जयपुर. रीट परीक्षा में गड़बड़ियों के खिलाफ बेरोजगारों के आंदोलन से पहले गिरफ्तार किए गए राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव को आज गुरुवार शाम को रिहा कर दिया गया है. रिहाई के बाद उन्होंने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर संघर्ष जारी रखेंगे. रीट पेपर आउट के पीछे किस बड़े नेता का हाथ है. इसकी जांच कर उसे जेल में डाला जाना चाहिए.
रिहाई के बाद वीडियो बयान जारी कर उपेन यादव ने कहा कि रीट भर्ती और एसआई भर्ती का जो मामला था, जिसे लेकर आज हमारा बड़ा आंदोलन था. इससे पहले मुझे 5 जुलाई को दर्ज कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन हम अपनी मांगों को लेकर लगातार संघर्ष जारी रखेंगे.
हमारी मांग है कि जो पेपर लीक हुआ है, उसका कौन सरगना है, इसकी तह तक जाया जाए. रीट और एसआई भर्ती में हुई गड़बड़ियों को लेकर युवाओं को न्याय मिले. गलत के खिलाफ आवाज उठाने पर छह बेरोजगारों को राजकार्य में बाधा का मुकदमा दर्ज कर जेल में डाल दिया गया, उन्हें रिहा कर मुकदमा वापस लिया जाए. तीन महिला अभ्यर्थियों की भी न्याय मिले. पेपर लीक और नकल की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून बने और ऐसे लोगों की संपत्ति जब्त करने का कानून बनाया जाना चाहिए.
उनका कहना है कि रीट परीक्षा में पर्चा गंगापुर सिटी तक जयपुर से पेपर गया है, जबकि एसआई भर्ती परीक्षा में बीकानेर से पाली पेपर गया था. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि आखिर कहां-कहां पेपर गया होगा. इसके पीछे कौनसे बड़े नेता का हाथ है. इसकी गहराई से जांच हो और उसे जेल में डाला जाना चाहिए. ऐसे मामलों में गैर जमानती कानून बनना चाहिए. इन सब मांगों को लेकर आज बड़ा आंदोलन था, लेकिन आंदोलन से पहले ही मुझे गिरफ्तार कर लिया गया. लेकिन अपनी मांगों को लेकर लगातार संघर्ष जारी रहेगा. मैं न पीछे हटने वाला हूं और न पीछे हटूंगा. अंतिम सांस तक इन मांगों के लिए संघर्ष करने की बात भी उपेन यादव ने कही है.
समर्थन के लिए युवाओं का आभार भी जताया...
उपेन की गिरफ्तारी के बाद युवाओं ने तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर उनकी रिहाई के लिए मुहिम चलाई और उनके प्रति समर्थन जताया था. रिहाई के बाद उपेन ने सभी युवाओं और शुभचिंतकों का आभार जताया है.
क्या था मामला...
दरअसल, रीट में हुई गड़बड़ियों को के विरोध में और नकल व पेपर आउट के आरोपियों पर कठोर कार्रवाई व संपत्ति जब्त करने, गड़बड़ियों का विरोध करने पर गिरफ्तार किए गए बेरोजगारों को रिहा करने और उनके खिलाफ दर्ज मुकदमें वापस लेने की मांग को लेकर 30 सितंबर को दोपहर 1 बजे शहीद स्मारक पर बेरोजगार आंदोलन करने वाले थे. लेकिन गुरुवार को सुबह से ही उपेन यादव के त्रिवेणी नगर स्थित घर के बाहर सादा वर्दी में पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया था. जैसे ही वह शहीद स्मारक जाने के लिए घर से निकले, पुलिस उन्हें पकड़कर अपने साथ ले गई.