जयपुर. प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों (Primary Cooperative Land Development Bank) से जुड़े किसानों के लिए एकमुश्त समझौता योजना आगामी दिनों में लागू की जाएगी. योजना में अवधिपार ऋणी किसानों का 50 प्रतिशत तक का ब्याज माफ किया जाएगा. साथ ही जिन अवधिपार ऋणी किसानों की मौत हो चुकी है, ऐसे किसान परिवारों को ब्याज माफी, दंडनीय ब्याज सहित वसूली खर्च को भी माफ कर राहत दी जाएगी. यह जानकारी सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल ने बुधवार को दी.
अग्रवाल प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के सचिवों की राज्य स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि दीर्घकालीन कृषि ऋण समय पर चुकाने वाले किसानों को 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान के लिए योजना राज्य सरकार को भेज दी गई है. राज्य सरकार के अनुमोदन के बाद इस वर्ष के लिए इसे लागू किया जाएगा. अग्रवाल ने बताया कि 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना में वर्ष 2019 से वर्ष 2022 तक 51232 किसानों को 53.23 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है. दीर्घकालीन कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों की आर्थिक स्थिति का बेहतर होना अतिआवश्यक है. दीर्घकालीन कृषि ऋण के जरिए लम्बी अवधि के ऋण किसानों को समय पर उपलब्ध हो सके, इसकी प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित करें.
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उन्होंने कहा कि किसान ऋण का सदुपयोग करें एवं समय पर चुका कर सरकार की योजना का भी लाभ ले सकें, इसके लिए किसानों को प्रोत्साहित करें. जिससे राज्य के अधिक से अधिक किसानों को ऋण उपलब्ध हो सके एवं उनकी कृषि जरूरतें भी पूरी हो सके. उन्होंने कहा कि प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों एवं एसएलडीबी में रिक्त पदों के खिलाफ 84 पदों पर भर्ती करने पर विचार किया जा रहा है. बैठक में प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के सचिवों ने बैंक एवं ऋण से संबंधित स्थिति के बारे में अवगत कराया. साथ ही ऋण वितरण से संबंधित व्यावहारिक सुझाव दिए. प्रबंध निदेशक, एसएलडीबी विजय शर्मा ने बैठक में विभिन्न प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों की वर्षवार ऋण से संबंधित स्थिति के बारे में अवगत कराया.