जयपुर: 2 अक्टूबर से "प्रशासन शहरों के संग अभियान'' शुरू कर प्रदेश वासियों को बड़ी राहत देने की तैयारी की जा रही है. अभियान में 10 लाख पट्टे बांटे जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. पट्टे बांटने के लिए आवश्यकता पड़ने पर जमीनों के नियम और कानून में बदलाव करने की भी बात की जा रही है. लेकिन सरकार की ये नेक नीयत लोगों को कई सवाल करने के लिए मजबूर भी कर रही है. सवाल उठने लगे हैं कि क्या जन सरोकार से जुड़ा ये कदम सरकार की खाली तिजोरी भरने का जरिया तो नहीं?
5000 करोड़ राजस्व एकत्र करने का लक्ष्य
आमजन को त्वरित राहत देने के लिए प्रस्तावित प्रशासन शहरों के संग अभियान में 10 लाख पट्टे देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस अभियान से सरकार ने राजस्व इकट्ठा करने की भी प्लानिंग की है. सरकार ने 5000 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया है. और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए राज्य सरकार नियम और कानूनों में भी बदलाव करने को तैयार है. ताकि राजघराने की जमीन या मंदिर की जमीन पर बसे लोगों को भी पट्टे वितरित किए जा सके.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में चीफ टाउन प्लानर आरके विजयवर्गीय ने बताया कि ''प्रशासन शहरों के संग अभियान'' से राज्य को डायरेक्ट-इनडायरेक्ट दोनों तरह से फायदा होगा. इस अभियान से राज्य सरकार को रजिस्ट्री और टैक्स के रूप में राजस्व प्राप्त होगा. इससे इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप होगा और रोजगार सृजन होगा. वहीं अर्थव्यवस्था को भी इनडायरेक्ट लाभ मिलेगा. जब किसी को पट्टा मिलेगा, तो वो उस पर निर्माण कार्य करने में सुरक्षित महसूस करेगा. बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन से अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी. जीडीपी का 8% कंस्ट्रक्शन सेक्टर से आता है.
धारा 69ए और 90ए होगी कारगर साबित
वर्तमान लेआउट प्लान (Layout Plan Of Prasanshan Shahar Ke Sang Abhiyan 2021 ), टाउन प्लानिंग नॉर्म्स (Town Planning Norms Of Prasanshan Shahar Ke Sang abhiyan 2021) के आधार पर राज्य सरकार महज 5 लाख पट्टे वितरित कर सकती है. इसके लिए 69ए और कृषि भूमि पर बसी बस्तियों को नियमों के दायरे में रहकर पट्टे वितरित किये जायेंगे. जिस तरह कृषि भूमि (Farm Land) को गैर कृषि भूमि में रूपांतरण करने के लिए धारा 90ए है.
इसी तरह नगरपालिका अधिनियम में धारा 69ए जोड़ी गई है, जो नगरीय क्षेत्र में स्थित गैर कृषि जमीन- जो राजा महाराजाओं से मिली हो, सिटी सर्वे (City Survey) रिपोर्ट में उनके नाम दर्ज है, या वारिस आधार पर हस्तांतरित (Transferred On Heir Basis) हुई है, ऐसी पुरानी आबादी वाले क्षेत्रों में जो लोग 100 साल से रह रहे हैं, लेकिन उनके पास सरकारी दस्तावेज पट्टे के रूप में मौजूद नहीं है, उन्हें पट्टा उपलब्ध कराने की रूपरेखा बनाई गई है.
31 बिंदुओं के आधार पर दिए जाएंगे पट्टे (Lease Basis)
अभियान में 31 बिंदुओं पर आमजन के लिए कार्य किए जाएंगे. जिनमें से 13 कार्य पूर्व अभियान वर्ष 2012 में भी संपादित किए गए थे. जिसमे कांग्रेस सरकार ने 5 लाख पट्टे वितरित किए. पिछली मर्तबा जिन बिंदुओं के आधार पर पट्टे वितरित किए गए थे, उनके अलावा नए बिंदु भी जोड़े गए हैं. इसको लेकर विकास प्राधिकरण, विकास न्यास, नगरीय निकायों के साथ मीटिंग कर प्लानिंग की जा रही है. पट्टों से जुड़े प्रकरणों में कानून और नियमों में भी आवश्यकता पड़ने पर बदलाव भी किया जाएगा.
2012 अभियान के बिंदु :
कृषि भूमि पर बसी आवासीय योजनाओं का नियमन
स्टेट ग्रांट एक्ट (State Grant Act) के अंतर्गत पट्टे जारी करना
अधिसूचित कच्ची बस्तियों (Notified Kutcha Habitation) के कब्जों का नियमन
खांचा भूमि का आवंटन
निकायों के द्वारा नीलाम आवंटन किए गए भूखंडों के बढ़े हुए क्षेत्रफल का नियमन
भवन मानचित्र अनुमोदन और लेआउट अनुमोदन
भूखंडों के पुनर्गठन उपविभाजन की स्वीकृति
भूखंडों के नाम हस्तांतरण प्रकरणों की स्वीकृति जारी करना
सिवायचक भूमि पर अनाधिकृत आवासीय निर्माणों (Unauthorized Residential Constructions) का नियमन
बकाया लीज और एक मुश्त जमा कराने पर लीज मुक्ति प्रमाण पत्र जारी करना
सिवायचक भूमि का नगरीय निकायों को हस्तांतरण
जन्म-मृत्यु पंजीकरण प्रमाण पत्र (Birth-Death Registration Certificate) जारी करना
राजस्थान आवासन मंडल, सार्वजनिक निर्माण विभाग
विभिन्न विभागों द्वारा अवाप्तशुदा जमीन पर बसी आवासीय कॉलोनियों का नियमितीकरण
अभियान में 18 कार्य और किए गए शामिल :
अपंजीकृत पट्टे, आवंटन पत्र/विक्रय विलेख का पुर्नवेध कर पंजीकरण कराने की कार्य
आवासीय क्षेत्र, कृषि भूमि पर बसी आवासीय कॉलोनियों के भीतर गैर आवासीय गतिविधियों का नियमितीकरण
ईडब्ल्यूएस/एलआईजी के 60 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल के भूखंडों आवासों का आवंटन बहाल करना
गाडिया लोहारों, राजस्थान राज्य विमुक्त, घुमंतू एवं अर्धघुमंतु जातियों को आवास के लिए 100 वर्ष के भूखंड निशुल्क आवंटन करना
विवाह पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी करना
स्वच्छता अभियान के लिए जन जागरूकता और विकास कार्य, शहर को खुले में शौच मुक्त किए जाने के लिए व्यक्तिगत शौचालय के लिए घरेलू इकाई और सामुदायिक शौचालय स्थल का चिह्नीकरण एवं स्वीकृति जारी करना
सीवरेज कनेक्शन (Sewerage Connection)के लिए आवेदन प्राप्त कर जारी कर स्वीकृति जारी करना और कनेक्शन किया जाना
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) का गठन
कौशल प्रशिक्षण के लिए युवाओं का चयन करना और आवेदन प्राप्त करना
स्वरोजगार के लिए ऋण दिलवाने बाबत आवेदन प्राप्त करना और स्वीकृति जारी करना
प्रधानमंत्री स्व निधि योजना में पात्र स्ट्रीट वेंडर्स को चिह्नित कर अनुशंसा पत्र जारी करना, ताकि ऐसे लोग अपना रोजगार सरलता से कर सकें.
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और निम्न आय वर्ग के व्यक्तियों को सस्ते मकान उपलब्ध करवाने के लिए प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति जारी करना
मुख्यमंत्री जन आवास योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और निम्न आय वर्ग के व्यक्तियों को सस्ते मकान उपलब्ध करवाने के लिए आय प्रमाण पत्र जारी करना और योजनाएं तैयार करना
हाउसिंग फॉर ऑल मिशन के तहत आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग श्रेणी के भूखंड धारी से लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण के लिए अनुदान, ऋण से जुड़ा ब्याज अनुदान योजना के लिए आवेदन प्राप्त करना और स्वीकृति जारी करना
वार्ड में बेघर व्यक्तियों परिवारों की पहचान कर आश्रय स्थल के लिए प्रस्ताव तैयार करना
सड़क मार्ग अधिकार, भवन रेखा निर्धारण करना, पार्कों और अन्य सुविधा क्षेत्रों का सीमांकन करना, पार्किंग स्थलों का चिह्नीकरण करना
श्मशान/कब्रिस्तान के लिए भूमि चिह्नीकरण और आरक्षित करने का कार्य
राजकीय विद्यालय, राजकीय चिकित्सालय, आंगनबाड़ी, विद्युत निगम, जलदाय विभाग, बैंक, पोस्ट ऑफिस, पटवार घर, इंदिरा रसोई और अन्य सरकारी अर्द्ध सरकारी कार्यालयों के लिए भूमि का चिह्नीकरण करना
स्वच्छ भारत मिशन में सॉलि़ड वेस्ट डिस्पोजल के लिए उपयुक्त सरकारी भूमि का आवंटन, सेट अपार्ट कराना
अभियान को सफल बनाने के लिए उच्च स्तरीय समितियां गठित
इस अभियान की रूपरेखा तैयार करने के लिए विभिन्न बायलॉज और नियमों का अध्ययन करने और उनमें आवश्यक संशोधन करने का कार्य पूर्व में गठित तीन उच्च स्तरीय समिति द्वारा किया जा रहा है. संशोधित बायलॉज और नियमों की जानकारी नगरीय निकायों विकास न्यास और विकास प्राधिकरण को उपलब्ध कराई जा रही है. ये सभी काम यूडीएच सलाहकार बनाए गए पूर्व आईएएस जीएस संधू के नेतृत्व में किया जा रहा है.
ऑनलाइन होगा प्रशासन शहरों के संग अभियान
यूडीएच मंत्री (UDH Minister) शांति धारीवाल ने कोविड-19 को देखते हुए प्रशासन शहरों के संग अभियान इस बार ऑनलाइन होगा. साथ ही सभी नगरीय निकायों को कार्यों के निस्तारण के लिए साप्ताहिक और मासिक कैलेंडर बनाने के निर्देश जारी किए गए हैं. ताकि आवेदक को निर्धारित तिथि पर बुलाकर पट्टा दिया जा सके. इस कार्य के लिए प्रशिक्षित और अनुभवी कर्मचारियों को लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं.
आम नागरिकों के सहयोग के लिए नगर मित्र (Nagar Mitr) लोगों का आवेदन करने में सहयोग करेंगे. इसके लिए 5 हज़ार रुपए का फाइल चार्ज भी निर्धारित किया गया है. ऑनलाइन अभियान के लिए सभी नगरीय निकायों को निकाय का फेसबुक पेज, टि्वटर अकाउंट बनाने और समय-समय पर सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करने के निर्देश दिए गए हैं.
जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से मांगे जा रहे सुझाव
अभियान के तहत कार्यशाला आयोजित कर महापौर, सभापति, अध्यक्ष और जिला कलेक्टर से उनके क्षेत्रों की समस्याएं पूछी जा रही है. जिनमें मुख्य रूप से सीलिंग लैंड और मंदिर माफी की जमीन पर बसी कॉलोनियों के पट्टे देने, पुरानी आबादी के पट्टे दिए जाने, स्ट्रीट ग्रांट एक्ट के पट्टे दिए जाने और ऐसे क्षेत्र जो पूर्व में कभी डूब में रहे हैं, वहां विकास कार्य के कारण सुरक्षित स्थान होने से पट्टे दिए जाने की मांग की गई है. इन सभी प्रकरणों के प्रस्ताव बनाकर नियम और सुझाव भिजवाने के निर्देश दिए गए हैं.
पुरानी बसावट में दिए जाएंगे आवासीय व्यवसायिक के मिक्स पट्टे
सालों से एक साथ चल रही आवासीय और व्यवसायिक गतिविधियों को देखते हुए राज्य सरकार ने अब मिश्रित भू उपयोग का पट्टा देने के विकल्प पर भी मंथन किया है. इसे लेकर राज्य सरकार नगर पालिका अधिनियम में जुड़ी धारा 69ए का फायदा उठाते हुए मिश्रित भू-उपयोग का सरकारी दस्तावेज देने की तैयारी कर रही है. इससे पुराने शहर के निवासियों को पट्टा मिलने पर भूमि के विवाद खत्म होंगे और क्रय-विक्रय संभव हो सकेगा.
2012 का सर्वे बनेगा आधार
2012 में जो सर्वे किया गया था, उसे आधार बनाया जा रहा है. चीफ टाउन प्लानर आरके विजयवर्गीय ने स्पष्ट किया कि डूब क्षेत्र में अभी पट्टे देने का कोई प्रावधान तय नहीं किया गया है. और ना ही कोई नई कच्ची बस्ती का नियमन करने का फैसला लिया गया है. प्रशासन शहरों के संग अभियान में केवल उन्हीं कच्ची बस्तियों के नियमन की बात की जा रही है, जो 2005 से पहले बस चुकी हैं.
प्रत्येक वार्ड में एक-एक नोडल ऑफिसर नियुक्त होगा
प्रशासन शहरों के संग अभियान से नगरीय निकायों के राजस्व में वृद्धि होगी. जिससे विकास कार्यों को गति दे सकेंगे और आम जनता को राहत मिलेगी. नगरीय निकायों में वार्ड पार्षदों के माध्यम से प्रशासन शहरों के संग संबंधित आमजन की समस्याओं का सर्वे भी कराया जाएगा. साथ ही इसके लिए प्रत्येक वार्ड में एक-एक नोडल ऑफिसर नियुक्त किया जाएगा.
बहरहाल, प्रशासन शहरों के संग अभियान (Prasanshan Shahar Ke Sang Abhiyan 2021 ) को लेकर सीएम का उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को अपने मकान का पट्टा मिले. निश्चित तौर पर अगर व्यक्ति ने लेआउट प्लान पास करवा बिल्डिंग बायलॉज फॉलो किए हैं, तो निश्चित तौर पर उसे लाभ मिलना चाहिए. किसी भी परिवार के लिए उसके निवास स्थल का पट्टा एक सुरक्षा की भावना है और वहीं सरकार के लिए भी यह राजस्व प्राप्ति का सबब बनता है.