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आरोप लगाना गहलोत की पुरानी आदत, अब कर रहे पत्र की राजनीति : पूनिया

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Published : Aug 4, 2020, 3:29 PM IST

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा लगाए आरोपों पर सतीश पूनिया ने कहा कि आरोप लगाना गहलोत की पुरानी आदत है. अब वह आरोप लगाने के साथ ही पत्र की राजनीति भी कर रहे हैं, लेकिन जनता सब समझती है.

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सतीश पूनिया का बयान

जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा लगाए गए आरोपों पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पलटवार किया है. खासतौर पर 3 केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेताओं द्वारा सरकार गिराए जाने की कोशिशों का मुख्यमंत्री द्वारा लगाए आरोपों पर पूनिया ने कहा कि आरोप लगाना गहलोत की पुरानी आदत है और अब वह पत्र की राजनीति कर रहे हैं.

गहलोत के आरोपों पर पूनिया का पलटवार

सतीश पूनिया के अनुसार मुख्यमंत्री के चेहरे पर हताशा, निराशा और भय सब कुछ नजर आता है और आरोप भाजपा पर लगाते हैं. उन्होंने कहा, 'सीएम आरोप लगाते हैं और आगे भी लगाते रहेंगे, हमें उनके आरोपों की कोई परवाह नहीं है'.

पढ़ेंः 'बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ब्लॉक अध्यक्ष बनने के भी काबिल नहीं'

अल्पमत में हैं, इसलिए तो जयपुर से जैसलमेर चली गई सरकार...

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के अनुसार सरकार गिरने का डर हमें नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को है. साथ ही इस बात का भी डर है कि कहीं उनके विधायक भाग ना जाएं, इसीलिए वह जयपुर के फेयर माउंट होटल से जैसलमेर चले गए. अब वहां से कहां लेकर जाएंगे जयपुर तो आना ही पड़ेगा.

उन्होंने कहा मुख्यमंत्री का गणित भी कमजोर है, क्योंकि कभी वह अपने साथ 109 विधायक बताते हैं, तो कभी 106 और कभी 102. लेकिन वास्तव में कितने हैं इसकी जानकारी गहलोत साहब को भी नहीं है या फिर उनकी गणित ही कमजोर है.

पढ़ेंः विधायक खरीद-फरोख्त मामले में SOG ने राजद्रोह से जुड़ी तीनों FIR ली वापस

हमारे लिए भी विधायकों की गिनती अभी संभव नहीं...

पूनिया से जब पूछा गया कि प्रमुख विपक्षी दल होने के नाते क्या उन्होंने आकलन किया है कि गहलोत के पास कितने विधायकों की संख्या है. तब उन्होंने कहा कि अभी तो विधायक बाड़ेबंदी में हैं और उसमें निर्दलीय और छोटी प्रादेशिक पार्टियों के विधायकों को भी रखा गया है. ऐसे में जब बाड़ा खुलेगा तो निर्दलीय और छोटी प्रादेशिक पार्टियों के विधायकों का रूख कहा रहेगा और कितने विधायक उनके पास रुकेंगे उस पर ही सब कुछ निर्भर है. साथ ही केवल तभी विधायकों की संख्या का सही आकलन हो पाएगा.

सरकार बहुमत में होती तो जयपुर में होती...

प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार गहलोत सरकार अल्पमत में है और यदि बहुमत में होती तो जयपुर में बैठकर सरकार चलाती. उन्होंने यह भी कहा कि अभी भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कुछ भी तय नहीं किया है, क्योंकि यह तमाम चीजें समय स्थिति और परिस्थिति के अनुसार ही तय की जाएगी.

जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा लगाए गए आरोपों पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने पलटवार किया है. खासतौर पर 3 केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेताओं द्वारा सरकार गिराए जाने की कोशिशों का मुख्यमंत्री द्वारा लगाए आरोपों पर पूनिया ने कहा कि आरोप लगाना गहलोत की पुरानी आदत है और अब वह पत्र की राजनीति कर रहे हैं.

गहलोत के आरोपों पर पूनिया का पलटवार

सतीश पूनिया के अनुसार मुख्यमंत्री के चेहरे पर हताशा, निराशा और भय सब कुछ नजर आता है और आरोप भाजपा पर लगाते हैं. उन्होंने कहा, 'सीएम आरोप लगाते हैं और आगे भी लगाते रहेंगे, हमें उनके आरोपों की कोई परवाह नहीं है'.

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अल्पमत में हैं, इसलिए तो जयपुर से जैसलमेर चली गई सरकार...

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के अनुसार सरकार गिरने का डर हमें नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को है. साथ ही इस बात का भी डर है कि कहीं उनके विधायक भाग ना जाएं, इसीलिए वह जयपुर के फेयर माउंट होटल से जैसलमेर चले गए. अब वहां से कहां लेकर जाएंगे जयपुर तो आना ही पड़ेगा.

उन्होंने कहा मुख्यमंत्री का गणित भी कमजोर है, क्योंकि कभी वह अपने साथ 109 विधायक बताते हैं, तो कभी 106 और कभी 102. लेकिन वास्तव में कितने हैं इसकी जानकारी गहलोत साहब को भी नहीं है या फिर उनकी गणित ही कमजोर है.

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हमारे लिए भी विधायकों की गिनती अभी संभव नहीं...

पूनिया से जब पूछा गया कि प्रमुख विपक्षी दल होने के नाते क्या उन्होंने आकलन किया है कि गहलोत के पास कितने विधायकों की संख्या है. तब उन्होंने कहा कि अभी तो विधायक बाड़ेबंदी में हैं और उसमें निर्दलीय और छोटी प्रादेशिक पार्टियों के विधायकों को भी रखा गया है. ऐसे में जब बाड़ा खुलेगा तो निर्दलीय और छोटी प्रादेशिक पार्टियों के विधायकों का रूख कहा रहेगा और कितने विधायक उनके पास रुकेंगे उस पर ही सब कुछ निर्भर है. साथ ही केवल तभी विधायकों की संख्या का सही आकलन हो पाएगा.

सरकार बहुमत में होती तो जयपुर में होती...

प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार गहलोत सरकार अल्पमत में है और यदि बहुमत में होती तो जयपुर में बैठकर सरकार चलाती. उन्होंने यह भी कहा कि अभी भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कुछ भी तय नहीं किया है, क्योंकि यह तमाम चीजें समय स्थिति और परिस्थिति के अनुसार ही तय की जाएगी.

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