जयपुर. प्रदेश में कोयले की कमी के चलते उत्पन्न बिजली संकट में अब सुधार हो रहा है. कोयले की आपूर्ति में भी बढ़ोतरी हुई है तो वहीं प्रदेश सरकार का दावा है कि अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान की स्थिति बेहतर है.
राजस्थान की बात करें तो कुछ राहत की उम्मीद हो सकती है क्योंकि राज्य को छत्तीसगढ़ कोयला खदानों से 7.5 रेक के बजाय 10 कोयला रेक मिलना शुरू हो गया है. साथ ही सीआईएल से एक अतिरिक्त रेक भी मिल रहा है.
अन्य राज्यों से बेहतर स्थिति
देश के दूसरे राज्यो की बात करें तो तमिलनाडू की राजधानी चेन्नई में 9 घंटे बिजली कटौती की जा रही है. पंजाब में ताप विद्युत संयंत्रों में कोयले की गंभीर कमी के कारण पीएसपीसीएल बिजली उत्पादन में कटौती करेगा और रोटेशनल लोड शेडिंग लगाएगा. उत्तर प्रदेश में दैनिक आधार पर 1,500 मेगावाट का लोड शेडिंग, छोटे शहरों और गांवों में भारी बिजली कटौती, बड़े शहरी केंद्र और जिला मुख्यालय को अब तक लोड शेडिंग से छूट.
बिहार में 1000 मेगावाट का औसत लोड शेडिंग, व्यस्त समय के दौरान शाम 6 बजे से 12 बजे तक आपूर्ति की जा रही है. झारखंड में दैनिक आधार पर 800-900 मेगावाट का औसत लोड शेडिंग, शहरी क्षेत्रों में 17-18 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 14-15 घंटे की आपूर्ति. आंध्र प्रदेश में APGENCO द्वारा संचालित बिजली उत्पादन स्टेशनों में शायद ही 1 या 2 दिन के लिए कोयले का स्टॉक हो.
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मध्य प्रदेश में राजकीय संयंत्रों के पास 3 दिन का कोयला भंडार शेष है. अगस्त और सितंबर के महीनों के दौरान अनिर्धारित बिजली कटौती हुई थी. सभी श्रेणियों में दिल्ली में टीपीडीडीएल ने 9 अक्टूबर को आपूर्ति करने वाली इकाइयों के रूप में रुक-रुक कर होने वाली घूर्णी बिजली कटौती की चेतावनी दी.
दिल्ली के बिजली डिस्कॉम के पास 1-2 दिनों के लिए कोयले का स्टॉक है. छत्तीसगढ़ में ग्रामीण क्षेत्रों में सीमित लोड शेडिंग के साथ 5-7 दिनों का कोयला स्टॉक शेष है. गुजरात में राज्य को 1100 मेगावाट की कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण लघु और मध्यम अवधि के माध्यम से प्रबंधित किया गया था. निजी कंपनियों के साथ 1,500 मेगावाट बिजली खरीद समझौता किया गया है. हरियाणा में ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत सीमित लोड शेडिंग है.