जयपुर. राजस्थान में बीते साल जब राजनीतिक उठा पटक हुई तो उसका असर राजस्थान कांग्रेस संगठन पर सबसे ज्यादा पड़ा. राजनीतिक उठापटक का असर ये हुआ की राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष समेत युवा कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष तुरंत प्रभाव से बदले गए और राजस्थान में पूरी प्रदेश कार्यकारिणी और जिला कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया.
दरअसल, राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के नेताओं को अब भी उन 40 जिला अध्यक्षों और उनकी कार्यकारिणी का इंतजार है, जो कहा जा रहा है कि उपचुनाव के बाद जिला कार्यकारिणी बना दी जाएगी, लेकिन राजधानी जयपुर में आज एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जब जयपुर जिला अध्यक्ष और परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के लेटर पैड पर अपने हस्ताक्षर कर कौशलेंद्र अत्रे को जयपुर के वार्ड 34 का अध्यक्ष बना दिया गया है. यह मामला चौंकाने वाला इसलिए है क्योंकि जब पूरे राजस्थान में सभी जिला कार्यकारिणी भंग हैं तो फिर किस अधिकार से यह नियुक्तियां की जा रही हैं, नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले मनोज मुद्गल निवर्तमान बनी पार्क ब्लॉक कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं और जयपुर कांग्रेस में महासचिव और प्रवक्ता भी.
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बता दें, एक और जिले में नियुक्तियां बांटी जा रही हैं, तो दूसरी ओर राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी सचिव ललित तूनवाल ने कहा कि प्रदेश कार्यकारिणी और चार अग्रिम संगठनों के अलावा राजस्थान में न तो कोई जिला कार्यकारिणी है और ना ही ब्लाक कार्यकारिणी. प्रदेश में जल्द ही उपचुनाव के बाद जिला कार्यकारिणी और ब्लाक कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा.
वहीं, प्रदेश कांग्रेस सचिव जसवंत गुर्जर ने कहा कि ऐसी किसी नियुक्ति का राजस्थान कांग्रेस को संज्ञान नहीं है. अगर कोई ऐसी नियुक्ति देता है तो वह नियम अनुसार गलत है. उन्होंने कहा कि केवल पार्टी के कार्यक्रम करवाने के लिए निवर्तमान जिला अध्यक्ष और जिला कार्यकारिणी को अधिकृत किया हुआ है, किसी भी तरीके की नियुक्ति निवर्तमान जिला अध्यक्ष या जिला कार्यकारिणी नहीं कर सकती है. उन्होंने कहा कि जिला कार्यकारिणी में नियुक्ति का एक प्रोसेस है जिसके तहत प्रदेश अध्यक्ष के अनुमोदन के बाद ही जिला कार्यकारिणी में किसी की नियुक्ति हो सकती है.