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भीलवाड़ा में भाजपा नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने पर भड़की भाजपा... पूनिया और राठौड़ ने सीएम से पूछा ये सवाल - Jaipur News

भीलवाड़ा में भाजपा की ओर से निकाली गई जन आक्रोश रैली में शामिल भाजपा नेताओं के खिलाफ मामला दर्ज होने पर पार्टी नेताओं ने गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला है.

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भाजपा नेताओं पर मुकदमे से बढ़ी तकरार
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Published : Sep 2, 2021, 9:38 PM IST

जयपुर. भाजपा की ओर से भीलवाड़ा में निकाली गई जन आक्रोश रैली में शामिल 1 सांसद और 3 भाजपा विधायकों सहित विभिन्न कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज करने के मामले में सियासी उबाल आ गया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने इस मामले में प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण व राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित एकतरफा कार्रवाई बताया है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने ट्वीट करके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछा है कि राज्य में कांग्रेस नेताओं पर कितने मुकदमे दर्ज हुए हैं और क्या क्या कार्रवाई हुई ये बताएं. पूनिया ने मुख्यमंत्री से कहा कि आप के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा कहते हैं कि हम विपक्ष की भूमिका नहीं निभा रहे हैं, लेकिन फिर यह क्या है और फिर क्यों डर रहे हो?

राजेंद्र राठौड़ ने कार्रवाई को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस कार्रवाई को द्वेषपूर्ण बताते हुए इसकी निंदा की है. उन्होंने बयान जारी कर कहा कि लोकतंत्र में सभी को विरोध-प्रदर्शन करने का अधिकार है. लेकिन दुर्भाग्य है कि कांग्रेस सरकार संविधान प्रदत्त लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करने पर तुली हुई है. सरकार अपने खिलाफ बढ़ते जनाक्रोश को सहन नहीं कर पा रही है. यही कारण है कि कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन का बहाना करके सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने का कुत्सित प्रयास कर रही है.

पढ़ें: गहलोत सरकार के शासन में भ्रष्टाचार शिष्टाचार बन गया, जन्म प्रमाण पत्र से लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र तक में भ्रष्टाचार जड़ें जमा चुकाः सतीश पूनियां

राठौड़ ने कहा कि एक तरफ 2 सितंबर को यूथ कांग्रेस के बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने कोरोना प्रोटोकॉल की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए जयपुर में कलक्ट्रेट के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. लेकिन दुर्भाग्य रहा कि प्रशासन ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोविड गाइडलाइन उल्लंघन को लेकर कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया. वहीं दूसरी ओर भीलवाड़ा में भाजपा की ओर से किए प्रदर्शन में पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इससे साबित होता है कि कांग्रेस सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन एकतरफा कार्रवाई कर विपक्ष पर बिना वजह दबाव बनाने के लिए मामले दर्ज कर रही है.

पढ़ें: सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री गहलोत से प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर की ये मांग...

उन्होंने कहा कि विगत माह में कांग्रेस ने राजभवन घेराव का आयोजन किया गया था. जिसमें बड़ी संख्या में उनके मंत्री, विधायक, नेता व कार्यकर्ताओं ने कोरोना गाइडलाइन की अवहेलना कर भारी भीड़ जुटाई थी. इसके बावजूद पुलिस प्रशासन ने इनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केस दर्ज नहीं किया और मूकदर्शक बनी रही. आमजन से कोरोना नियमों के पालन की दुहाई देने वाली सरकार की सरपरस्ती में कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता खुद कोविड प्रोटोकॉल का बार-बार उल्लंघन कर रहे हैं और कार्रवाई सिर्फ विपक्ष या आमजन के खिलाफ कर रहे हैं. जिससे सरकार का दोहरा चरित्र सामने आ गया है.

पढ़ें: देश का सबसे कम एक्टिव केस वाला राज्य बना राजस्थान, महज 81 एक्टिव मामले दर्ज...सीएम ने किया ट्वीट

उन्होंने कहा कि भाजपा की जन आक्रोश रैली में बड़ी संख्या में जनता का सरकार के प्रति आक्रोश देखकर कांग्रेस सरकार बुरी तरह घबरा गई है और अपनी नाकामी को छिपाने के लिए पुलिस का कठपुतली की तरह इस्तेमाल कर रही है. सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है. लेकिन सरकार के डराने से भाजपा के नेता-कार्यकर्ता डरने वाले नहीं है और हर अन्याय के खिलाफ लोकतांत्रिक ढंग से माकूल जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने एक बयान जारी कर प्रदेश में जारी बिजली के संकट पर गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा प्रदेश में हो रही अघोषित बिजली कटौती के कारण आमजन परेशान हैं. उन्होंने कहा इसके पीछे मौजूदा गहलोत सरकार का कु-प्रबंधन जिम्मेदार है.

जयपुर. भाजपा की ओर से भीलवाड़ा में निकाली गई जन आक्रोश रैली में शामिल 1 सांसद और 3 भाजपा विधायकों सहित विभिन्न कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज करने के मामले में सियासी उबाल आ गया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने इस मामले में प्रदेश सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण व राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित एकतरफा कार्रवाई बताया है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया ने ट्वीट करके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछा है कि राज्य में कांग्रेस नेताओं पर कितने मुकदमे दर्ज हुए हैं और क्या क्या कार्रवाई हुई ये बताएं. पूनिया ने मुख्यमंत्री से कहा कि आप के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा कहते हैं कि हम विपक्ष की भूमिका नहीं निभा रहे हैं, लेकिन फिर यह क्या है और फिर क्यों डर रहे हो?

राजेंद्र राठौड़ ने कार्रवाई को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस कार्रवाई को द्वेषपूर्ण बताते हुए इसकी निंदा की है. उन्होंने बयान जारी कर कहा कि लोकतंत्र में सभी को विरोध-प्रदर्शन करने का अधिकार है. लेकिन दुर्भाग्य है कि कांग्रेस सरकार संविधान प्रदत्त लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन करने पर तुली हुई है. सरकार अपने खिलाफ बढ़ते जनाक्रोश को सहन नहीं कर पा रही है. यही कारण है कि कोरोना प्रोटोकॉल के उल्लंघन का बहाना करके सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने का कुत्सित प्रयास कर रही है.

पढ़ें: गहलोत सरकार के शासन में भ्रष्टाचार शिष्टाचार बन गया, जन्म प्रमाण पत्र से लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र तक में भ्रष्टाचार जड़ें जमा चुकाः सतीश पूनियां

राठौड़ ने कहा कि एक तरफ 2 सितंबर को यूथ कांग्रेस के बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने कोरोना प्रोटोकॉल की खुलेआम धज्जियां उड़ाते हुए जयपुर में कलक्ट्रेट के बाहर विरोध-प्रदर्शन किया. लेकिन दुर्भाग्य रहा कि प्रशासन ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोविड गाइडलाइन उल्लंघन को लेकर कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया. वहीं दूसरी ओर भीलवाड़ा में भाजपा की ओर से किए प्रदर्शन में पार्टी के नेताओं-कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया. इससे साबित होता है कि कांग्रेस सरकार के इशारे पर पुलिस प्रशासन एकतरफा कार्रवाई कर विपक्ष पर बिना वजह दबाव बनाने के लिए मामले दर्ज कर रही है.

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उन्होंने कहा कि विगत माह में कांग्रेस ने राजभवन घेराव का आयोजन किया गया था. जिसमें बड़ी संख्या में उनके मंत्री, विधायक, नेता व कार्यकर्ताओं ने कोरोना गाइडलाइन की अवहेलना कर भारी भीड़ जुटाई थी. इसके बावजूद पुलिस प्रशासन ने इनके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत केस दर्ज नहीं किया और मूकदर्शक बनी रही. आमजन से कोरोना नियमों के पालन की दुहाई देने वाली सरकार की सरपरस्ती में कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता खुद कोविड प्रोटोकॉल का बार-बार उल्लंघन कर रहे हैं और कार्रवाई सिर्फ विपक्ष या आमजन के खिलाफ कर रहे हैं. जिससे सरकार का दोहरा चरित्र सामने आ गया है.

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उन्होंने कहा कि भाजपा की जन आक्रोश रैली में बड़ी संख्या में जनता का सरकार के प्रति आक्रोश देखकर कांग्रेस सरकार बुरी तरह घबरा गई है और अपनी नाकामी को छिपाने के लिए पुलिस का कठपुतली की तरह इस्तेमाल कर रही है. सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है. लेकिन सरकार के डराने से भाजपा के नेता-कार्यकर्ता डरने वाले नहीं है और हर अन्याय के खिलाफ लोकतांत्रिक ढंग से माकूल जवाब देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने एक बयान जारी कर प्रदेश में जारी बिजली के संकट पर गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा प्रदेश में हो रही अघोषित बिजली कटौती के कारण आमजन परेशान हैं. उन्होंने कहा इसके पीछे मौजूदा गहलोत सरकार का कु-प्रबंधन जिम्मेदार है.

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