जयपुर. मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 5 हजार और राजधानी जयपुर में एक हजार सरस बूथ खोलने की घोषणा की थी. इनका निपटारा किए बिना ही निगम अधिकारी अब अमूल को बूथ आवंटन में जुट गए हैं. अमूल को डेयरी बूथ देने को लेकर शहर में पहले से चल रहे सरस डेयरी बूथ संचालकों में डर बैठ गया है. यही वजह है कि मंगलवार को सरस डेयरी से जुड़े दुग्ध उत्पादकों और किसानों ने निगम परिसर में धरना दिया और एडिशनल कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा.
उन्होंने कहा कि जयपुर और दौसा के हजारों किसानों से दूध उचित मूल्य पर खरीदकर जयपुर डेयरी में प्रोसेसिंग कर जयपुरवासियों को दिया जाता है. इसमें गुणवत्ता का भी विशेष ध्यान रखा जाता है. उन्होंने कहा कि जयपुर और दौसा जिले के किसान परिवारों का सरस डेयरी ही सहारा है. ऐसे में यदि किसी दूसरे राज्य की कंपनी को जयपुर में बूथ उपलब्ध कराए जाएंगे, तो इससे किसानों के रोजगार पर सीधा प्रभाव पड़ेगा. उन्होंने निगम के फैसले को वापस नहीं लेने की स्थिति में आंदोलन करने की चेतावनी दी.
मामले में एडिशनल कमिश्नर ने साफ किया कि निगम एग्जीक्यूटिव कमिटी में 2 हजार अमूल बूथ खोलने का प्रस्ताव आया था. इस प्रस्ताव को राज्य सरकार को भेजा गया है. जहां ये विचाराधीन है. अंतिम फैसला राज्य सरकार का ही होगा. किसानों के विरोध को भी राज्य सरकार के पास दर्ज कराया जाएगा.
आपको बता दें कि शहर में पहले ही 10 हज़ार से ज्यादा सरस के बूथ मौजूद है. जबकि 700 से ज्यादा बूथ पेंडिंग चल रहे हैं. ऐसे में शहर में अन्य कंपनी के डेयरी बूथ खुलने से सरस डेयरी को काफी नुकसान होगा. हालांकि निगम के पास अमूल बूथ के लिए आवेदन आने शुरू हो गए हैं. ऐसे में देखना होगा कि सरस दुग्ध उत्पादकों के विरोध के बाद सरकार इस पर क्या फैसला लेती है.