जयपुर. शराबबंदी और सशक्त लोकायुक्त की मांग को लेकर शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम छाबड़ा को आमरण अनशन पर बैठे हुए मंगलवार को दूसरा दिन हो गया. गहलोत सरकार से उनकी प्रतिनिधि मंडल की पहले दौर की वार्ता की विफल हो गई है. पूनम छाबड़ा ने कहा कि गहलोत सरकार को राजस्व का लालच छोड़कर जनता की सुध लेनी चाहिए और राजस्थान में शराबबंदी करनी चाहिए.
शराबबंदी आंदोलन में जान गंवाने वाले गुरुशरण छाबड़ा की पुत्रवधू व शराबबंदी आंदोलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूनम छाबड़ा शराबबंदी और सशक्त लोकायुक्त की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठी हैं. उन्होंने सरकार को चेतावनी कि उन्हें लिखित में आश्वास चाहिए. जब तक लिखित में ड्राफ्ट नहीं मिलेगा वे आमरण अनशन से नहीं उठेंगी.
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पूनम छाबड़ा ने कहा कि गहलोत सरकार ने मंत्रियों और आबकारी कमेटी बनी है लेकिन कमेटी की मीटिंग समय पर नहीं हो रही. इसके कारण शराबबंदी को लेकर कोई काम नहीं हो रहा. प्रदेश में 24 घंटे शराब बेची जा रही है. शराब ठेकों की अवैध ब्रांच खुली हुई है. ड्राई डे पर भी शराब बिक्री हो रही है. इससे आम जनता त्रस्त है.
शराब की वजह से अपराध बढ़े
पूनम छाबड़ा ने कहा कि शराब के कारण दुष्कर्म और रोड एक्सीडेंट में भी इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि सरकार को शराब बिक्री से राजस्व मिलता है लेकिन यदि जनता ही नहीं होगी तो सरकार राज किस पर करेगी. सरकार को राजस्व का लालच छोड़कर जनता की सुध लेनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आम जनता की मांग है कि राजस्थान में शराबबंदी होनी चाहिए. नशे के कारण समाज को एक बड़ा नुकसान हो रहा है. युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में आ रही है. राजस्थान में अपराध बढ़ रहे है.