जयपुर. राजस्थान में चुनावों में अभी दो साल का समय बाकी है, लेकिन राजस्थान का राजपूत समाज (Rajasthan Rajput Society) भाजपा और कांग्रेस दोनो ही पार्टीयो को बड़ी सभा के जरिये अपनी एकता और ताकत का अहसास करवाने जा रहा है. अपनी ताकत का अहसास करवाने के लिए राजपूत समाज के सबसे बड़े संगठन क्षत्रिय युवक संघ (Kshatriya Yuvak Sangh) ने 22 दिसंबर को अपने हीरक जयंती दिवस के चुना है.
इस सभा के जरिए क्षत्रिय युवक संघ जहां एक ओर क्षत्रिय युवक संघ के संस्कारों और समाज हित में किए गए कामों को सभा के माध्यम से रखेगा तो वहीं सीधे तौर पर यह कार्यक्रम राजपूत समाज (Rajpur Community) का एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन होगा. वैसे तो क्षत्रिय युवक संघ पूरी तरीके से गैर राजनीतिक संगठन है और केवल क्षत्रिय समाज के हितों के लिए काम करता है, लेकिन साल 2001 में क्षत्रिय युवक संघ ने प्रताप फाउंडेशन के रूप में एक राजनीतिक संगठन भी बनाया, जो खुद चुनाव नहीं लड़ता, लेकिन जो समाज के लोग चुनाव लड़ते हैं, उनकी सहायता राजनीतिक तौर पर भी करता है.
हीरक जयंती कार्यक्रम पर क्षत्रिय युवक संघ की ओर से राजस्थान के गांव-ढाणी में पीले चावल बांटकर आमंत्रण दिया जा रहा है तो वहीं क्योंकि छत्रिय युवक संघ राजस्थान का राजपूतों का सबसे बड़ा संगठन है जो सामाजिक काम तो करता है ही, साथ ही इसकी राजनीतिक पकड़ भी राजस्थान में सभी पार्टियों में है. ऐसे में इस कार्यक्रम को राजपूतों के राजनीतिक और सामाजिक शक्ति प्रदर्शन के तौर पर भी देखा जा रहा है.
भाजपा-कांग्रेस के नेता एक साथ तैयारियों के लिए बैठक में कांग्रेस से मंत्री प्रताप सिंह और सचिव महेन्द्र खेड़ी, तो भाजपा से विधायक नरपत राजवी, चंद्रभान आक्या, हमीर सिंह समेत पूर्व मंत्री गजेंद्र सिंह और राव राजेन्द्र रहे मौजूद. कार्यक्रम और क्षत्रिय युवक संघ राजपूत समाज में क्या प्रभाव है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब आज कार्यक्रम की तैयारी के लिए क्षत्रिय युवक संघ के प्रमुख भगवान सिंह रोलसाबसर ने जब बैठक बुलाई तो इसमें क्षत्रिय युवक संघ से जुड़े लोग तो मौजूद रहे ही, इसके साथ ही कांग्रेस-भाजपा जैसे विरोधी दलों के नेता ही नहीं, बल्कि मंत्री और विधायक भी मौजूद रहे.
इस बैठक में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, कांग्रेस के सचिव महेंद्र सिंह खेड़ी, भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री नरपत सिंह राजवी, विधायक हमीर सिंह भायल, विधायक चंद्रभान सिंह आक्या, पूर्व मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर भी मौजूद रहे. इतना ही नहीं, इस कार्यक्रम की सफलता के लिए रणनीति भी बनाते दिखाई दिए.