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'एग्जाम फोबिया' को करें बाय-बाय, प्रिंसिपल आरके पांडे की EASY सलाह से दें टेंशन 'फ्री' एग्जाम

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Published : Feb 17, 2020, 8:02 AM IST

ईटीवी भारत के मिशन एग्जामिनेशन के तहत बच्चों को प्रेरक रियल लाइफ स्टोरी से प्रोत्साहित करने की पहल की जा रही है. छतरपुर में शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कर्री के प्रिंसिपल आरके पांडे ने बच्चों को एग्जाम में एकाग्र चित्त रखने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि कोई भी परीक्षा अंतिम नहीं होती है, इसलिए बच्चे कभी निराश ना हों.

प्रिंसिपल आरके पांडे, Principal RK Pandey
परीक्षा की पाठशाला

जयपुर/छतरपुर. मिशन एग्जामिनेशन के तहत ईटीवी भारत आने वाले समय में परीक्षाएं देने वाले बच्चों को एक स्वच्छ वातावरण देने की कोशिश कर रहा है. इसी कार्यक्रम के तहत जब ईटीवी भारत की टीम शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कर्री के प्रिंसिपल आरके पांडे से मिली तो उन्होंने बच्चों को कुछ टिप्स दिए.

प्रिंसिपल आरके पांडे की EASY सलाह से दें टेंशन 'फ्री' एग्जाम

प्रिंसिपल आरके पांडे ने कहा कि जब हम परीक्षा की तैयारी अपने बचपन में करते थे, तो परीक्षा जैसे ही नजदीक आती थी तो दिल की धड़कनें बढ़ जाए करती थीं, लेकिन हम घबराते कभी नहीं थे, आत्मविश्वास बनाए रखते थे और लगता था कि हम अच्छे से अच्छा करके दिखाएंगे. जरा भी विचलित हुए बिना और एकाग्र चित्त होकर अपने अध्ययन पर ध्यान लगाते थे और मान कर चलते थे कि मेहनत करना हमारा काम है और फल देना ईश्वर का काम है.

असफलता से ना हों निराश

प्रिंसिपल आरके पांडे ने बच्चों के लिए कहा कि हम यदि अच्छी मेहनत करेंगे तो अच्छा ही परिणाम मिलेगा. जब उनसे पूछा गया कि कुछ बच्चों के नंबर कम आते हैं तो बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं, तो उन्होंने कहा कि मेहनत अधिक करते हैं और अपेक्षित सफलता नहीं मिलती है, तो ऐसे में कभी भी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि जीवन में कोई भी परीक्षा अंतिम नहीं है.

पढ़ें: चित्तौड़गढ़ : 292 खदानों में खनन बंद, करीब 15 हजार श्रमिकों पर रोजगार का संकट

असफलता से फिर मिलता है मौका

प्रिंसिपल आरके पांडे ने कहा कि असफलता से हमें फिर मौका मिलता है, अगर एक बार हमें अपेक्षित सफलता नहीं मिली तो हमें दोगुने उत्साह से लग जाना चाहिए कि हमें अवश्य सफलता मिलेगी. असफलता के बाद सफलता का उदाहरण हम लोग बैठे हैं, हम जब असफल हुए तो हमने दोगने उत्साह से मेहनत की और आप लोगों के सम्मुख उपस्थित हैं.

जयपुर/छतरपुर. मिशन एग्जामिनेशन के तहत ईटीवी भारत आने वाले समय में परीक्षाएं देने वाले बच्चों को एक स्वच्छ वातावरण देने की कोशिश कर रहा है. इसी कार्यक्रम के तहत जब ईटीवी भारत की टीम शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय कर्री के प्रिंसिपल आरके पांडे से मिली तो उन्होंने बच्चों को कुछ टिप्स दिए.

प्रिंसिपल आरके पांडे की EASY सलाह से दें टेंशन 'फ्री' एग्जाम

प्रिंसिपल आरके पांडे ने कहा कि जब हम परीक्षा की तैयारी अपने बचपन में करते थे, तो परीक्षा जैसे ही नजदीक आती थी तो दिल की धड़कनें बढ़ जाए करती थीं, लेकिन हम घबराते कभी नहीं थे, आत्मविश्वास बनाए रखते थे और लगता था कि हम अच्छे से अच्छा करके दिखाएंगे. जरा भी विचलित हुए बिना और एकाग्र चित्त होकर अपने अध्ययन पर ध्यान लगाते थे और मान कर चलते थे कि मेहनत करना हमारा काम है और फल देना ईश्वर का काम है.

असफलता से ना हों निराश

प्रिंसिपल आरके पांडे ने बच्चों के लिए कहा कि हम यदि अच्छी मेहनत करेंगे तो अच्छा ही परिणाम मिलेगा. जब उनसे पूछा गया कि कुछ बच्चों के नंबर कम आते हैं तो बच्चे डिप्रेशन में चले जाते हैं, तो उन्होंने कहा कि मेहनत अधिक करते हैं और अपेक्षित सफलता नहीं मिलती है, तो ऐसे में कभी भी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि जीवन में कोई भी परीक्षा अंतिम नहीं है.

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असफलता से फिर मिलता है मौका

प्रिंसिपल आरके पांडे ने कहा कि असफलता से हमें फिर मौका मिलता है, अगर एक बार हमें अपेक्षित सफलता नहीं मिली तो हमें दोगुने उत्साह से लग जाना चाहिए कि हमें अवश्य सफलता मिलेगी. असफलता के बाद सफलता का उदाहरण हम लोग बैठे हैं, हम जब असफल हुए तो हमने दोगने उत्साह से मेहनत की और आप लोगों के सम्मुख उपस्थित हैं.

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