जयपुर. पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड जोधपुर में ITI स्थापित करेगा, जिसे लेकर राज्य सरकार के साथ समझौता किया है. इस एमओयू के तहत पावर ग्रिड कॉरपोरेशन जोधपुर की शेरगढ़ तहसील में एक इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट (आईटीआई) स्थापित करेगा. इस आईटीआई में स्टूडेंट्स के प्रशिक्षण के लिए सभी उपकरण एवं मशीनरी पावर ग्रिड कॉरपोरेशन की ओर से ही उपलब्ध करवाई जाएगी.
समझौता ज्ञापन पर कौशल, रोजगार नियोजन एवं उद्यमिता विभाग की ओर से शासन सचिव नीरज के. पवन और पावर ग्रिड की ओर से निदेशक कार्मिक वीके सिंह ने हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर आरएसएलडीसी के प्रबंध निदेशक प्रवीण के गवांडे, पावर ग्रिड के कार्मिक निदेशक वीके सिंह, आईटीआई के उपनिदेशक सुनील जोशी भी उपस्थित थे. कौशल, रोजगार नियोजन एवं उद्यमिता विभाग के शासन सचिन नीरज के. पवन ने बताया कि पावर ग्रिड के साथ यह समझौता राजस्थान के युवाओं के लिए बहुत ही लाभदायक साबित होगा. इसके जरिए एक और बेहतर आईटीआई राजस्थान में स्थापित हो सकेगी, साथ ही नए क्षेत्रों में राजस्थान के युवाओं को प्रशिक्षित किया जा सकेगा. युवाओं को प्रशिक्षित करवाकर रोजगार के अवसर दिलाने के सभी संभव प्रयास भी विभाग की ओर से किए जाएंगे.
आईटीआई के उपनिदेशक सुनील जोशी ने बताया कि पावर ग्रिड जोधपुर में आईटीआई स्थापित करने के साथ ही संस्थान में फर्नीचर, क्लास रूम सेटअप, प्रशिक्षण से जुड़े उपकरण, प्रशिक्षण सामग्री मुहैया करवाएगी. साथ ही आठ अलग-अलग क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित करने में भी मदद करेगी. इन क्षेत्रों में युवाओं को ट्रेनिंग देने के लिए समय-समय पर पावर ग्रिड की सहायता से वर्कशॉप भी आयोजित करवाई जाएगी.
इस अवसर पर पावर ग्रिड के निदेशक कार्मिक वीके सिंह ने कहा कि एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में पावर ग्रिड भारत में सीएसआर के बहुत से काम कर रही है. उसी के तहत हमने शेरगढ़, जोधपुर में आईटीआई की स्थापना के लिए पहल की है. यह न केवल सरकार के कौशल भारत अभियान को पूरा करने में मदद करेगा, बल्कि पश्चिमी राजस्थान के युवाओं की रोजगार क्षमता को बढ़ाने में भी सहायता करेगा.
पीड़ित व्यक्तियों और उनके परिवार के प्रति मानवीय दृष्टिकोण रखें : मुख्य सचिव
मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने बुधवार को न्यूमोकोनियोसिस, सिलिकोसिस नीति के तहत न्यूमोकोनियोसिस निधि के सर्जन एवं संचालन के संबंध में बैठक की. इस दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि चिकित्सा विभाग में सिलिकोसिस प्रमाणीकरण से लंबित 19,308 मामलों का जल्द से जल्द निस्तारण हो, ताकि सिलिकोसिस प्रभावित व्यक्तियों की पहचान कर उन्हें शीघ्र सहायता राशि दी जा सके. उन्होंने कुल पंजीकृत 10,9107 मामलों में 71,720 व्यक्तियों के आवेदन अस्वीकृत होने पर अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिन पंजीकृत सिलिकोसिस पीड़ितों के आवेदन निरस्त किये गए हैं, उनका भी एक बार पुनः परीक्षण करवाया जाए. मुख्य सचिव ने सिलिकोसिस बीमारी से पीड़ितों को श्रम एवं खान विभाग द्वारा दी जाने वाली भुगतान राशि पर चर्चा करते हुए संबंधित विभागों को जल्द से जल्द भुगतान राशि जारी करने के निर्देश दिए.