जयपुर.राजस्थान में हर साल करीब 10,000 से अधिक लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हो जाती है. वहीं देश भर में ये आंकड़ा करीब 15 लाख लोगों का है. ऐसे में प्रदेश की सड़कों की इंजीनियरिंग खराब है या फिर वाहन चालकों की लापरवाही से हादसा होता है. आखिरकार हादसे होने के क्या कारण हैं. लॉकडाउन के बाद सड़क हादसों को लेकर ईटीवी भारत संवाददाता करन तिवारी ने प्रदेश परिवहन आयुक्त रवि जैन से खास बातचीत की.
इस दौरान परिवहन आयुक्त रवि जैन ने कहा कि वाहन चलाते समय सावधानी बरतेंगे और सड़क सुरक्षा नियमों का पालन करेंगे तो सड़क हादसों में कमी आएगी. उन्होंने कहा कि एनफोर्समेंट एक हद तक कार्य कर सकता है. ऐसे में आमजन को खुद ही सावधानी बरतते हुए वाहन चलाना चाहिए. इससे सड़क हादसों में काफी कमी आएगी. उन्होंने कहा कि हमारी जान हमारे और हमारे परिवार के लिए बहुत कीमती है. घर के एक व्यक्ति की मौत हो जाने से काफी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
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परिवहन आयुक्त रवि जैन ने कहा कि सड़क हादसों में कमी लाने के लिए परिवहन विभाग की एनफोर्समेंट टीम और ट्रैफिक पुलिसकर्मी मिलकर कई तरह के अभियान चलाते हैं. इसके तहत ओवर लोडिंग और ओवर स्पीडिंग सहित कई तरह के नियमों के बारे में जानकारी देते हैं. अगर कोई ये सब करता हुआ पकड़ा जाता है तो उसके ऊपर भारी जुर्माना भी लगाया जाता है. रवि जैन ने बताया कि हाल ही में हाईकोर्ट के निर्देश पर 200 ऐसे लोगों के लाइसेंस निरस्त किए गए, जिन्हें 2 साल पहले वाहन चलाते वक्त मोबाइल पर बात करते हुए पकड़ा गया था.
तमिलनाडु की तर्ज पर लागू होगा सड़क सुरक्षा रोड मैप
आयुक्त रवि जैन ने बताया कि केंद्र सरकार के पायलट प्रोजेक्ट के तहत देश के पांच राज्यों (कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान) को शामिल किया गया है. इसके तहत सड़क हादसों को लेकर मंथन भी किया जा रहा है. राजस्थान में इसकी शुरुआत जयपुर जोधपुर, अजमेर, अलवर और भिवाड़ी से की गई है. इन जगहों पर सफलता के बाद पूरे प्रदेश में इसको लागू भी किया जाएगा. बता दें कि सड़क हादसों को काफी कम करने के लिए तमिलनाडु की तर्ज पर सड़क सुरक्षा रोड मैप भी लागू किया गया है, जो कि काफी कारगर साबित हुआ है. इसी आधार पर पायलट प्रोजेक्ट इन राज्यों में शुरू भी किया गया है. बता दें कि इस प्रोजेक्ट के तहत परिवहन विभाग के अधिकारी तमिलनाडु भी गए और वहां के रोड मैप की जानकारी ली.
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इंटीग्रेट रोड डेटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम होगा लागू
आयुक्त रवि जैन ने बताया कि सड़क पर हादसा होने के बाद सबसे पहले पुलिस और एंबुलेंस पहुंचती है. ऐसे में ये लोग मौके पर पहुंचने के बाद ऐप में रोड और हादसे की जानकारी अंकित करेंगे. इसमें अंकित करना होगा कि वहां पर कोई ब्लैक स्पॉट था या रोड इंजीनियरिंग में किसी तरह की कमी थी या कोई और कारण था.
जयपुर में 32 ब्लैक स्पॉट, 430 लोगों की मौत
जयपुर में परिवहन विभाग की ओर से 32 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. यहां पर अक्सर हादसे होते रहते हैं. जयपुर में इस साल सितंबर तक सड़क हादसे में 430 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग घायल हो चुके हैं.