जयपुर. राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू ने (Draupadi Murmu won the presidential election) जीत दर्ज की है. राजस्थान में भी एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में भाजपा और आरएलपी विधायकों के साथ ही 2 वोट अतिरिक्त मिले हैं. राजस्थान से द्रौपदी मुर्मू को कुल 75 विधायकों के मत मिले हैं. जबकि यहां भाजपा के 70 और आरएलपी के 3 विधायको ने अपना समर्थन और मत दिया था. लेकिन इसके अलावा दो अन्य वोट मुर्मू को मिले हैं, जो कांग्रेस के खेमे में सेंधमारी के रूप में देखे जा रहे हैं.
राष्ट्रपति चुनाव के आए नतीजे के अनुसार राजस्थान से 75 विधायकों ने एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया. 123 मत कांग्रेस व विपक्षी दलों के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के खाते में गए. राजस्थान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 200 में से 198 विधायकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. जबकि कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा और बीटीपी विधायक राजकुमार रोत ने मतदान करने ही नहीं आए.
राजस्थान में कांग्रेस और उसके सहयोगी व निर्दलीय विधायकों की संख्या 126 होने का दावा किया जा रहा था. जिनमें से 2 विधायक भंवरलाल शर्मा और राजकुमार रोत ने मतदान नहीं किया. इस तरह कांग्रेस व उसके समर्थक कुल 124 विधायकों ने वोट डाला. वहीं पिछले राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में क्रॉस वोटिंग के कारण बीजेपी से निलंबित हुई धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाहा भी विधानसभा में आने के बाद कांग्रेस उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी के साथ ही मतदान केंद्र तक पहुंची. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा था कि शायद कुशवाहा भी कांग्रेस व विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को ही वोट देगी. यदि ऐसा नहीं भी हुआ तो भी कांग्रेस समर्थित खेमे से 1 वोट क्रॉस वोटिंग के जरिए एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में गया और दूसरी दृष्टि से बीजेपी और आरएलपी विधायकों के अलावा भी दो अन्य विधायकों का वोट एनडीए प्रत्याशी द्रोपति मुर्मू को मिला.
भाजपा ने कहा- अंतरात्मा की आवाज पर मिले अतरिक्त वोटः द्रौपदी मुर्मू को राजस्थान में भाजपा व आरएलपी विधायकों के अतिरिक्त दो अन्य विधायकों के वोट मिलने से भाजपा भी उत्साहित है. वह इसे गहलोत वह कांग्रेस समर्थित विधायकों में सेंधमारी के रूप में देख रही है. भाजपा नेताओं का कहना है कि विधायकों ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर आदिवासी महिला प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में वोट दिया. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने इसके लिए विधायकों का आभार जताया है. पूनिया ने कहा मतदान के दिन कांग्रेस के उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी भाजपा से 2 वोटों की सेंधमारी और क्रॉस वोटिंग का दावा कर रहे थे, लेकिन हुआ उल्टा. खुद कांग्रेस व समर्थित विधायकों के खेमे से वोट एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को मिला है.
बता दें कि मतदान के बाद कांग्रेस के उप मुख्य सचेतक महेंद्र चौधरी ने दावा किया था कि भाजपा के दो विधायक (Breach in Congress camp) क्रॉस वोटिंग कर कांग्रेस व विपक्षी दलों के प्रत्याशी यशवंत सिन्हा के पक्ष में मतदान करेंगे. वहीं बीजेपी ने दावा किया था कि अंतरात्मा की आवाज सुनकर भाजपा व आरएलपी के अलावा अन्य विधायक भी एनडीए प्रत्याशी के पक्ष में वोट देंगे.
राजस्थान कांग्रेस की स्थिति : देश को द्रौपदी मुर्मू के रूप में पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति मिल गई है. द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति होंगी. द्रौपदी मुर्मू को 1072377 में से 676803 वोट मिले हैं तो वहीं यशवंत सिन्हा को 380177 वोट. ऐसे में द्रौपदी मुर्मू को उम्मीद से भी ज्यादा वोट मिले हैं. बात करें राजस्थान की तो राजस्थान में 200 में से 198 विधानसभा सदस्यों ने मतदान किया था और जिन दो विधायकों ने मतदान में भाग नहीं लिया था, उनमें कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा और भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायक राजकुमार रोत थे.
ऐसे में जो कांग्रेस पार्टी 126 वोटों का दावा कर रही थी, उनके पास मतदान समाप्त होने के बाद 124 वोट ही थे तो वहीं कांग्रेस पार्टी ने दावा किया कि उन्हें एक वोट भाजपा विधायक शोभारानी कुशवाह का भी मिला है. ऐसे में कांग्रेस को उम्मीद थी कि राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 125 विधायकों के वोट मिलेंगे, क्योंकि 1 विधायक के एक वोट की वैल्यू 129 है. जबकि कांग्रेस को मतदान के बाद विधायकों के 16125 वोट मिलने थे, लेकिन वोट देने वाले कांग्रेस समर्थक विधायकों में से भी 2 वोट द्रौपदी मुर्मू को मिले हैं, जिसके चलते यशवंत सिन्हा को विधायकों के 15867 वोट ही मिले हैं.
मतलब साफ है कि कांग्रेस पार्टी को 2 अनुपस्थित रहने वाले विधायकों के अलावा भी दो अन्य विधायकों ने वोट नहीं दिया. मतलब साफ है कि अगर कांग्रेस पार्टी को शोभा रानी कुशवाहा का वोट मिला है तो ऐसे में कांग्रेस पार्टी या उनके समर्थक विधायकों में से चार विधायकों के वोट कांग्रेस को नहीं मिले हैं. ऐसे में कांग्रेस पार्टी जिसे चाहे राज्यसभा चुनाव हो या फिर बहुमत साबित करने की बात हमेशा 126 विधायकों का समर्थन मिला. इस बार उस कांग्रेस पार्टी के कैंप में देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनीं द्रौपदी मुर्मू ने चार कांग्रेस या कांग्रेस समर्थित विधायकों के वोट में सेंध लगा दी. हालांकि, भाजपा विधायक शोभारानी कुशवाह के वोट का दावा कांग्रेस ने भी किया है और अगर ऐसा हुआ है तो भी कांग्रेस को अपने चार विधायकों के वोट से महरूम रहना पड़ा है.