर्माण और उन्हें जल्द से जल्द पूरा करने को लेकर चर्चा हुई. मीणा ने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों का निर्माण वर्ष 2023 तक पूर्ण हो जाए, ताकि प्रदेश में चिकित्सकों की कमी ना रहे. उन्होंने संबंधित मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को भी निर्माण कार्य की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए.

पढ़ें: Kota Evacuation Model : लॉकडाउन में हजारों बच्चों को सुरक्षित भेजा था घर..फेमस हुआ था ये मॉडल

राजमेस सोसायटी के प्रथम चरण में 7 मेडिकल कॉलेज (भरतपुर, भीलवाड़ा, चूरू, सीकर, पाली, बाड़मेर व डूंगरपुर) कॉलेज स्वीकृत किए गए. द्वितीय चरण में धौलपुर एवं तृतीय चरण में नागौर, अलवर, चित्तौड़गढ़, बांसवाडा, बूंदी, बारां, श्रीगंगानर, सिरोही, करौली, जैसलमेर, झुंझूनूं, टोंक, दौसा, सवाईमाधोपुर एवं हनुमानगढ़ में मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हैं.

पढ़ें: Rajendra Rathore on raising corona cases: 'कोरोना संक्रमण कम्युनिटी स्प्रेड की ओर, जरूरत हो तो लगाएं जनता कर्फ्यू, जांचों में लाएं तेजी'

इनमें से 5 मेडिकल कॉलेजों (भरतपुर, भीलवाड़ा, चुरू, पाली व डूंगरपुर) में वर्ष 2018 से बाड़मेर में 2019 से एवं सीकर में वर्ष 2020 में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ कर दिया गया. स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों के बाद प्रदेश में प्रतापगढ़, जालौर एवं राजसमंद जिलों को छोड़कर सभी जिलों में मेडिकल कॉलेजों की सुविधा उपलब्ध होगी. इन तीनों जिलों में भी नवीन मेडिकल कॉलेज खोलना केंद्र स्तर पर प्रस्तावित है.

जयपुर. प्रमुख शासन सचिव वैभव गालरिया ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा सैंपलिंग और टेस्टिंग के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि जितनी ज्यादा जांचें होंगी, उतना ही जल्दी हम कोविड संक्रमण को नियंत्रित कर सकेंगे.

गालरिया मंगलवार को प्रदेश भर की मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य, सीएमएचओ, पीएमओ, माइक्रोबायोलॉजी के नोडल ऑफिसर, ब्लॉक सीएमओ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर रहे थे. उन्होंने माइक्रोबायोलॉजिस्ट से कहा कि आने वाले दिनों में टेस्टिंग और भी बढ़ सकती है. ऐसे में मैनपावर की कमी नही रहने दें.

उन्होंने अधिकारियों को दूरस्थ क्षेत्रों में निरंतर सर्विलांस करने के भी निर्देश दिए. प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि प्रदेश के 532 मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट्स (Medical oxygen plants in Rajasthan) में से 473 प्रारंभ हो गए हैं और अन्य प्लांट्स भी जल्द शुरू होंगे. उन्होंने कहा कि 40 हजार ऑक्सीजन कंसनट्रेटर और अन्य उपकरणों से 1050 मेट्रिक टन ऑक्सीजन की उपलब्धता होने लगेगी.

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अगले वर्ष शुरू होंगे नए मेडिकल कॉलेज

चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने मंगलवार को चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली. इसमें प्रदेश में बन रहे 16 नए मेडिकल कॉलेज (New medical colleges in Rajasthan) के निर्माण और उन्हें जल्द से जल्द पूरा करने को लेकर चर्चा हुई. मीणा ने कहा कि सभी मेडिकल कॉलेजों का निर्माण वर्ष 2023 तक पूर्ण हो जाए, ताकि प्रदेश में चिकित्सकों की कमी ना रहे. उन्होंने संबंधित मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यों को भी निर्माण कार्य की नियमित मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए.

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राजमेस सोसायटी के प्रथम चरण में 7 मेडिकल कॉलेज (भरतपुर, भीलवाड़ा, चूरू, सीकर, पाली, बाड़मेर व डूंगरपुर) कॉलेज स्वीकृत किए गए. द्वितीय चरण में धौलपुर एवं तृतीय चरण में नागौर, अलवर, चित्तौड़गढ़, बांसवाडा, बूंदी, बारां, श्रीगंगानर, सिरोही, करौली, जैसलमेर, झुंझूनूं, टोंक, दौसा, सवाईमाधोपुर एवं हनुमानगढ़ में मेडिकल कॉलेज स्वीकृत हैं.

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इनमें से 5 मेडिकल कॉलेजों (भरतपुर, भीलवाड़ा, चुरू, पाली व डूंगरपुर) में वर्ष 2018 से बाड़मेर में 2019 से एवं सीकर में वर्ष 2020 में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ कर दिया गया. स्वीकृत मेडिकल कॉलेजों के बाद प्रदेश में प्रतापगढ़, जालौर एवं राजसमंद जिलों को छोड़कर सभी जिलों में मेडिकल कॉलेजों की सुविधा उपलब्ध होगी. इन तीनों जिलों में भी नवीन मेडिकल कॉलेज खोलना केंद्र स्तर पर प्रस्तावित है.

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